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शिमला में 3 दिन में तीन लोगों ने की आत्महत्या, आज 17 साल के नाबालिग ने किया सुसाइड - shimla suicide news

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आत्महत्या का मामला सामने आया है. यहां एक 17 साल के नाबालिग ने अपनी जीवनलीला खत्म कर ली. पढ़ें पूरी खबर...

17 year old minor commits suicide in Shimla
पुलिस थाना बालूगंज.
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Published : Apr 10, 2023, 8:18 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के चक्कर में आत्महत्या का मामला सामने आया है. 17 साल के नाबालिग ने आत्महत्या की है. यह चक्कर में योगानंद भवन संदल मकान में किराए के कमरे में रहता था. यह भवन राकेश बाली नाम के व्यक्ति का है. दोपहर के समय कमरे में उसका शव मिला है.

मृतक के पिता की पहले मौत हो चुकी है. इसकी माता शबनम वर्मा समरहिल को ऑपरेटिव बैंक में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं. जो पंजाब की रहने वाली बताई जा रही हैं. बताया जा रहा है कि इसके घर के अन्य लोग नजदीक पड़ाव बालूगंज में रहते हैं. पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर मृतक के मोबाइल को जांच के लिए कब्जे में ले लिया है.

3 दिन में तीसरा मामला: राजधानी शिमला में पिछले 3 दिनों में आत्महत्या का यह तीसरा मामला है. बीते रोज छोटा शिमला में 52 साल के व्यक्ति ने आत्महत्या की थी, जबकि उससे पिछले दिन युवती ने अपनी जान दी थी जिसका शव पुलिस को घर के साथ लगते जंगल में मिला था. एसपी रमेश ने बताया कि चक्कर में एक 17 साल के लड़के द्वारा फंदा लगाने का मामला सामने आया है पुलिस मामले की जांच कर रही है.

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक: IGMC शिमला के मनोरोग चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार की मानें तो आत्महत्या से पहले लोग बातों व व्यवहार से कई तरह के संकेत दे देते हैं. या तो वे कम बातें करेंगे या भावुक होकर रोना शुरू कर देंगे. इन संकेतों को स्वजन समझें व सुनें. चिकित्सक की सलाह लें. नशे के कारण भी लोग आत्महत्या करते हैं. नशा एक बीमारी है. इसका सेवन करने वालों का इलाज करवाएं. डिप्रेशन के कारण ज्यादातर लोग आत्महत्या करते हैं. लक्षण पाए जाने पर साइको थेरेपी व काउंसिलिंग करवाएं. प्रिवेंशन का अर्ली स्टेप्स बताएं.

क्या कार्रवाई करती है पुलिस: अगर कहीं किसी ने जहरीला पदार्थ निगल लिया या फंदा लगाया तो पुलिस CRPC की धारा 174 के तहत कार्रवाई करती है. अगर स्वजन आरोप लगाते हैं कि आत्महत्या के लिए उकसाया गया या प्रताड़ना से तंग आकर कदम उठाया तो IPC की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होता है. ऐसा तभी होता है अगर पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट या अन्य सुबूत मिले हों.

Read Also- शिमला में 52 वर्षीय व्यक्ति ने की आत्महत्या, कंप्यूटर सेंटर चलाता था मृतक

शिमला: राजधानी शिमला के चक्कर में आत्महत्या का मामला सामने आया है. 17 साल के नाबालिग ने आत्महत्या की है. यह चक्कर में योगानंद भवन संदल मकान में किराए के कमरे में रहता था. यह भवन राकेश बाली नाम के व्यक्ति का है. दोपहर के समय कमरे में उसका शव मिला है.

मृतक के पिता की पहले मौत हो चुकी है. इसकी माता शबनम वर्मा समरहिल को ऑपरेटिव बैंक में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं. जो पंजाब की रहने वाली बताई जा रही हैं. बताया जा रहा है कि इसके घर के अन्य लोग नजदीक पड़ाव बालूगंज में रहते हैं. पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर मृतक के मोबाइल को जांच के लिए कब्जे में ले लिया है.

3 दिन में तीसरा मामला: राजधानी शिमला में पिछले 3 दिनों में आत्महत्या का यह तीसरा मामला है. बीते रोज छोटा शिमला में 52 साल के व्यक्ति ने आत्महत्या की थी, जबकि उससे पिछले दिन युवती ने अपनी जान दी थी जिसका शव पुलिस को घर के साथ लगते जंगल में मिला था. एसपी रमेश ने बताया कि चक्कर में एक 17 साल के लड़के द्वारा फंदा लगाने का मामला सामने आया है पुलिस मामले की जांच कर रही है.

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक: IGMC शिमला के मनोरोग चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार की मानें तो आत्महत्या से पहले लोग बातों व व्यवहार से कई तरह के संकेत दे देते हैं. या तो वे कम बातें करेंगे या भावुक होकर रोना शुरू कर देंगे. इन संकेतों को स्वजन समझें व सुनें. चिकित्सक की सलाह लें. नशे के कारण भी लोग आत्महत्या करते हैं. नशा एक बीमारी है. इसका सेवन करने वालों का इलाज करवाएं. डिप्रेशन के कारण ज्यादातर लोग आत्महत्या करते हैं. लक्षण पाए जाने पर साइको थेरेपी व काउंसिलिंग करवाएं. प्रिवेंशन का अर्ली स्टेप्स बताएं.

क्या कार्रवाई करती है पुलिस: अगर कहीं किसी ने जहरीला पदार्थ निगल लिया या फंदा लगाया तो पुलिस CRPC की धारा 174 के तहत कार्रवाई करती है. अगर स्वजन आरोप लगाते हैं कि आत्महत्या के लिए उकसाया गया या प्रताड़ना से तंग आकर कदम उठाया तो IPC की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होता है. ऐसा तभी होता है अगर पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट या अन्य सुबूत मिले हों.

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