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सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने का वीडियो हुआ था वायरल, मामले को प्रशासन ने सिरे से किया खारिज

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Published : Jul 20, 2019, 11:24 PM IST

सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज थे. मामले में अब मुख्य सचिव ने रिपोर्ट तलब की है.

मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)


मंडी: चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीणों का पेयजल को लेकर वायरल वीडियो पर मुख्‍य सचिव ने रिपोर्ट तलब की है. इस पर एसडीएम पधर ने मौके का दौरा किया और जांच परख की.

ग्रामीणों के अनुसार कुफरधार के बाशिंदों के लिए आईपीएच विभाग द्वारा कोई भी पेयजल योजना नहीं बनाई है. ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में खड्डे खोद कर बारिश के इकठ्ठे किए गए पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है. इस मटमैले पानी से जहां ग्रामीण अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं, अपने पालतू मवेशियों को भी यही पानी पिलाया जाता है जिस कारण गांव में कोई भी महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है.

मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)
मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)

मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर मुख्‍य सचिव ने कड़ा संज्ञान लिया है. उन्‍होंने एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग को मामले में छानबीन के आदेश दिए थे. जिस पर उन्होंने एसडीएम पधर से विस्‍तृत रिपोर्ट मांगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम पधर मौके पर पहुंचे और छानबीन की. छानबीन में सामने आया है कि वहां कोई स्‍थायी रिहायश नहीं है.

खेतीबाड़ी के लिए ग्रामीण सीजन के दौरान यहां जाते हैं. जबकि गांव यहां से करीब 45 मिनट की दूरी पर है. प्रशासन की जांच में सामने आया है कि ग्रामीण पेयजल साथ लेकर जाते हैं. ये भी पाया गया है कि यहां एक पाइप लाइन थी जिसे अब दुरुस्‍त किया जाएगा. वायरल वीडियो में बताई जा रही समस्‍या को प्रशासन ने नकारा है.

मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)

एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग ने बताया कि मुख्‍य सचिव के आदेश पर छानबीन की गई है. इसमें गंदा पानी पीने को लेकर कोई तथ्‍य नहीं पाए गए. पाइप लाइन को दुरुस्‍त करने के लिए आईपीएच विभाग से एस्टीमेट मिलने पर इसे रिपेयर करवाया जाएगा. इसकी रिपोर्ट मौखिक तौर पर मुख्‍य सचिव को बता दी गई है. लिखित रिपोर्ट भी भेजी गई है.

ये भी पढे़ं - Viral Video: सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने को मजबूर लोग, जनमंच में समस्या उठाने के बाद भी पेयजल की परेशानी


मंडी: चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीणों का पेयजल को लेकर वायरल वीडियो पर मुख्‍य सचिव ने रिपोर्ट तलब की है. इस पर एसडीएम पधर ने मौके का दौरा किया और जांच परख की.

ग्रामीणों के अनुसार कुफरधार के बाशिंदों के लिए आईपीएच विभाग द्वारा कोई भी पेयजल योजना नहीं बनाई है. ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में खड्डे खोद कर बारिश के इकठ्ठे किए गए पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है. इस मटमैले पानी से जहां ग्रामीण अपनी प्यास बुझाते हैं. वहीं, अपने पालतू मवेशियों को भी यही पानी पिलाया जाता है जिस कारण गांव में कोई भी महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है.

मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)
मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)

मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर मुख्‍य सचिव ने कड़ा संज्ञान लिया है. उन्‍होंने एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग को मामले में छानबीन के आदेश दिए थे. जिस पर उन्होंने एसडीएम पधर से विस्‍तृत रिपोर्ट मांगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम पधर मौके पर पहुंचे और छानबीन की. छानबीन में सामने आया है कि वहां कोई स्‍थायी रिहायश नहीं है.

