करसोग: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में सतलुज नदी पर बना थली सुन्नी पुल को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है. ऐसे में लोगों की जान के खतरे को देखते हुए पुल को जनमानस के लिए बंद कर दिया गया है. इस बारे में एसडीएम विचित्र सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं. सतलुज नदी पर बना ये पुल जिला मंडी के तहत थली और जिला शिमला के अंतर्गत सुन्नी क्षेत्र को आपस में जोड़ता है. पिछले सप्ताह लगातार तीन दिन हुई बारिश की वजह से सतलुज नदी में आई आई बाढ़ की वजह से पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. ऐसे में जान के खतरे को देखते हुए पुल पर लोगों के चलने फिरने पर रोक लगा दी गई है.
अब तत्तापानी पुल से होकर आना पड़ेगा सुन्नी: जिला मंडी के अंतर्गत उपमंडल करसोग के तहत थली, शाकरा, जेडवी, मुंगना, बिंदला, ओडा, खरेड़ी, नादों, बिजनी, खंडेच, देवल, कांडा आदि गांव के लोगों को तत्तापानी पुल से होकर सुन्नी आना पड़ेगा. थली सुन्नी पुल का मरम्मत कार्य पूरा न होने तक लोगों को करीब 10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटकर सुन्नी पहुंचना पड़ेगा. इसी तरह से सुन्नी की तरफ से थली की और जाने वाले लोगों को भी तत्तापानी पुल से होकर चक्कर काटना पड़ेगा. शाकरा पंचायत सहित आसपास के क्षेत्रों से कर्मचारियों सहित छात्र बड़ी संख्या में सुन्नी आते हैं. इसी तरह से जिला शिमला भी लोगों का आना जाना रहता है.
सतलुज नदी के आसपास बेकार में न घूमे लोग: प्रशासन ने अनहोनी को रोकने के लिए सतलुज पर बने पुल और नदी के तट के आसपास बेकार घूमने पर भी रोक लगा दी है. नदी में आई बाढ़ के बाद क्षेत्र में काफी तबाही मची है. ऐसे में सतलुज के जलस्तर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग नदी के तट पर पहुंच रहे हैं.जिसके देखते हुए लोगों के नदी के आसपास अनावश्यक रूप से घूमने पर रोक लगाई गई है.
एसडीएम विचित्र सिंह का कहना है कि बाढ़ की वजह से सतलुज का पानी पुल के ऊपर से आ गया था. जिस वजह से पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. जिस कारण अनहोनी घटना को रोकने के लिए पुल को असुरक्षित घोषित किया गया है. इस बारे में आदेश जारी किए गए हैं.