मंडी: हाल ही में नगर परिषद से नगर निगम बने मंडी टाउन को 20 साल पहले सीवरेज कनेक्शन से जोड़ा गया था. सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग ने मंडी टाउन एरिया व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एरिया में पांच हजार सीवरेज कनेक्शन लगाए हैं.
मंडी शहर से निकलने वाले सीवरेज को विभिन्न चैंबरों के माध्यम से सीवरेज लाइन से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाया जाता है. लैब टेक्नीशियन उमेश भारद्वाज ने बताया कि सीवरेज पानी के ट्रीट होने के बाद ही इसे नदी में डाला जाता है.
पानी को नदी के रास्ते डालने से पहले ट्रीटेड वॉटर की गुणवत्ता को जांचा जाता है. सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग ने पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए लैब बना रखी है. यहां पर तय मानकों के तहत ट्रीटेड पानी की रीडिंग ली जाती है. मंडी शहर में दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं. इनमें से एक प्लांट पधर और दूसरा जवाहर नगर में बनाया गया है.
सीवरेज प्लांट की क्षमता
रघुनाथ पधर सीवरेज प्लांट की क्षमता 3.83 MLD
जवाहर सीवरेज प्लाट की क्षमता 0.47 MLD
IPH विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक हाजरी ने बताया कि सीवरेज वाटर को ट्रीट करने के बाद इसके वेस्ट को सुखाकर खाद बनाई जाती है और इस खाद को IPH विभाग 30 रुपये प्रति ट्रॉली के हिसाब से बेचता है. मंडी नगर परिषद को को नगर निगम को दर्जा मिलने के बाद यहां पर वॉर्डों की संख्या 15 हो गई है. ऐसे में IPH विभाग ने दोनों सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने को लेकर काम शुरू कर दिया है. सीवरेज प्लांट की क्षमता बढ़ने के बाद शहर में 10 हजार नए सीवरेज कनेक्शन लगाए जाएंगे. विभाग ने इसके लिए काम शुरू कर दिया है, जिससे नगर निगम क्षेत्र में लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें