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HIMACHAL: 20 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे शिकारी माता मंदिर के कपाट - Shikari Mata Mandir

मंडी जिले में स्थित माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट 20 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे. मंदिर खोलने के फैसले के साथ ही प्रशासन मंदिर तक जाने वाले रास्तों को दुरुस्त करने में जुट गया है. (Mata Shikari Devi temple) (Mata Shikari Devi temple will open from March 20)

Mata Shikari Devi temple
Mata Shikari Devi temple
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Published : Mar 14, 2023, 5:34 PM IST

सराज: सोमवार 20 मार्च को माता शिकारी देवी के कपाट खुल जाएंगे. जिसके बाद श्रद्धालु माता के दर्शन कर सकेंगे. गौरतलब है कि बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन इस बार वक्त से पहले ही मंदिर के कपाट खुल रहे हैं.

20 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे माता शिकारी देवी के कपाट
20 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे माता शिकारी देवी के कपाट.

अप्रैल में खुलते हैं कपाट- बीते साल 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट बंद हैं. बर्फबारी के मौसम को देखते हुए हर साल ये कदम उठाया जाता है और अप्रैल में मंदिर के कपाट खुलते हैं लेकिन इस बार बीते सालों के मुकाबले कम बर्फबारी हुई है. पहाड़ों पर मानो गर्मी वक्त से पहले दस्तक दे चुकी है ऐसे में सराज प्रशासन ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सोमवार 20 मार्च को कपाट खोलने का फैसला लिया है.

सड़कों को खोलने में जुटा लोक निर्माण विभाग- मंदिर खोलने के फैसले के साथ ही प्रशासन मंदिर तक जाने वाले रास्तों को दुरुस्त करने में जुट गया है. मंदिर तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो इसके लिए एसडीएम थुनाग ने सराज के लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए हैं कि एक सप्ताह में सड़कों को दुरुस्त कर दिया जाए ताकि अगले सप्ताह के पहले दिन मंदिर के कपाट खोले जा सकें. थुनाग पारस अग्रवाल ने कहा कि अगले सोमवार 20 मार्च से मंदिर के कपाट खोलने का फैसला लिया गया है श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न आए इसके लिए लोक निर्माण विभाग को सड़क को दुरुस्त करने के आदेश दिए गए हैं.

मंडी जिले में शिकारी देवी माता की काफी मान्यता है.
मंडी जिले में शिकारी देवी माता की काफी मान्यता है.

मंदिर की काफी मान्यता है- मंडी जिले में शिकारी देवी माता की काफी मान्यता है. पर्यटक यहां ट्रैकिंग के लिए भी पहुंचते हैं तो कुछ पर्यटक माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां मंडी नैरचौक चैलचौक थुनाग और पडोहं सहित कई वैकल्पिक रास्तों से होकर माता शिकारी हुए पहुंचा जाता है. रास्ते में बहुत अच्छे अच्छे धार्मिक स्थल मिलते हैं. रास्तों में कई मनमोहक दृश्य और स्थल हैं. जिसमें जंजैहली से सात किलोमीटर दूर भुलाह और बूढ़ा केदार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. थुनाग के समीप बना मनरेगा पार्क इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

बीते साल 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट बंद हैं.
बीते साल 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट बंद हैं.

अच्छे पर्यटन सीजन की उम्मीद- धार्मिक स्थल के कपाट मार्च के अंत में ही खुलने पर अच्छे पर्यटक सीजन की उम्मीद है. पर्यटक और श्रद्धालुओं ने शिकारी देवी के लिए रुख करने से पिछले चार माह से ठंडी पड़ी पर्यटक स्थली जंजैहली घाटी में आस जगी है. गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र के दौरान माता शिकारी में श्रद्धालुओं का आने से घाटी में रौनक लौट आती है जिससे की माह से बंद पड़ी पर्यटन क्षेत्र की उम्मीदें जाग उठी है.

ये भी पढ़ें: दियोटसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास मेलों का आगाज, DC हमीरपुर ने पूरी की झंडा रस्म

सराज: सोमवार 20 मार्च को माता शिकारी देवी के कपाट खुल जाएंगे. जिसके बाद श्रद्धालु माता के दर्शन कर सकेंगे. गौरतलब है कि बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन इस बार वक्त से पहले ही मंदिर के कपाट खुल रहे हैं.

20 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे माता शिकारी देवी के कपाट
20 मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे माता शिकारी देवी के कपाट.

अप्रैल में खुलते हैं कपाट- बीते साल 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट बंद हैं. बर्फबारी के मौसम को देखते हुए हर साल ये कदम उठाया जाता है और अप्रैल में मंदिर के कपाट खुलते हैं लेकिन इस बार बीते सालों के मुकाबले कम बर्फबारी हुई है. पहाड़ों पर मानो गर्मी वक्त से पहले दस्तक दे चुकी है ऐसे में सराज प्रशासन ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सोमवार 20 मार्च को कपाट खोलने का फैसला लिया है.

सड़कों को खोलने में जुटा लोक निर्माण विभाग- मंदिर खोलने के फैसले के साथ ही प्रशासन मंदिर तक जाने वाले रास्तों को दुरुस्त करने में जुट गया है. मंदिर तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो इसके लिए एसडीएम थुनाग ने सराज के लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए हैं कि एक सप्ताह में सड़कों को दुरुस्त कर दिया जाए ताकि अगले सप्ताह के पहले दिन मंदिर के कपाट खोले जा सकें. थुनाग पारस अग्रवाल ने कहा कि अगले सोमवार 20 मार्च से मंदिर के कपाट खोलने का फैसला लिया गया है श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न आए इसके लिए लोक निर्माण विभाग को सड़क को दुरुस्त करने के आदेश दिए गए हैं.

मंडी जिले में शिकारी देवी माता की काफी मान्यता है.
मंडी जिले में शिकारी देवी माता की काफी मान्यता है.

मंदिर की काफी मान्यता है- मंडी जिले में शिकारी देवी माता की काफी मान्यता है. पर्यटक यहां ट्रैकिंग के लिए भी पहुंचते हैं तो कुछ पर्यटक माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां मंडी नैरचौक चैलचौक थुनाग और पडोहं सहित कई वैकल्पिक रास्तों से होकर माता शिकारी हुए पहुंचा जाता है. रास्ते में बहुत अच्छे अच्छे धार्मिक स्थल मिलते हैं. रास्तों में कई मनमोहक दृश्य और स्थल हैं. जिसमें जंजैहली से सात किलोमीटर दूर भुलाह और बूढ़ा केदार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. थुनाग के समीप बना मनरेगा पार्क इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

बीते साल 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट बंद हैं.
बीते साल 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट बंद हैं.

अच्छे पर्यटन सीजन की उम्मीद- धार्मिक स्थल के कपाट मार्च के अंत में ही खुलने पर अच्छे पर्यटक सीजन की उम्मीद है. पर्यटक और श्रद्धालुओं ने शिकारी देवी के लिए रुख करने से पिछले चार माह से ठंडी पड़ी पर्यटक स्थली जंजैहली घाटी में आस जगी है. गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र के दौरान माता शिकारी में श्रद्धालुओं का आने से घाटी में रौनक लौट आती है जिससे की माह से बंद पड़ी पर्यटन क्षेत्र की उम्मीदें जाग उठी है.

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