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हिमकेयर-आयुष्मान के 102 करोड़ के क्लेम पेंडिंग, कई अस्पताल मरीजों का नहीं कर रहे इलाज

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Published : Apr 7, 2023, 6:24 PM IST

Updated : Apr 8, 2023, 5:26 PM IST

हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर और आयुष्मान भारत कार्ड धारकों को सही से इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इतना ही नहीं दोनों योजनाओं के करीब 102 करोड़ के क्लेम अभी तक पेंडिंग पड़े हुए हैं. जिसके चलते कई अस्पताल मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं.

हिमकेयर-आयुष्मान के 102 करोड़ के क्लेम पेंडिंग
हिमकेयर-आयुष्मान के 102 करोड़ के क्लेम पेंडिंग

शिमला: हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत के करीब 102 करोड़ के क्लेम पेडिंग पड़े हुए हैं. इनकी अदायगी सरकार को करनी है, लेकिन समय पर इसकी अदायगी न होने पर कई निजी अस्पताल इन योजनाओं के तहत मरीजों के इलाज नहीं कर रहे हैं. हिमकेयर और आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में आ रही दिक्कतों को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरती रही है.

क्या है ये योजनाएं: हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजनाएं लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधाएं देती हैं. हिमकेयर योजना पूर्व सरकार के समय से हिमाचल में चलाई जा रही थी, इसके तहत एक कार्ड पर परिवार के पांच सदस्यों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है. अगर पांच से अधिक परिवार के सदस्य होते हैं तो वे बाकी सदस्यों के लिए दूसरा कार्ड बना सकते हैं. हिमकेयर के लिए 1000 रुपए का प्रिमियम संबंधित परिवार को देना पड़ता है. हालांकि पहले यह कार्ड एक साल तक वैध होते थे, लेकिन पूर्व सरकार ने इनकी वैधता तीन साल कर दी है.

यही नहीं पहले जहां हिमकेयर कार्ड को साल में जनवरी से मार्च तक ही बनाया जाता था, लेकिन अब किसी भी समय इनको बनाया जा सकता है. हिमकेयर के तहत साल में 5 लाख तक की इलाज करने की सुविधा है. इसके विपरीत आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की है. इसमें बीपीएल के परिवारों को लिया जाता है. इसके लिए कोई भी प्रिमियम संबंधित परिवार से नहीं लिया जाता है. इसके मरीज देश के सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवा सकते हैं.

हिमाचल में दोनों योजनाओं के तहत 11.38 लाख लोग रजिस्टर्ड: हिमाचल में करीब 11.38 लाख परिवार इन दोनों योजनाओं के तहत रजिस्टर्ड हैं. इनमें करीब 7.03 लाख परिवार हिमकेयर और करीब 4.35 लाख परिवार आयुष्मान योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं. इन परिवारों का पांच लाख तक का इलाज निशुल्क किया जाता है. हिमाचल में हिमकेयर योजना के मरिजों के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों को भी इनके लिए इंपैनल किया गया है, जहां मरीज अपना इलाज इन कार्ड से करवा सकते हैं. करीब 266 अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज की सुविधा है. हिमाचल से बाहर पीजआई चंडीगढ़ और जीएमसीएच-32 में हिमकेयर के तहत हिमाचल के मरीजों का इलाज किया जाता है.

वहीं, सरकार मरीजों के इलाज पर आए खर्च का भुगतान करती है. हालांकि हिमकेयर योजना पूरी तरह हिमाचल सरकार की है. ऐसे में इसका पैसा राज्य सरकार देती है. जबकि आयुष्मान भारत केंद्र सरकार की योजना है. लेकिन, पिछले काफी समय से इन दोनों योजनाओं के कई क्लेम क्लीयर नहीं किए गए हैं. राज्य में 69,076 क्लेम के करीब 102.66 करोड़ की अदायगी अभी की जानी है. इनमें आयुष्मान योजना के तहत करीब 34,480 क्लेम के करीब 41.47 करोड़, जबकि हिमकेयर योजना के तहत करीब 34,596 क्लेम की करीब 61.19 करोड़ की देनदारियां लंबित हैं.

तीन सालों में किया गया 4.78 लाख रोगियों का इलाज: केंद्र की आयुष्मान और राज्य सरकार की हिमकेयर योजना के तहत हिमाचल के 4,78,148 रोगियों का इलाज किया गया है. जिन पर 521.80 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. हिमकेयर योजना के तहत कुल 3,55,976 रोगियों का बीते तीन साल में इलाज किया गया. जिन पर 359.12 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. वहीं, आयुष्मान योजना के तहत बीते तीन सालों में 1,22,172 मरीजों का इलाज किया गया और इन पर 162.68 करोड़ की राशि खर्च की गई है.

विपक्ष हिमकेयर योजना बंद करने की जता रहा आशंका: हिमकेयर योजना को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार को घेर रही है. भाजपा का कहना है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में हिमकेयर योजना का न तो जिक्र किया और न ही इसके लिए कोई धन का प्रावधान किया है. भाजपा ने यह भी आशंका जताई कि सरकार हिमकेयर योजना को बंद करने जा रही है. यही नहीं भाजपा के विधायक कई अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज बंद होने की बात विधानसभा सदन में भी उठा चुके हैं. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल कह चुके हैं कि सरकार हिमकेयर योजना को बंद नहीं करेगी. बल्कि इसको और मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि हिमकेयर के क्लेमों की राशि सरकार समय-समय पर जारी कर रही है. आयुष्मान के लिए केंद्र सरकार की ओर से राशि पेंडिंग पड़ी हुई है. इसको जारी करने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है.

