शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं (Road accidents in Himachal) को देखते हुए हिमाचल पुलिस भी चिंतित है. इन्हीं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस योजना बना रही हैं कि किस तरह सड़क हादसों को कम किया जा सके. हिमाचल पुलिस द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक पिछले 5 वर्षों में हर साल औसतन 2700 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं और 1100 मौतें हो रही हैं. हिमाचल प्रदेश पुलिस सड़क हादसों को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए ओवर स्पीडिंग, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग, हेलमेट न पहनने और बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना मुख्य कारण माना जा रहा है.
प्रदेश में 1 अप्रैल 2022 तक 553 दुर्घटनाएं और 217 मौतें हुई हैं. जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 595 दुर्घटनाएं और 307 मौतें हुई थीं. सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक उपचारात्मक उपाय करने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा दुर्घटना संभावित क्षेत्रों/खिंचावों की पहचान करना एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य है. राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों, मुख्य जिला सड़कों, ग्रामीण सड़कों और अन्य सड़कों पर कुल 142 दुर्घटना संभावित क्षेत्रों/हिस्सों की पहचान की गई है.
जिलेवार आवश्यक इंजीनियरिंग हस्तक्षेप/सुधार जैसे क्रैश बैरियर (crash barriers on roads लगाने, संकरे हिस्सों को चौड़ा करने, मलबा हटाने, साइन बोर्ड लगाने आदि के लिए इस विवरण को एचपीपीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, बीआरओ आदि सहित सड़क स्वामित्व वाली एजेंसियों के साथ साझा किया गया है. डीजीपी संजय कुंडू (DGP Himachal Sanjay Kundu) ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है. पुलिस ने प्रदेश भर में 142 ऐसे पॉइंट चिन्हित किए हैं, जहां सड़क दुर्घटनाएं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन पॉइंट को किस तरह से ठीक किया जाए, इस पर पुलिस काम कर रही है.
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