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सोने के रथ पर विराजमान हुए सराज के गढ़पति देवता तुंगासी, ढोल-नगाड़ों के बीच हुई प्राण प्रतिष्ठा - देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony: मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के गढ़पति देवता तुंगासी की नए रथ पर विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा हुई. देवता तुंगासी अपने नए सोने के रथ पर विराजमान हुए हैं. समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 12:49 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 1:13 PM IST

नए सोने के रथ पर विराजमान देवता तुंगासी का प्राण प्रतिष्ठा समारोह

सराज: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी, लेकिन उससे पहले मंडी जिले के सराज के गढ़पति देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा आज हुई. इस मौके पर भारी जनसैलाब उमड़ा और लोगों ने नाचते-गाते हुए देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया. सराज विधानसभा क्षेत्र के गढ़पति देवता तुंगासी अपने नए स्वर्ण रथ पर विराजमान हुए हैं, जिसके बाद उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई.

45 देवता कमेटियों को निमंत्रण: देवता कमेटी के सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि देवता तुंगासी के रथ की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पिछले कल यानी 16 जनवरी से शुरू हुआ जो कि आज संपन्न हुआ है. उन्होंने बताया कि देवता के रथ की प्रतिष्ठा के दौरान सराज की 45 देवता कमेटियों (देथल) को निमंत्रण दिया. जिसमें करीब 40 देथल के देवी-देवता देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आ चुके हैं.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
नए सोने के रथ पर विराजमान देवता तुंगासी

सात हारों ने इकट्ठा किया धन: देवता तुंगासी अपने नए बने रथ पर विराजमान हुए, जो कि पूरा सोने से बना हुआ है. देव रथ में जितना भी खर्च हुआ है, उसमें देवता तुंगासी के सात हारों और अन्य लोगों ने सहयोग दिया है. इसके अलावा देवता के पुराने रथ का जो सोना था वह भी देवता के नए रथ में लगाया गया है. जिसमें जैठी हार (गांव का समूह) तुगांधार, मझाखल हार, मांझी हार, हलीण हार, निहरी सुनार हार, झूंलाद घुमराला हार, रोड़ हार के लोगों ने और सराज के आसपास लगते अन्य गांवों के लोगों ने सहयोग कर धन इकट्ठा किया और देवता का सोने का रथ तैयार किया.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
देवता तुंगासी का प्राण प्रतिष्ठा समारोह

देव रथ बनाने में लगा 5 माह का समय: रथ निर्माण कमेटी अध्यक्ष राम लाल ठाकुर ने बताया कि देवता तुंगासी के नए रथ बनाने में करीब 5 माह का समय लगा है. जिसमें देवता के नए सात मुखों का निर्माण किया गया. इसके साथ ही स्वर्ण मंडेली, सोने की बनात, सरकंडा और तीन कमरपटे भी सोने से ही निर्मित किए गए हैं. देवता के स्वर्ण रथ का निमार्ण सराज विधानसभा क्षेत्र के थाची के दो कारीगर नंद लाल और संजू ने किया है. पिछले करीब 5 महीनों से दोनों कारीगर देवता के रथ के निर्माण में जुटे हुए थे.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए हजारों देवलु

मंगलवार रात शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम: देव कमेटी के सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि देवता तुंगासी के रथ की प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त बीते मंगलवार रात 11.49 पर था. इस समय पर देवता के रथ को मुख पहनाने का काम शुरू किया गया जो कि सुबह करीब तीन बजे तक चला. जिसके बाद सुबह करीब सवा तीन बजे देवता के नव निर्मित रथ को ढककर एक किलोमीटर दूर महामाया मंदिर तक ले जाया गया. जहां देवता के कुल पुरोहित ज्ञान चंद शर्मा द्वारा गाडू डालकर (प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया) नए रथ की प्राण प्रतिष्ठा की गई. जिसके बाद सवा सात बजे देवता के नव निर्मित रथ को दर्जनों ढोल नगाड़ों और नाचते गाते देवलुओं संग देवता की मूल कोठी निहरी गांव तक लाया गया. जहां श्रद्धालुओं के लिए आम दर्शनों के लिए देवता को कोठी के बाहर रखा गया.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
समारोह में ढोल नगाड़ों पर थिरके देवलु

आज धाम का आयोजन: देवता तुंगासी के नवनिर्मित रथ की प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य पर आज सराज में देवलुओं और श्रद्धालुओं के लिए धाम का आयोजन किया गया है. वहीं, देवता की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया है. देव के रथ की प्रतिष्ठा के बाद देवता के नए रथ को श्रद्धालु के दर्शन हेतु सुबह सवा 10 बजे के करीब मंदिर से बाहर निकाला गया. देवता के रथ के मंदिर से बाहर आते ही ढोल, नगाड़ों से माहौल भक्तिमय हो गया.