खेतीबाड़ी के लिए ग्रामीण सीजन के दौरान यहां जाते हैं. जबकि गांव यहां से करीब 45 मिनट की दूरी पर है. प्रशासन की जांच में सामने आया है कि ग्रामीण पेयजल साथ लेकर जाते हैं. ये भी पाया गया है कि यहां एक पाइप लाइन थी जिसे अब दुरुस्‍त किया जाएगा. वायरल वीडियो में बताई जा रही समस्‍या को प्रशासन ने नकारा है.

मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण (फाइल)

एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग ने बताया कि मुख्‍य सचिव के आदेश पर छानबीन की गई है. इसमें गंदा पानी पीने को लेकर कोई तथ्‍य नहीं पाए गए. पाइप लाइन को दुरुस्‍त करने के लिए आईपीएच विभाग से एस्टीमेट मिलने पर इसे रिपेयर करवाया जाएगा. इसकी रिपोर्ट मौखिक तौर पर मुख्‍य सचिव को बता दी गई है. लिखित रिपोर्ट भी भेजी गई है.

ये भी पढे़ं - Viral Video: सीएम के गृह जिले में मटमैला पानी पीने को मजबूर लोग, जनमंच में समस्या उठाने के बाद भी पेयजल की परेशानी

Intro:मंडी। चौहारघाटी की लटराण पंचायत के कुफरधार गांव के ग्रामीणों का पेयजल को लेकर वायरल वीडियो पर मुख्‍य सचिव ने रिपोर्ट तलब की है। इस पर एसडीएम पधर ने मौके का दौरा किया और जांच परख की। जिसमें सामने आया है कि खेती बाड़ी के लिए अपने घर से करीब 45 मिनट की दूरी पर जाने के लिए ग्रामीण खुद पेयजल ले जाते हैं। वायरल वीडियो में बताई जा रही समस्‍या को प्रशासन ने नकारा है।


Body:ग्रामीणों के अनुसार कुफरधार के बाशिंदों के लिए आईपीएच विभाग द्वारा कोई भी पेयजल योजना नहीं बनाई हुई है। ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में खड्डे खोद कर बारिश के इकठ्ठे किए गए पानी से अपना गुजारा करना पड़ रहा है। इस मटमैले पानी से जहां ग्रामीण अपनी प्यास बुझाते हैं। वहीं अपने पालतू मवेशियों को भी यही पानी पिलाया जाता है। जिस कारण गांव में कोई भी महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर मुख्‍य सचिव ने कड़ा संज्ञान लिया। उन्‍होंने एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग को मामले में छानबीन के आदेश दिए थे। जिस पर उन्‍हाेंने एसडीएम पधर से विस्‍तृत रिपोर्ट मांगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम पधर मौके पर पहुंचे और छानबीन की। छानबीन में सामने आया है कि वहां कोई स्‍थायी रिहायश नहीं है। खेतीबाड़ी के लिए ग्रामीण सीजन के दौरान यहां जाते हैं। जबकि गांव यहां से करीब 45 मिनट की दूरी पर हैं। प्रशासन की जांच में सामने आया है कि ग्रामीण पेयजल साथ लेकर जाते हैं। यह भी पाया गया है कि यहां एक पाइप लाइन थी। जिसे अब दुरूस्‍त किया जाएगा।Conclusion:एडीसी मंडी आशुतोष गर्ग ने बताया कि मुख्‍य सचिव के आदेश पर छानबीन की गई है। जिसमें गंदा पानी पीने को लेकर कोई तथ्‍य नहीं पाए गए हैं। ग्रामीण खेतीबाड़ी के लिए जाती बार अपने साथ पेयजल ले जाते हैं। बताया कि पाइप लाइन को दुरूस्‍त करने के लिए आईपीएच विभाग से इस्‍टीमेट मिलने पर इसे रिपेयर करवाया जाएगा। इसकी रिपोर्ट मौखिक तौर पर मुख्‍य सचिव को बता दी गई है। लिखित रिपोर्ट भी भेजी गई है।
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