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मिड डे मील की राशि सीधी बच्चों के खाते में डालने से शिक्षक खफा, कहा: 4.97 पैसों में नहीं होता गुजारा

मिड डे मील की राशि सीधी बच्चों के खाते में डालने का अध्यापकों ने कड़ा विरोध जताया है. शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि इस काम को किसी और संस्था को दे दिया जाए, ताकि शिक्षक पढ़ाई को सुचारू रूप से करवा सकें. सरकार बच्चों को मात्र 4.97 पैसे की राशि मिड डे मील के रूप में देती है, महंगाई के इस दौर में बच्चों के लिए यह राशि बहुत कम है.

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Published : Apr 30, 2021, 7:28 AM IST

मंडी: मिड डे मील के बदले अब छात्रों के खाते में सीधी दी जाने वाली राशि का अध्यापकों ने कड़ा विरोध जताया है. शिक्षा खंड गोपालपुर-2 के शिक्षकों ने भांबला में हुई बैठक के दौरान सरकार और विभाग के इस फैसले को गलत बताया है.

शिक्षकों ने कहा है कि कई बाहरी राज्यों के बच्चों के खाते नहीं खुले हैं. ऐसे में उनके खाते खुलवाने में कई समस्याएं सामने आएंगी, जिसके कारण बच्चों को यह राशि नहीं मिल पाएगी. सरकार बच्चों को मात्र 4.97 पैसे की राशि मिड डे मील के रूप में दे जाती है, जोकि बहुत ही कम है. इस समय राशन, सब्जी, गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में यह राशि बहुत कम है अत: मिड डे मील बनाने के लिए बच्चों के लिए यह राशि बहुत कम होगी. बच्चों के खाते में पैसे जमा करवाने में भी उन्हें परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को यही आदेश लागू करना है तो इस काम को किसी और संस्था को दे दिया जाए.

शिक्षकों को लेना पड़ता है उधार

शिक्षकों का कहना है कि मिड डे मील तैयार करने के लिए पहले अध्यापकों को राशन, सब्जी सहित, गैस आदि उधार पर लेना पड़ता है, जिसमें कई तरह की दिक्कतें सामने आती हैं. कई बार तो शिक्षकों को अपने जेब से पहले पैसे खर्च करने पड़ते हैं और बाद में सरकार को बिल बनाकर देने पड़ते है. अगर यह राशि सीधी बच्चों के खाते में जाएगी तो अध्यापकों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ेंगी. इसलिए शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि इस काम को किसी और संस्था को दे दिया जाए, ताकि शिक्षक पढ़ाई को सुचारू रूप से करवा सकें.

ये भी पढ़ें- अच्छी खबर...पांगी में तीन शावकों के साथ दिखाई दी मादा बर्फानी तेंदुआ

मंडी: मिड डे मील के बदले अब छात्रों के खाते में सीधी दी जाने वाली राशि का अध्यापकों ने कड़ा विरोध जताया है. शिक्षा खंड गोपालपुर-2 के शिक्षकों ने भांबला में हुई बैठक के दौरान सरकार और विभाग के इस फैसले को गलत बताया है.

शिक्षकों ने कहा है कि कई बाहरी राज्यों के बच्चों के खाते नहीं खुले हैं. ऐसे में उनके खाते खुलवाने में कई समस्याएं सामने आएंगी, जिसके कारण बच्चों को यह राशि नहीं मिल पाएगी. सरकार बच्चों को मात्र 4.97 पैसे की राशि मिड डे मील के रूप में दे जाती है, जोकि बहुत ही कम है. इस समय राशन, सब्जी, गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में यह राशि बहुत कम है अत: मिड डे मील बनाने के लिए बच्चों के लिए यह राशि बहुत कम होगी. बच्चों के खाते में पैसे जमा करवाने में भी उन्हें परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को यही आदेश लागू करना है तो इस काम को किसी और संस्था को दे दिया जाए.

शिक्षकों को लेना पड़ता है उधार

शिक्षकों का कहना है कि मिड डे मील तैयार करने के लिए पहले अध्यापकों को राशन, सब्जी सहित, गैस आदि उधार पर लेना पड़ता है, जिसमें कई तरह की दिक्कतें सामने आती हैं. कई बार तो शिक्षकों को अपने जेब से पहले पैसे खर्च करने पड़ते हैं और बाद में सरकार को बिल बनाकर देने पड़ते है. अगर यह राशि सीधी बच्चों के खाते में जाएगी तो अध्यापकों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ेंगी. इसलिए शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि इस काम को किसी और संस्था को दे दिया जाए, ताकि शिक्षक पढ़ाई को सुचारू रूप से करवा सकें.

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