मंडी: वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने गुरुवार को एनटीपीसी की जल परिवहन विशेषज्ञों की टीम और परिवहन आयुक्त कैप्टन जे.एम. पठानिया के साथ तत्तापानी से कोलडैम तक जल परिवहन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सर्वे किया.
पहले चरण में तत्तापानी से कोलडैम तक के क्षेत्र को पर्यटन गतिविधियों के लिए विकसित करने की योजना तैयार की गई है. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे. जल परिवहन सेवा शुरू होने से घंटों का सफर मिनटों में हो सकेगा, जिससे लोगों के पैसे की भी बचत होगी.
हिमाचल में जल्द शुरू हो सकती है जल परिवहन सेवा, संभावनाएं तलाशने के लिए किया गया सर्वे
वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में जल्द ही झीलों के माध्यम से जल परिवहन सेवा शुरू की जाएगी. इससे सड़कों पर न केवल यातायात का दबाव कम होगा साथ ही पर्यटन गतिविधियों को भी बल मिलेगा.
मंडी: वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने गुरुवार को एनटीपीसी की जल परिवहन विशेषज्ञों की टीम और परिवहन आयुक्त कैप्टन जे.एम. पठानिया के साथ तत्तापानी से कोलडैम तक जल परिवहन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सर्वे किया.
पहले चरण में तत्तापानी से कोलडैम तक के क्षेत्र को पर्यटन गतिविधियों के लिए विकसित करने की योजना तैयार की गई है. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे. जल परिवहन सेवा शुरू होने से घंटों का सफर मिनटों में हो सकेगा, जिससे लोगों के पैसे की भी बचत होगी.
Body:गोविंद सिंह ठाकुर ने गुरुवार को एनटीपीसी की जल परिवहन विशेषज्ञों की टीम और परिवहन आयुक्त कैप्टन जे.एम. पठानिया के साथ तत्तापानी से कोलडैम तक जल परिवहन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सर्वे किया। प्रथम चरण में तत्तापानी से कोलडैम तक के क्षेत्र को पर्यटन गतिविधियों के लिए विकसित करने की योजना तैयार की गई है।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का पर्यटन विकास पर विशेष जोर है। मुख्यमंत्री की विकासात्मक सोच के अनुरूप ही जलमार्गों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। जलमार्गों के विकास से पर्यटकों के लिए अनेक मनोरंजक गतिविधियों के अवसर उपलब्ध होंगे। लोग नौका विहार का आनंद ले सकेंगे। झीलों के सौंदर्यकरण के अलावा इनके किनारों पर और आस-पास में पर्यटकों के अनुकूल सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
प्रदेश में पर्यावरण अनुकूल विकास को तरजीह देते हुए नदियों-झीलों को प्रदूषणमुक्त रखने के लिए भी व्यापक योजना पर काम किया जा रहा है। जल परिवहन शुरू होने से जल के प्राकृतिक तंत्र और जलीय जीवों को कोई संकट न हो इस का ध्यान रखा जाएगा। Conclusion: