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Success Story: चाय की दुकान चलाने वाले पिता का 23 साल का बेटा बना CA, मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में एक बेटे ने अपने पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. पिता चाय की दुकान चलाते हैं और मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. हितेश ठाकुर ने कम संसाधन होने के बावजूद भी अपने सपने को हकीकत में बदला. हितेश ठाकुर से कई लोग प्रेरणा ले सकते हैं जिनके पास कम संसाधन हैं और वो कुछ करना चाहते हैं. पढे़ं पूरी खबर... (ICAI CA Results) (Hitesh Thakur of Garlauni village became CA) (CA Success Story).

icai ca final, Himachal boy became CA
हितेश ठाकुर
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Published : Jul 6, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Jul 6, 2023, 8:11 PM IST

मंडी: पिता ने चाय की दुकान चलाकर बेटे को पढ़ाया और आज बेटे ने देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक सीए (CA) की परीक्षा पास कर पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के रिवालसर के गरलौनी गांव के हितेश ठाकुर ने अपनी सफलता से यह साबित कर दिखाया है कि सीमित संसाधनों में भी सफलता अर्जित की जा सकती है. बशर्ते मन में कुछ करने की इच्छा शक्ति हो.

हितेश ठाकुर की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. हितेश ने यह परीक्षा पास कर पिता मनोहर लाल के कंधों से जिम्मेदारियों का बोझ हल्का कर दिया है. परिवार में माता-पिता के अलावा हितेश का छोटा भाई व दादा-दादी हैं. हितेश की इस सफलता के बाद घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. गरलौनी निवासी हितेश ठाकुर ने बातचीत में बताया कि मई में परीक्षा का आयोजन हुआ था. परीक्षा का परिणाम 05 जुलाई को आया है.

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हितेश ठाकुर

ये भी पढ़ें- प्रेरणादायक: मेलों में चूड़ियां बेचकर पूरी की पढ़ाई, अब बनी असिस्टेंट प्रोफेसर, संगीता ने पेश की मिसाल

23 साल के हितेश ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से पूरी हुई. इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह से 10वीं व 12वीं की शिक्षा पूरी की. 6 साल की निरंतर मेहनत के बाद हितेश ने अपने सपने को हकीकत में बदला है. हितेश ने बताया कि पापा की चाय की दुकान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां की तनख्वाह से परिवार चलता है. हितेश ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार व गुरुजनों को दिया है.

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हितेश के पिता.

8 प्रतिशत ने ही पास की ये परीक्षा: हितेश की सफलता में अहम बात यह भी है कि देश भर में कुल 25,841 लोगों ने इस परीक्षा में भाग लिया था. जिनमें से केवल 8.33 % अभ्यर्थियों ने ही इस परीक्षा को पास किया. 25 हजार में से केवल 2,152 ने ही परीक्षा को पास किया है. हितेश भी इन 8 प्रतिशत अभ्यर्थियों में शामिल है. मात्र 23 वर्ष की उम्र में हितेश ठाकुर ने सीए की परीक्षा को उत्तीर्ण कर आज के युवाओं व खासकर वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हैं.

ये भी पढ़ें- नेत्रहीन छात्र ने JEE Advanced में हासिल की 20वीं रैंक, बोले- IT कंपनी की स्थापना करना मकसद

मंडी: पिता ने चाय की दुकान चलाकर बेटे को पढ़ाया और आज बेटे ने देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक सीए (CA) की परीक्षा पास कर पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के रिवालसर के गरलौनी गांव के हितेश ठाकुर ने अपनी सफलता से यह साबित कर दिखाया है कि सीमित संसाधनों में भी सफलता अर्जित की जा सकती है. बशर्ते मन में कुछ करने की इच्छा शक्ति हो.

हितेश ठाकुर की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. हितेश ने यह परीक्षा पास कर पिता मनोहर लाल के कंधों से जिम्मेदारियों का बोझ हल्का कर दिया है. परिवार में माता-पिता के अलावा हितेश का छोटा भाई व दादा-दादी हैं. हितेश की इस सफलता के बाद घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. गरलौनी निवासी हितेश ठाकुर ने बातचीत में बताया कि मई में परीक्षा का आयोजन हुआ था. परीक्षा का परिणाम 05 जुलाई को आया है.

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हितेश ठाकुर

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23 साल के हितेश ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से पूरी हुई. इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह से 10वीं व 12वीं की शिक्षा पूरी की. 6 साल की निरंतर मेहनत के बाद हितेश ने अपने सपने को हकीकत में बदला है. हितेश ने बताया कि पापा की चाय की दुकान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां की तनख्वाह से परिवार चलता है. हितेश ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार व गुरुजनों को दिया है.

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हितेश के पिता.

8 प्रतिशत ने ही पास की ये परीक्षा: हितेश की सफलता में अहम बात यह भी है कि देश भर में कुल 25,841 लोगों ने इस परीक्षा में भाग लिया था. जिनमें से केवल 8.33 % अभ्यर्थियों ने ही इस परीक्षा को पास किया. 25 हजार में से केवल 2,152 ने ही परीक्षा को पास किया है. हितेश भी इन 8 प्रतिशत अभ्यर्थियों में शामिल है. मात्र 23 वर्ष की उम्र में हितेश ठाकुर ने सीए की परीक्षा को उत्तीर्ण कर आज के युवाओं व खासकर वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हैं.

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Last Updated : Jul 6, 2023, 8:11 PM IST
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