शिमला: राजधानी शिमला में नगर निगम हादसे का इंतजार कर रहा है. शहर में 140 पेड़ लोगों के लिए खतरा बना हुए है. ये पेड़ कभी भी गिर सकते है और लोगों की जान भी जा सकती है. लोग निगम प्रशासन से पेड़ों को काटने की गुहार लगा रहे है, लेकिन निगम अभी तक खतरनाक पेड़ों का निरीक्षण करने में ही जुटा है जबकि बरसात शुरू हो गई है और हर साल बरसात में पेड़ गिरते हैं और भारी नुकसान भी हुआ है.
शहर में अधिकतर पेड़ घरों के लिए खतरा बन हुए है. ये पेड़ गिरते है तो जानी नुक्सान भी हो सकता है. कई क्षेत्रों में लोग नगर निगम ओर वन विभाग से पेड़ों को काटने की गुहार लगा रहे है, लेकिन निगम इन पेड़ों को कटवाने की सरकार से अनुमति नही ले पाया है. विकासनगर, छोटा शिमला, खलीनी, बेनमोर, कच्ची घाटी सहित क्षेत्रों में पेड़ लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं.
लोगों का कहना है कि नगर निगम और वन विभाग को एक साल से घरों के लिए खतरा बने पेड़ों को कटवाने के लिए आवेदन कर रहे है, लेकिन इन पेड़ों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि पेड़ों के गिरने का डर हर वक्त बना हुआ है. पेड़ गिरते है तो घरों को नुक्सान हो सकता है और लोग भी इसकी चपेट में आ सकते है. लोगों ने नगर निगम से जल्द से जल्द इन पेड़ों को कटवाने की मांग की.
बता दें बरसात में हर साल पेड़ो के गिरने से नुक्सान होता है और इस बार भी बरसात के शुरू होते ही पेड़ गिरने लगे हैं. ऐसे में इन खतरनाक पेड़ो को नही हटाया जाता है तो कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है.