देवता का पगू देकर किया सम्मानित: देवता कमेटी के सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि जितने भी लोग देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए आए थे. उनमें से अधिकांश लोगों को देवता के आशीर्वाद के रूप में देवता का पगू (सम्मानित करने के लिए दिए जाने वाला कपड़ा) पहना कर सम्मानित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के इस गांव में 42 दिन तक बंद रहेंगे टीवी, साइलेंट रहेंगे मोबाइल फोन, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

नए सोने के रथ पर विराजमान देवता तुंगासी का प्राण प्रतिष्ठा समारोह

सराज: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी, लेकिन उससे पहले मंडी जिले के सराज के गढ़पति देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा आज हुई. इस मौके पर भारी जनसैलाब उमड़ा और लोगों ने नाचते-गाते हुए देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया. सराज विधानसभा क्षेत्र के गढ़पति देवता तुंगासी अपने नए स्वर्ण रथ पर विराजमान हुए हैं, जिसके बाद उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई.

45 देवता कमेटियों को निमंत्रण: देवता कमेटी के सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि देवता तुंगासी के रथ की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पिछले कल यानी 16 जनवरी से शुरू हुआ जो कि आज संपन्न हुआ है. उन्होंने बताया कि देवता के रथ की प्रतिष्ठा के दौरान सराज की 45 देवता कमेटियों (देथल) को निमंत्रण दिया. जिसमें करीब 40 देथल के देवी-देवता देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आ चुके हैं.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
नए सोने के रथ पर विराजमान देवता तुंगासी

सात हारों ने इकट्ठा किया धन: देवता तुंगासी अपने नए बने रथ पर विराजमान हुए, जो कि पूरा सोने से बना हुआ है. देव रथ में जितना भी खर्च हुआ है, उसमें देवता तुंगासी के सात हारों और अन्य लोगों ने सहयोग दिया है. इसके अलावा देवता के पुराने रथ का जो सोना था वह भी देवता के नए रथ में लगाया गया है. जिसमें जैठी हार (गांव का समूह) तुगांधार, मझाखल हार, मांझी हार, हलीण हार, निहरी सुनार हार, झूंलाद घुमराला हार, रोड़ हार के लोगों ने और सराज के आसपास लगते अन्य गांवों के लोगों ने सहयोग कर धन इकट्ठा किया और देवता का सोने का रथ तैयार किया.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
देवता तुंगासी का प्राण प्रतिष्ठा समारोह

देव रथ बनाने में लगा 5 माह का समय: रथ निर्माण कमेटी अध्यक्ष राम लाल ठाकुर ने बताया कि देवता तुंगासी के नए रथ बनाने में करीब 5 माह का समय लगा है. जिसमें देवता के नए सात मुखों का निर्माण किया गया. इसके साथ ही स्वर्ण मंडेली, सोने की बनात, सरकंडा और तीन कमरपटे भी सोने से ही निर्मित किए गए हैं. देवता के स्वर्ण रथ का निमार्ण सराज विधानसभा क्षेत्र के थाची के दो कारीगर नंद लाल और संजू ने किया है. पिछले करीब 5 महीनों से दोनों कारीगर देवता के रथ के निर्माण में जुटे हुए थे.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए हजारों देवलु

मंगलवार रात शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम: देव कमेटी के सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि देवता तुंगासी के रथ की प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त बीते मंगलवार रात 11.49 पर था. इस समय पर देवता के रथ को मुख पहनाने का काम शुरू किया गया जो कि सुबह करीब तीन बजे तक चला. जिसके बाद सुबह करीब सवा तीन बजे देवता के नव निर्मित रथ को ढककर एक किलोमीटर दूर महामाया मंदिर तक ले जाया गया. जहां देवता के कुल पुरोहित ज्ञान चंद शर्मा द्वारा गाडू डालकर (प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया) नए रथ की प्राण प्रतिष्ठा की गई. जिसके बाद सवा सात बजे देवता के नव निर्मित रथ को दर्जनों ढोल नगाड़ों और नाचते गाते देवलुओं संग देवता की मूल कोठी निहरी गांव तक लाया गया. जहां श्रद्धालुओं के लिए आम दर्शनों के लिए देवता को कोठी के बाहर रखा गया.

Seraj Devta Tungasi Pran Pratishtha Ceremony
समारोह में ढोल नगाड़ों पर थिरके देवलु

आज धाम का आयोजन: देवता तुंगासी के नवनिर्मित रथ की प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य पर आज सराज में देवलुओं और श्रद्धालुओं के लिए धाम का आयोजन किया गया है. वहीं, देवता की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया है. देव के रथ की प्रतिष्ठा के बाद देवता के नए रथ को श्रद्धालु के दर्शन हेतु सुबह सवा 10 बजे के करीब मंदिर से बाहर निकाला गया. देवता के रथ के मंदिर से बाहर आते ही ढोल, नगाड़ों से माहौल भक्तिमय हो गया.

देवता का पगू देकर किया सम्मानित: देवता कमेटी के सचिव नरेश ठाकुर ने बताया कि जितने भी लोग देवता तुंगासी की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए आए थे. उनमें से अधिकांश लोगों को देवता के आशीर्वाद के रूप में देवता का पगू (सम्मानित करने के लिए दिए जाने वाला कपड़ा) पहना कर सम्मानित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के इस गांव में 42 दिन तक बंद रहेंगे टीवी, साइलेंट रहेंगे मोबाइल फोन, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Last Updated : Jan 17, 2024, 1:13 PM IST
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