ETV Bharat / state

जोगिंद्रनगर में जल शक्ति विभाग के भंडारण स्थल में भूमिगत जल की बर्बादी, लोगों में नाराजगी - joginder nagar news

जोगिंद्रनगर में भूमिगत जल की बर्बादी हो रही है. वहीं, मामले को लेकर जल शक्ति विभाग मंडल के अधिशाषी अभियंता का कहना है कि भूमिगत जल संरक्षण को लेकर जल शक्ति विभाग गंभीर है. पेयजल बर्बादी को लेकर विभागीय अधिकारियों से रिर्पोट तलब करने के दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

wastage of Ground wate
फोटो.
author img

By

Published : Sep 8, 2020, 8:44 AM IST

मंडी: भूमिगत जल संरक्षण के लिए जल शक्ति विभाग के महत्वाकांक्षी अभियानों के तहत पेयजल उपभोक्ताओं को भले ही जल संरक्षण के लिए उनकी जिम्मेवारी का एहसास करवाया जा रहा है, लेकिन जब इस अभियान की धज्जियां उड़ रही हो तो विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है.

लोगों को पेयजल संरक्षण का पाठ पढ़ाने वाले जोगिंद्रनगर जल शक्ति विभाग स्वयं पेयजल की बर्बादी पर लापरवाह है. भूमिगत जल की बर्बादी की तस्वीरें सोशल मीडिया में भी वायरल हो रही है. ये तस्वीरें शहर से चार किलोमीटर दूर डोहग स्थित जल शक्ति विभाग के भंडारण की बताई जा रही हैं.

यहां पर जल संरक्षण अभियान के तहत भूमिगत जल आपूर्ति से पेयजल उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वकांक्षी योजना के तहत हैडपंप के निर्माण के लिए पाइप लाइन स्थापित की गई थी. हैडपंप तो स्थापित हुआ नहीं लेकिन भूमिगत जल की बर्बादी बीते कुछ दिनों से हो रही है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय को विभिन्न अभियानों के तहत जल संरक्षण के फायदे को लेकर लोगों के बीच में जागरूकता पैदा करने और जल संरक्षण पर सभी की सहभागिता दर्ज करवाने का भी जिम्मा सौंप रखा है ताकि हर घर में पीने का साफ पानी उपलब्ध करवाया जा सके.

मौजूदा समय में जोगेंद्रनगर के लडभड़ोल क्षेत्र के कई दुर्गम क्षेत्रों में पेयजल का संकट बरकरार है. ऐसे में विभागीय भंडारण स्थल पर हो रही पानी की बर्बादी को लेकर लोगों ने जल शक्ति विभाग की जवाबदेही तय करने की मांग की है.

वहीं, जल शक्ति विभाग मंडल के अधिशाषी अभियंता चैंतड़ा बीएम गोयल का कहना है कि भूमिगत जल संरक्षण को लेकर जल शक्ति विभाग गंभीर है. विभाग के भंडारण स्थल में पेयजल बर्बादी को लेकर विभागीय अधिकारियों से रिर्पोट तलब करने के दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: गगरेट के विधायक की पत्नी-बेटी पाई गई कोरोना पॉजिटिव, पीए-पीएसओ भी संक्रमित

मंडी: भूमिगत जल संरक्षण के लिए जल शक्ति विभाग के महत्वाकांक्षी अभियानों के तहत पेयजल उपभोक्ताओं को भले ही जल संरक्षण के लिए उनकी जिम्मेवारी का एहसास करवाया जा रहा है, लेकिन जब इस अभियान की धज्जियां उड़ रही हो तो विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है.

लोगों को पेयजल संरक्षण का पाठ पढ़ाने वाले जोगिंद्रनगर जल शक्ति विभाग स्वयं पेयजल की बर्बादी पर लापरवाह है. भूमिगत जल की बर्बादी की तस्वीरें सोशल मीडिया में भी वायरल हो रही है. ये तस्वीरें शहर से चार किलोमीटर दूर डोहग स्थित जल शक्ति विभाग के भंडारण की बताई जा रही हैं.

यहां पर जल संरक्षण अभियान के तहत भूमिगत जल आपूर्ति से पेयजल उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वकांक्षी योजना के तहत हैडपंप के निर्माण के लिए पाइप लाइन स्थापित की गई थी. हैडपंप तो स्थापित हुआ नहीं लेकिन भूमिगत जल की बर्बादी बीते कुछ दिनों से हो रही है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय को विभिन्न अभियानों के तहत जल संरक्षण के फायदे को लेकर लोगों के बीच में जागरूकता पैदा करने और जल संरक्षण पर सभी की सहभागिता दर्ज करवाने का भी जिम्मा सौंप रखा है ताकि हर घर में पीने का साफ पानी उपलब्ध करवाया जा सके.

मौजूदा समय में जोगेंद्रनगर के लडभड़ोल क्षेत्र के कई दुर्गम क्षेत्रों में पेयजल का संकट बरकरार है. ऐसे में विभागीय भंडारण स्थल पर हो रही पानी की बर्बादी को लेकर लोगों ने जल शक्ति विभाग की जवाबदेही तय करने की मांग की है.

वहीं, जल शक्ति विभाग मंडल के अधिशाषी अभियंता चैंतड़ा बीएम गोयल का कहना है कि भूमिगत जल संरक्षण को लेकर जल शक्ति विभाग गंभीर है. विभाग के भंडारण स्थल में पेयजल बर्बादी को लेकर विभागीय अधिकारियों से रिर्पोट तलब करने के दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: गगरेट के विधायक की पत्नी-बेटी पाई गई कोरोना पॉजिटिव, पीए-पीएसओ भी संक्रमित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.