सुंदरनगर: मंडी जिला के सुंदरनगर स्थित आईटीआई में पढ़ने वाले एक 20 वर्षीय दिव्यांग युवक को बेशक भगवान ने इस दुनिया को देखने के लिए दृष्टि प्रदान नहीं की है, लेकिन जब यह युवक अपनी प्रतिभा दिखाना शुरू करता है तो बड़े से बड़े कलाकार को पीछे छोड़ जाता है.
इस युवक का नाम अशोक कुमार है और प्रदेश के बिलासपुर जिला की तहसील झंडूता के झबोला गांव से सबंध रखता है. इस दिव्यांग युवक को बचपन से ही माता-पिता का प्यार नहीं मिला है. अशोक कुमार और उसकी बड़ी बहन भी बचपन से ही आंखों से नहीं देख सकते हैं.
विडंबना यह है कि इन दृष्टिहीन भाई-बहन को माता-पिता द्वारा बचपन में ही छोड़ कर अपनी नई दुनिया बसा ली गई. अब दोनों बच्चों की परवरिश का जिम्मा ताया-ताई पर है, जिन्होंने अशोक कुमार को शिमला के ढली में विशेष बच्चों के स्कूल में पढ़ाई के लिए छोड़ दिया गया.
अशोक कुमार बचपन से पढ़ाई के साथ साथ रेडियो पर कलाकारों की अवाजें सुन उनकी हुबहू नकल निकालने में निपुणता हासिल कर ली, लेकिन आज अशोक कुमार के पास इतनी प्रतिभा है कि वह किसी भी कलाकार की आवाज निकाल सकता है.
अशोक की इस प्रतिभा का खुलासा उस समय हुआ जब इस वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर आईटीआई में एक छोटा सा समारोह आयोजित किया गया था, वहीं अशोक कुमार ने एक डायलॉग बोलकर सब को अचंभे में डाल दिया और अशोक के डायलॉग सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लग गया. चारों तरफ अशोक कुमार के डायलॉग ने खूब वाहवाही लूटी.
मामला मीडिया के ध्यान में भी आया और सुंदरनगर के ईटीवी भारत संवाददाता नितेश सैनी ने आईटीआई पहुंच कर अशोक कुमार से विशेष बातचीत की. बातचीत के दौरान अशोक कुमार ने कई फिल्मी कलाकारों के डायलॉग भी बोले, वहीं आईटीआई के प्रिंसिपल विजय चौधरी और शिक्षका पार्वती ने कहा कि अशोक कुमार एक बहुत ही होनहार छात्र हैं.
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