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रिवालसर चिड़ियाघर में राज्य पक्षी जाजूराणा के साथ हिमालय मोनाल को जल्द निहार सकेंगे सैलानी

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Published : Jan 9, 2021, 4:02 PM IST

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंजूरी मिलने के उपरांत रिवालसर चिड़ियाघर में हिमाचल के जंगलों में रहने वाले विभिन्न प्रकार के पक्षी पर्यटकों को देखने को मिलेंगे. मनाली और सराहन फिजेंट्री की तर्ज पर रिवालसर चिड़ियाघर में निर्माण किया जा रहा है. इस चिड़ियाघर में अब राज्य पक्षी जाजूराणा और हिमालय मोनाल को सैलानी जल्द देख पाएंगे.डीएफओ वाइल्डलाइफ विभाग सतीश नेगी ने बताया कि विभाग द्वारा इसका प्रस्ताव बनाकर सेंट्रल जू अथॉरिटी को भेज दिया गया है.

Rivalsar Zoo
रिवालसर चिड़ियाघर

मंडीः तीन धर्मों की तपस्थली रिवालसर में स्थित चिड़ियाघर में अब पर्यटकों राज्य पक्षी जाजूराणा और हिमालय मोनाल को पर्यटक अब जल्द ही निहार सकेंगे. इसके साथ ही चिड़ियाघर में जंगली मुर्गा और मोर भी रखे जाएंगे. इन दिनों चिड़ियाघर में भालू, घोरड़, सांभर,चीतल, ककड़, सैहल रखे गए हैं. वन्य प्राणी विभाग चिड़ियाघर रिवालसर में 4000 हेक्टर भू-भाग में फिजेंट्री तैयार कर रहा है.

डीएफओ वाइल्डलाइफ ने दी जानकारी
डीएफओ वाइल्डलाइफ विभाग सतीश नेगी ने बताया कि विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर सेंट्रल जू अथॉरिटी को भेज दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंजूरी मिलने के उपरांत रिवालसर चिड़ियाघर में हिमाचल के जंगलों में रहने वाले विभिन्न प्रकार के पक्षी पर्यटकों को देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि मनाली और सराहन फिजेंट्री की तर्ज पर रिवालसर चिड़ियाघर में निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर रिवालसर में रेस्क्यू किए गए जंगली पक्षियों को भी रखा जाएगा.

तीन धर्मों की आस्था का केंद्र है रिवालसर
बता दें कि मंडी जिला का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल रिवालसर बौद्ध, हिंदू व सिख धर्म के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है. इसे तीन धर्मों की तपोस्थली भूमि भी कहा जाता है. यहां पर बौद्ध गुरु पदम संभव ने प्रवास किया था. वहीं लोमश ऋषि ने यहां पर तप किया था. सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह रिवालसर में रुके थे. रिवालसर के चिड़ियाघर में वहीं अब राज्य पक्षी जाजूराणा और हिमालय मोनाल के आने से सैलानियों की आमद और बढ़ने की संभावना है.

मंडीः तीन धर्मों की तपस्थली रिवालसर में स्थित चिड़ियाघर में अब पर्यटकों राज्य पक्षी जाजूराणा और हिमालय मोनाल को पर्यटक अब जल्द ही निहार सकेंगे. इसके साथ ही चिड़ियाघर में जंगली मुर्गा और मोर भी रखे जाएंगे. इन दिनों चिड़ियाघर में भालू, घोरड़, सांभर,चीतल, ककड़, सैहल रखे गए हैं. वन्य प्राणी विभाग चिड़ियाघर रिवालसर में 4000 हेक्टर भू-भाग में फिजेंट्री तैयार कर रहा है.

डीएफओ वाइल्डलाइफ ने दी जानकारी
डीएफओ वाइल्डलाइफ विभाग सतीश नेगी ने बताया कि विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर सेंट्रल जू अथॉरिटी को भेज दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंजूरी मिलने के उपरांत रिवालसर चिड़ियाघर में हिमाचल के जंगलों में रहने वाले विभिन्न प्रकार के पक्षी पर्यटकों को देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि मनाली और सराहन फिजेंट्री की तर्ज पर रिवालसर चिड़ियाघर में निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर रिवालसर में रेस्क्यू किए गए जंगली पक्षियों को भी रखा जाएगा.

तीन धर्मों की आस्था का केंद्र है रिवालसर
बता दें कि मंडी जिला का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल रिवालसर बौद्ध, हिंदू व सिख धर्म के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है. इसे तीन धर्मों की तपोस्थली भूमि भी कहा जाता है. यहां पर बौद्ध गुरु पदम संभव ने प्रवास किया था. वहीं लोमश ऋषि ने यहां पर तप किया था. सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह रिवालसर में रुके थे. रिवालसर के चिड़ियाघर में वहीं अब राज्य पक्षी जाजूराणा और हिमालय मोनाल के आने से सैलानियों की आमद और बढ़ने की संभावना है.

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