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हिमाचल प्रदेश के 2 किसानों को मिला दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार

हिमाचल प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के 2 किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरेंद्र कुमार चौधरी और कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने संजय को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बधाई देते हुए खुशी व्यक्त की है.

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Published : Jul 17, 2021, 6:33 PM IST

सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के 2 किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. एक किसान मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के पलौहटा गांव और दूसरे किसान बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखते हैं. कृषि के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के बूते संजय कुमार प्रदेश के किसानों के लिए भी प्ररेणा स्त्रोत बने हुए हैं.

राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरेंद्र कुमार चौधरी और कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने संजय को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बधाई देते हुए खुशी व्यक्त की है. अफगानिस्तान और दुबई में लाखों की नौकरी छोड़ खेतों की राह पकड़ने वाले संजय कुमार क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं.

एमकॉम तक की पढ़ाई करने वाले संजय कुमार 2010 से 2014 तक विदेश में रहे. इसके बाद गांव लौटे तो खेतीबाड़ी करने की सोची. कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानियों से चर्चा करने के बाद विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी 12 बीघा जमीन में खेतीबाड़ी को मजबूती प्रदान कर इसे कमाई के बेहतर साधन में बदल दिया.

संजय कुमार 560 वर्ग मीटर के चार पॉलीहाऊस में बेमौसमी सब्जी उगा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण हासिल किया. इसमें वह शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, धनिया और बीन की खेती करते हैं. जिससे सालाना पांच लाख की आमदनी होती है.

वीडियो.

संजय कुमार ने 2019 में भारतीय कृषि कौशल परिषद के तहत शून्य लागत प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर भी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से प्रशिक्षण हासिल किया. जिसके तहत अब वह शून्य लागत प्राकृतिक खेती में मास्टर ट्रेनर का काम भी कर रहे हैं.

खेतीबाड़ी में उनके अनुभवों का लाभ प्रदान करने के लिए कृषि बागवानी व अन्य निजी संस्थाओं के प्रशिक्षुओं को उनके फार्म पर भ्रमण भी करवाया जाता है. संजय कुमार ने देश नस्ल की गायों के साथ ही बकरियों से भी अतिरिक्त आमदनी हासिल की है. वह साहीवाल नस्ल की गायों का दूध बेचते हैं. उन्होंने 20 बकरियां रखी हुई हैं.

उधर, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Agricultural University Palampur) के कुलपति डॉक्टर हरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बिलासपुर के किसान हरिमन शर्मा और सुंदरनगर के संजय कुमार ने कृषि वैज्ञानियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यह पुरस्कार हासिल किया है. जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं. अपनी इन्हीं उपलब्धियों के चलते वह प्रदेश के अन्य किसानों में प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं.

ये भी पढ़ें- हुड़दंगी पर्यटकों पर सख्त हुई कुल्लू पुलिस, हथियार मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई

सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के 2 किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. एक किसान मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के पलौहटा गांव और दूसरे किसान बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखते हैं. कृषि के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के बूते संजय कुमार प्रदेश के किसानों के लिए भी प्ररेणा स्त्रोत बने हुए हैं.

राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरेंद्र कुमार चौधरी और कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रभारी डॉ. पंकज सूद ने संजय को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बधाई देते हुए खुशी व्यक्त की है. अफगानिस्तान और दुबई में लाखों की नौकरी छोड़ खेतों की राह पकड़ने वाले संजय कुमार क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं.

एमकॉम तक की पढ़ाई करने वाले संजय कुमार 2010 से 2014 तक विदेश में रहे. इसके बाद गांव लौटे तो खेतीबाड़ी करने की सोची. कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानियों से चर्चा करने के बाद विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी 12 बीघा जमीन में खेतीबाड़ी को मजबूती प्रदान कर इसे कमाई के बेहतर साधन में बदल दिया.

संजय कुमार 560 वर्ग मीटर के चार पॉलीहाऊस में बेमौसमी सब्जी उगा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण हासिल किया. इसमें वह शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, धनिया और बीन की खेती करते हैं. जिससे सालाना पांच लाख की आमदनी होती है.

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संजय कुमार ने 2019 में भारतीय कृषि कौशल परिषद के तहत शून्य लागत प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर भी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से प्रशिक्षण हासिल किया. जिसके तहत अब वह शून्य लागत प्राकृतिक खेती में मास्टर ट्रेनर का काम भी कर रहे हैं.

खेतीबाड़ी में उनके अनुभवों का लाभ प्रदान करने के लिए कृषि बागवानी व अन्य निजी संस्थाओं के प्रशिक्षुओं को उनके फार्म पर भ्रमण भी करवाया जाता है. संजय कुमार ने देश नस्ल की गायों के साथ ही बकरियों से भी अतिरिक्त आमदनी हासिल की है. वह साहीवाल नस्ल की गायों का दूध बेचते हैं. उन्होंने 20 बकरियां रखी हुई हैं.

उधर, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Agricultural University Palampur) के कुलपति डॉक्टर हरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बिलासपुर के किसान हरिमन शर्मा और सुंदरनगर के संजय कुमार ने कृषि वैज्ञानियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यह पुरस्कार हासिल किया है. जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं. अपनी इन्हीं उपलब्धियों के चलते वह प्रदेश के अन्य किसानों में प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं.

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