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सुंदरनगर की सुनीता देवी ने संघर्ष के बीच लिखी कामयाबी की इबारत, जमीन कम पड़ी तो छत पर उगा दी पनीरी, लाखों की कमाई - woman farmer of Sundernagar sunita devi

हिमाचल प्रदेश में सुंदरनगर की महिला किसान सुनीता देवी जमीन न होने पर घर की छत पर पनीरी उगा रही हैं. जिससे वह सालाना तीन से साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई कर रही हैं. केवल पांचवी पास सुनीता देवी कई पुरस्कारों से पुरस्कृत हो चुकी हैं. परिवार की आर्थिकी मजबूत करने के लिए घर की छत को ही खेत बना डाला. क्योंकि.. पढ़ें पूरी खबर...

Success story of woman farmer of Sundernagar
सुंदरनगर की सुनीता देवी ने संघर्ष के बीच लिखी कामयाबी की इबारत
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 3, 2023, 7:37 PM IST

हिमाचल प्रदेश में सुंदरनगर की महिला किसान सुनीता देवी जमीन न होने पर घर की छत पर पनीरी उगा रही हैं.

सुंदरनगर/मंडी: हिमाचल प्रदेश में सुंदरनगर की महिला किसान सुनीता देवी ने हौसले से कामयाबी की इबारत लिख डाली. दरअसल, सुंदरनगर के भरज्वाणु की सुनीता देवी पति के अकसर बीमार रहने और खेती लायक जमीन न होने पर अपने घर की छत पर पनीरी उगाने का कार्य शुरू कर दिया. जिससे सुनीता देवी की एक साल में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई कर रही हैं. बता दें कि सुनीता देवी पनीरी उगाने के साथ लीज पर ली गई भूमि पर प्राकृतिक तरीकों से सब्जियों का भी उत्पादन कर रही है. सुनीता देवी केवल पांचवी पास हैं और आज वह छत पर पनीरी उगाने का कार्य करने पर देशभर में नाम कमा रही है. उन्हें नाचन जनकल्याण सेवा समिति, कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति ने उनके घर आकर सम्मानित कर चुके हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी महिला किसान दिवस के अवसर पर सुनीता के साथ वर्चुअली बातचीत कर उनके सराहनीय कार्य के लिए तारीफ की है.

कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से लिया प्रशिक्षण: बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कृषि शिक्षण संस्थानों के बच्चे सुनीता देवी के पास प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं. अब तक वह 300 से अधिक बच्चों को प्राकृतिक खेती और छत पर पनीरी के बारे में प्रशिक्षण दे चुकी हैं. छत पर पनीरी उगाने के कार्य को लेकर सुनीता देवी इलाके के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन कर उभरी है.

'खेती लायक नहीं थी जमीन': सुनीता देवी का कहना है कि पति के अकसर बीमार रहने और खेती लायक जमीन न होने पर घर की छत पर पनीरी उगा कर आय का सहारा बनाने के बारे में सोचा. जिससे कि वह घर पर रहकर अपने बीमार पति का भी ख्याल रख पाएगी. इसके साथ ही पनीरी को उगाने के लिए जमीन की भी जरूरत नहीं होगी. इसके लिए उन्होंने घर की छत पर लकड़ी के बॉक्स बनाकर उसमें विभिन्न सब्जियों की नर्सरी तैयार की और बाजार में बेचना शुरू किया. इससे सुनीता देवी को एक लाख तक की कमाई होने लगी.

तीन से साढ़े तीन लाख रुपये कमा रही सालाना: सुनीता देवी छत पर गोभी, बंद गोभी, ब्रोकली, घीया, करेला, खीरा, प्याज आदि के पनीरी उगाती है और बाजार में बेचती है. गांव के लोग उनसे घर पर आकर ही पनीरी ले जाते हैं और इस तरीके को भी सीखते हैं. सुनीता देवी ने पनीरी को उगाने के कार्य में सफलता मिलने पर सरकार की सहायता से प्राकृतिक खेती करने की सोची. इसके लिए उन्होंने जमीन लीज पर लेकर खेती शुरू कर दी. सुनीता देवी का कहना है कि पनीरी बेचकर और प्राकृतिक खेती करके वह तीन से साढ़े तीन लाख रुपये सालाना की आय अर्जित कर रही है.

सुनीता देवी ने जताया कृषि विज्ञान केंद्र का आभार: सुनीता देवी ने प्रदेश सरकार और कृषि विभाग का आभार जताया हुए कहा कि उनकी सफलता के पीछे प्रदेश सरकार विशेषकर कृषि विभाग का योगदान रहा है. उन्हें समय-समय कृषि विकास से कृषि से संबंधित नवीनतम जानकारी के साथ आर्थिक सहायता मिलती रही है.

उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि सुनीता देवी जैसी मेहनती महिलाओं को कृषि, उद्यान सहित अन्य विभागों की स्वावलंबी योजनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर महिलाओं की आय बढ़ाने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी कई कदम उठाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के सफल किसान: MJRP यूनिवर्सिटी ने पद्मश्री नेकराम शर्मा को पीएचडी की मानद उपाधि से नवाजा

हिमाचल प्रदेश में सुंदरनगर की महिला किसान सुनीता देवी जमीन न होने पर घर की छत पर पनीरी उगा रही हैं.

सुंदरनगर/मंडी: हिमाचल प्रदेश में सुंदरनगर की महिला किसान सुनीता देवी ने हौसले से कामयाबी की इबारत लिख डाली. दरअसल, सुंदरनगर के भरज्वाणु की सुनीता देवी पति के अकसर बीमार रहने और खेती लायक जमीन न होने पर अपने घर की छत पर पनीरी उगाने का कार्य शुरू कर दिया. जिससे सुनीता देवी की एक साल में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई कर रही हैं. बता दें कि सुनीता देवी पनीरी उगाने के साथ लीज पर ली गई भूमि पर प्राकृतिक तरीकों से सब्जियों का भी उत्पादन कर रही है. सुनीता देवी केवल पांचवी पास हैं और आज वह छत पर पनीरी उगाने का कार्य करने पर देशभर में नाम कमा रही है. उन्हें नाचन जनकल्याण सेवा समिति, कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति ने उनके घर आकर सम्मानित कर चुके हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी महिला किसान दिवस के अवसर पर सुनीता के साथ वर्चुअली बातचीत कर उनके सराहनीय कार्य के लिए तारीफ की है.

कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से लिया प्रशिक्षण: बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कृषि शिक्षण संस्थानों के बच्चे सुनीता देवी के पास प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं. अब तक वह 300 से अधिक बच्चों को प्राकृतिक खेती और छत पर पनीरी के बारे में प्रशिक्षण दे चुकी हैं. छत पर पनीरी उगाने के कार्य को लेकर सुनीता देवी इलाके के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन कर उभरी है.

'खेती लायक नहीं थी जमीन': सुनीता देवी का कहना है कि पति के अकसर बीमार रहने और खेती लायक जमीन न होने पर घर की छत पर पनीरी उगा कर आय का सहारा बनाने के बारे में सोचा. जिससे कि वह घर पर रहकर अपने बीमार पति का भी ख्याल रख पाएगी. इसके साथ ही पनीरी को उगाने के लिए जमीन की भी जरूरत नहीं होगी. इसके लिए उन्होंने घर की छत पर लकड़ी के बॉक्स बनाकर उसमें विभिन्न सब्जियों की नर्सरी तैयार की और बाजार में बेचना शुरू किया. इससे सुनीता देवी को एक लाख तक की कमाई होने लगी.

तीन से साढ़े तीन लाख रुपये कमा रही सालाना: सुनीता देवी छत पर गोभी, बंद गोभी, ब्रोकली, घीया, करेला, खीरा, प्याज आदि के पनीरी उगाती है और बाजार में बेचती है. गांव के लोग उनसे घर पर आकर ही पनीरी ले जाते हैं और इस तरीके को भी सीखते हैं. सुनीता देवी ने पनीरी को उगाने के कार्य में सफलता मिलने पर सरकार की सहायता से प्राकृतिक खेती करने की सोची. इसके लिए उन्होंने जमीन लीज पर लेकर खेती शुरू कर दी. सुनीता देवी का कहना है कि पनीरी बेचकर और प्राकृतिक खेती करके वह तीन से साढ़े तीन लाख रुपये सालाना की आय अर्जित कर रही है.

सुनीता देवी ने जताया कृषि विज्ञान केंद्र का आभार: सुनीता देवी ने प्रदेश सरकार और कृषि विभाग का आभार जताया हुए कहा कि उनकी सफलता के पीछे प्रदेश सरकार विशेषकर कृषि विभाग का योगदान रहा है. उन्हें समय-समय कृषि विकास से कृषि से संबंधित नवीनतम जानकारी के साथ आर्थिक सहायता मिलती रही है.

उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि सुनीता देवी जैसी मेहनती महिलाओं को कृषि, उद्यान सहित अन्य विभागों की स्वावलंबी योजनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर महिलाओं की आय बढ़ाने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी कई कदम उठाए जा रहे हैं.

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