करसोग: छह महीने बाद श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे. प्रदेश सरकार के आदेशों के बाद उपमंडल में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए गुरुवार से मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. इस बारे में प्रशासन ने भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से जारी एसओपी के तहत मंदिरों को खोलने के निर्देश जारी किए हैं.
करसोग में ममलेश्वर महादेव, कामाक्षा और माहूंनाग आदि प्रसिद्ध मंदिर हैं. यहां प्रदेश सहित देश के कोने-कोने से लोग दर्शनों के लिए आते हैं. इन सभी मंदिरों भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. ऐसे में इन मंदिरों में कमेटियों को और अधिक सतर्कता बरते जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.
सभी मंदिर कमेटियों को सरकार की गाइडलाइन की पालना करने को कहा गया है. इसमें अगर किसी भी तरह की कोताही बरते जाने का मामला सामने आता है, तो ऐसे में प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के करीब छह महीने बाद मंदिरों के कपाट खुल रहे हैं, ऐसे में प्रशासन ने सभी मंदिर कमेटियों को विशेष सावधानियां बरतने के आदेश दिए हैं. सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 65 साल के ऊपर की आयु के बुजुर्गों के मंदिर आने पर प्रतिबंध रहेगा.
इसके अतिरिक्त मंदिर में भजन कीर्तन और भंडारे भी नहीं लगाए जा सकेंगे. सभी कमेटियों को मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर रखना होगा. यहां श्रद्धालुओं को सेनेटाइज होने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति होगी. इसी तरह से मंदिर में प्रवेश और बाहर निकलने के लिए अलग-अलग रास्तों के प्रबंध करना होगा. यही नहीं मंदिर प्रशासन को अधिक भीड़ जमा न होने के भी निर्देश दिए गए हैं.
श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण के अंदेशे से बचने के लिए शारीरिक दूरी के नियमों की पूरी पालना करनी होगी. उधर प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के सामने आ रहे अत्यधिक मामलों को देखते हुए लोगों से बहुत जरूरी होने पर ही मंदिर में आने की अपील की है.
एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने एसओपी तैयार किया है. जिसके तहत उपमंडल में मंदिर खोले जाएंगे. इस बारे मंदिर कमेटियों को सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोताही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.