मंडी : अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर निर्माण में प्रदेश के तीर्थ स्थानों की मिट्टी और जल का इस्तेमाल किया जाएगा. यह जानकारी विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष लेख राज राणा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जितने भी प्राचीन धार्मिक स्थान, प्राचीन झीलें और नदियां हैं उन सभी की मिट्टी और जल मंदिर निर्माण के लिए भेजे जाएंगे.
डाक के माध्यम से भेजेंगे
प्रदेश के प्रत्येक जिले में तैनात विहिप के कार्यकर्ता इस काम को अंजाम देंगे. मंडी जिला की बात करें तो यहां की कमरूनाग झील, रिवालसर झील, पराशर झील, ब्यास नदी, शिकारी देवी और अन्य प्राचीन धार्मिक स्थानों की मिट्टी और जल भेजने की योजना बनाई गई है. यह मिट्टी और जल एकत्रित करने के बाद इसे डाक के माध्यम से अयोध्या भिजवाया जाएगा.
लेखराज राणा ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर विश्व हिंदू परिषद ने लिया है. देशभर के प्राचीन धार्मिक स्थलों से यह मिट्टी और जल भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि कोई मंदिर निर्माण में अपना आर्थिक सहयोग देना चाहता है तो उसके लिए अकाउंट नंबर जारी किया गया है. लोग सीधे इस खाते में अपना योगदान दे सकते हैं.
4 जून से सामूहिक प्रार्थना
लेखराज राणा ने बताया कि मंदिर का निर्माण निर्विघ्न हो और कोरोना महामारी से मुक्ति मिले, इसके लिए बीती 19 मई से विश्व हिंदू परिषद सामूहिक प्रार्थनाओं का आयोजन करवा रही है. यह प्रार्थनाएं और सत्संग लोग अपने घरों पर कर रहे हैं. अभी तक 41 हजार परिवार इन प्रार्थनाओं में हिस्सा ले चुके हैं. अब 4 जून को फिर से इस सामूहिक प्रार्थना और सत्संग को करने का कार्यक्रम बनाया गया है. जिसमें 60 हजार परिवारों के दो लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया.
ये भी पढ़ें:प्रदेश युवा कांग्रेस ने जयराम सरकार पर बोला हमला, वायरल ऑडियो मामले पर घेरा