ये भी पढ़ें: PM मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत अब दो बच्चों के जन्म पर भी मिलेगा वित्तीय लाभ, दूसरी दफा बेटी हुई तो मिलेगी 6 हजार की राश

शिमला: हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत के करीब 102 करोड़ के क्लेम पेडिंग पड़े हुए हैं. इनकी अदायगी सरकार को करनी है, लेकिन समय पर इसकी अदायगी न होने पर कई निजी अस्पताल इन योजनाओं के तहत मरीजों के इलाज नहीं कर रहे हैं. हिमकेयर और आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में आ रही दिक्कतों को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरती रही है.

क्या है ये योजनाएं: हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजनाएं लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधाएं देती हैं. हिमकेयर योजना पूर्व सरकार के समय से हिमाचल में चलाई जा रही थी, इसके तहत एक कार्ड पर परिवार के पांच सदस्यों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है. अगर पांच से अधिक परिवार के सदस्य होते हैं तो वे बाकी सदस्यों के लिए दूसरा कार्ड बना सकते हैं. हिमकेयर के लिए 1000 रुपए का प्रिमियम संबंधित परिवार को देना पड़ता है. हालांकि पहले यह कार्ड एक साल तक वैध होते थे, लेकिन पूर्व सरकार ने इनकी वैधता तीन साल कर दी है.

यही नहीं पहले जहां हिमकेयर कार्ड को साल में जनवरी से मार्च तक ही बनाया जाता था, लेकिन अब किसी भी समय इनको बनाया जा सकता है. हिमकेयर के तहत साल में 5 लाख तक की इलाज करने की सुविधा है. इसके विपरीत आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की है. इसमें बीपीएल के परिवारों को लिया जाता है. इसके लिए कोई भी प्रिमियम संबंधित परिवार से नहीं लिया जाता है. इसके मरीज देश के सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवा सकते हैं.

हिमाचल में दोनों योजनाओं के तहत 11.38 लाख लोग रजिस्टर्ड: हिमाचल में करीब 11.38 लाख परिवार इन दोनों योजनाओं के तहत रजिस्टर्ड हैं. इनमें करीब 7.03 लाख परिवार हिमकेयर और करीब 4.35 लाख परिवार आयुष्मान योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं. इन परिवारों का पांच लाख तक का इलाज निशुल्क किया जाता है. हिमाचल में हिमकेयर योजना के मरिजों के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों को भी इनके लिए इंपैनल किया गया है, जहां मरीज अपना इलाज इन कार्ड से करवा सकते हैं. करीब 266 अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज की सुविधा है. हिमाचल से बाहर पीजआई चंडीगढ़ और जीएमसीएच-32 में हिमकेयर के तहत हिमाचल के मरीजों का इलाज किया जाता है.

वहीं, सरकार मरीजों के इलाज पर आए खर्च का भुगतान करती है. हालांकि हिमकेयर योजना पूरी तरह हिमाचल सरकार की है. ऐसे में इसका पैसा राज्य सरकार देती है. जबकि आयुष्मान भारत केंद्र सरकार की योजना है. लेकिन, पिछले काफी समय से इन दोनों योजनाओं के कई क्लेम क्लीयर नहीं किए गए हैं. राज्य में 69,076 क्लेम के करीब 102.66 करोड़ की अदायगी अभी की जानी है. इनमें आयुष्मान योजना के तहत करीब 34,480 क्लेम के करीब 41.47 करोड़, जबकि हिमकेयर योजना के तहत करीब 34,596 क्लेम की करीब 61.19 करोड़ की देनदारियां लंबित हैं.

तीन सालों में किया गया 4.78 लाख रोगियों का इलाज: केंद्र की आयुष्मान और राज्य सरकार की हिमकेयर योजना के तहत हिमाचल के 4,78,148 रोगियों का इलाज किया गया है. जिन पर 521.80 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. हिमकेयर योजना के तहत कुल 3,55,976 रोगियों का बीते तीन साल में इलाज किया गया. जिन पर 359.12 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. वहीं, आयुष्मान योजना के तहत बीते तीन सालों में 1,22,172 मरीजों का इलाज किया गया और इन पर 162.68 करोड़ की राशि खर्च की गई है.

विपक्ष हिमकेयर योजना बंद करने की जता रहा आशंका: हिमकेयर योजना को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार को घेर रही है. भाजपा का कहना है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में हिमकेयर योजना का न तो जिक्र किया और न ही इसके लिए कोई धन का प्रावधान किया है. भाजपा ने यह भी आशंका जताई कि सरकार हिमकेयर योजना को बंद करने जा रही है. यही नहीं भाजपा के विधायक कई अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज बंद होने की बात विधानसभा सदन में भी उठा चुके हैं. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल कह चुके हैं कि सरकार हिमकेयर योजना को बंद नहीं करेगी. बल्कि इसको और मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि हिमकेयर के क्लेमों की राशि सरकार समय-समय पर जारी कर रही है. आयुष्मान के लिए केंद्र सरकार की ओर से राशि पेंडिंग पड़ी हुई है. इसको जारी करने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है.

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Last Updated : Apr 8, 2023, 5:26 PM IST
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