ETV Bharat / state

करसोग में बारिश से खिले किसानों के चेहरे, अच्छी फसल होने की उम्मीद

करसोग में झमाझम बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं. करसोग में करीब 2500 बीघा भूमि पर मक्की की बिजाई होती है. इस बार समय से पहले मानसून के दस्तक देने से जमीन में पर्याप्त नमी है. समय पर बिजाई का काम शुरू होने से मक्की की फसल का एरिया बढ़ सकता है.

photo
फोटो
author img

By

Published : Jun 15, 2021, 9:02 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 10:55 AM IST

करसोग: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. इस बार 12 दिन पहले ही मानसून हिमाचल पहुंचा चुका है. हर साल मानसून 25 जून के आसपास हिमाचल पहुंचता था, लेकिन इस बार 12 दिन पहले ही मानसून की हिमाचल में एंट्री हो गई है. करसोग में झमाझम हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं. मक्की की बिजाई का काम शुरू हो गया है. यहां गेहूं के बाद मक्की प्रमुख फसल है.

बिजाई का काम शुरू

करसोग में करीब 2500 बीघा भूमि पर मक्की की बिजाई होती है. इस बार समय से पहले मानसून के दस्तक देने से जमीन में पर्याप्त नमी है. समय पर बिजाई का काम शुरू होने से मक्की की फसल का एरिया बढ़ सकता है. इसी तरह से नकदी फसलों में बीन भी अधिक बिजाई की जाती है. अब अच्छी बारिश के बाद किसानों ने बीन लगाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

वीडियो

नुकसान की भरपाई की उम्मीद

इसके अतिरिक्त क्षेत्र में शिमला मिर्च, टमाटर, बैगन व करेला आदि भी काफी लगाई जाती है, लेकिन प्री मानसून सीजन में पड़े लंबे सूखे और फिर बाद में मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि के कारण सब्जियों को पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में इस बार क्षेत्र में सब्जियों के उत्पादन पर इसका असर दिख सकता है.

कई सालों बाद हो सकता रिकॉर्ड उत्पादन

किसान नुकसान से उबरने के लिए अब मक्की और बीन की अधिक बिजाई करने में जुट गए हैं. ऐसे में अगर आने वाले समय में भी मानसून मेहरबान रहा तो, इस बार करसोग में कई सालों बाद खरीफ सीजन में रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है.

बता दें कि विंटर सीजन में पड़े लंबे सूखे और प्री मानसून सीजन में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से मटर की 70 और गेहूं की 80 फीसदी फसल बर्बाद हो गई थी. इस तरह से रबी सीजन में किसानों को बीज का पैसा भी वापस नहीं मिला. जिससे करसोग के हजारों किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: 'सरकार के निर्देशों के बाद भी नहीं रुक रही निजी स्कूलों के मनमानी, बनाया जा रहा फीस जमा करने का दबाव'

करसोग: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. इस बार 12 दिन पहले ही मानसून हिमाचल पहुंचा चुका है. हर साल मानसून 25 जून के आसपास हिमाचल पहुंचता था, लेकिन इस बार 12 दिन पहले ही मानसून की हिमाचल में एंट्री हो गई है. करसोग में झमाझम हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं. मक्की की बिजाई का काम शुरू हो गया है. यहां गेहूं के बाद मक्की प्रमुख फसल है.

बिजाई का काम शुरू

करसोग में करीब 2500 बीघा भूमि पर मक्की की बिजाई होती है. इस बार समय से पहले मानसून के दस्तक देने से जमीन में पर्याप्त नमी है. समय पर बिजाई का काम शुरू होने से मक्की की फसल का एरिया बढ़ सकता है. इसी तरह से नकदी फसलों में बीन भी अधिक बिजाई की जाती है. अब अच्छी बारिश के बाद किसानों ने बीन लगाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

वीडियो

नुकसान की भरपाई की उम्मीद

इसके अतिरिक्त क्षेत्र में शिमला मिर्च, टमाटर, बैगन व करेला आदि भी काफी लगाई जाती है, लेकिन प्री मानसून सीजन में पड़े लंबे सूखे और फिर बाद में मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि के कारण सब्जियों को पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में इस बार क्षेत्र में सब्जियों के उत्पादन पर इसका असर दिख सकता है.

कई सालों बाद हो सकता रिकॉर्ड उत्पादन

किसान नुकसान से उबरने के लिए अब मक्की और बीन की अधिक बिजाई करने में जुट गए हैं. ऐसे में अगर आने वाले समय में भी मानसून मेहरबान रहा तो, इस बार करसोग में कई सालों बाद खरीफ सीजन में रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है.

बता दें कि विंटर सीजन में पड़े लंबे सूखे और प्री मानसून सीजन में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से मटर की 70 और गेहूं की 80 फीसदी फसल बर्बाद हो गई थी. इस तरह से रबी सीजन में किसानों को बीज का पैसा भी वापस नहीं मिला. जिससे करसोग के हजारों किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: 'सरकार के निर्देशों के बाद भी नहीं रुक रही निजी स्कूलों के मनमानी, बनाया जा रहा फीस जमा करने का दबाव'

Last Updated : Jun 15, 2021, 10:55 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.