करसोग/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जिलों में अपनी मांगों को लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के सदस्य एक बार फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. दरअसल, करसोग, ढालपुर सहित भरमौर में जिला परिषद कैडर के अधिकारी और कर्मचारी शनिवार से अनिश्चित काल के लिए कलम छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसे में विकासखंड के तहत पड़ने वाली पंचायतों में जरूरी कामकाज ठप पड़ गया है. लोगों के डिजास्टर के तहत होने वाले काम , मनरेगा सहित अन्य जरूरी कार्य प्रभावित हो गए हैं. वहीं, जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारी विकासखंड चुराग ने मांगे पूरी न होने तक हड़ताल को जारी रखने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में ग्रामीणों की मुश्किलें और भी बढ़ सकती है.
ढालपुर में भी हड़ताल पर बैठे जिप कैडर कर्मचारी: दरअसल, कुल्लू में एक बार फिर से जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के कर्मचारी अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. ढालपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ कुल्लू ब्लॉक के अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर के तहत 4700 कर्मचारी और अधिकारी काम कर रहे हैं. 22 सालों से वह लगातार काम कर रहे हैं और इतने लंबे अंतराल के बाद भी उन्हें पंचायती राज विभाग में विलय नहीं किया गया है.
भरमौर मिनी सचिवालय के बाहर हड़ताल: विकास खंड भरमौर के जिप कर्मियों ने भी मिनी सचिवालय के बाहर हड़ताल शुरू कर दी है. जिप कर्मियों ने एलान किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, यह हड़ताल जारी रहेगी. भरमौर विकास खंड के सभी जिप कर्मी मिनी सचिवालय के बाहर हड़ताल पर बैठे हुए हैं. उधर, भरमौर दौरे पर पहुंचे जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी से भी हड़ताली जिप कर्मियों ने मुलाकात की है. इस दौरान मंत्री ने प्रदेश में आई आपदा का हवाला देते हुए मांगों को पूरा होने में विलंब होने की दलील दी. उनका कहना था कि मामला सरकार के ध्यान में है और इस पर गंभीरता के साथ विचार भी कर रही है.
ये है अधिकारियों और कर्मचारियों की मांगे: बता दें, जिला परिषद कैडर महासंघ की मुख्य मांग अधिकारियों और कर्मचारियों का ग्रामीण विकास विभाग या फिर पंचायतीराज विभाग में विलय करने की है. ताकि इन विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सभी तरह के लाभ मिल सके. इसके अतिरिक्त जिला परिषद कैडर के अधिकारी और कर्मचारी अन्य विभागों को मिलने वाले छठे वेतन आयोग के लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए जिला परिषद कैडर के अधिकारी और कर्मचारी मांग पूरा न होने पर पूर्व भाजपा की सरकार में भी जुलाई 2022 में हड़ताल पर बैठे थे. ऐसे में 11 दिनों तक पंचायतों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया था.
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