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देव आस्था के महाकुंभ में शान से निकली माधोराय की दूसरी जलेब, IPH मंत्री ने की शिरकत

अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब शुक्रवार को शाही अंदाज में निकली. जलेब में मधुर शहनाई की गूंज से छोटी काशी में माहौल देवमय हो गया.

शिवरात्रि में निकली दूसरी जलेब
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Published : Mar 8, 2019, 6:23 PM IST

मंडीः देव आस्था के महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब शुक्रवार को शाही अंदाज में निकली. जलेब में मधुर शहनाई की गूंज से छोटी काशी में माहौल देवमय हो गया. राजदेवता समेत प्रमुख देवताओं ने जलेब में शिरकत की.

mandi shivratri
शिवरात्रि में निकली दूसरी जलेब

आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद जलेब में शिरकत की. माधोराय की दूसरी जलेब की अगुवाई रियासतकालीन देवताओं में गुरू और चेले के रूप में विख्यात देव छमाहूं और देव छाजनु ने की. मंडी सराज के इन देवताओं में देव छमांहू को शेषनाग का रूप माना जाता है, जबकि देव छांजणू को महाभारतकालीन घटोत्कछ का स्वरूप माना जाता है.

शिवरात्रि में निकली दूसरी जलेब

दोनों देवताओं की अगुवाई में मंडी रियासतकालीन शिवरात्रि की जलेब निकाली जाती है. शुक्रवार को माधोराय के मंदिर से निकली जलेब में ढोल-नगाड़ों की ताल पर नाचते गाते देवलू भी शामिल हुए. वहीं छमाहूं और छाजणूं के बाद इसके छमाहू नागू बग्गी, मार्कंडेय सरौल, घटोत्कच्छ, देव विष्णु मतलोड़ा सराज, देव बायला, देव जमलू, देवी अंबिका डाहर, देव शैटी नाग डाहर, देव बिट्ठू नायारण थाची, बड़ादेयो हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव घड़ौनी, देव पेखर का गहरी, देवी महामाया, ब्रहमदेव तुंगासी, देव चुंजवाला, देवी अंबिका नाऊ माधोराय की पालकी के ठीक आगे चल रही थी.

वहीं शुकदेव ऋषि थटा, शुकदेव ऋषि सारटी, देव झाथी वीर, देव गणपति, देव सरीहटू, देव टूंडीं वीर और देव शेष नाग माधोराय की जलेब में शामिल हुए. राज देवता माधोराय की जलेब की परंपरा रियासत काल से चली आ रही है, जिसमें पुलिस के घुड़सवार, पुलिस, होमगार्डस के जवान, पुलिस बैंड के अलावा विभिन्न झांकियां भी जलेब के शामिल रही.

मंडीः देव आस्था के महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब शुक्रवार को शाही अंदाज में निकली. जलेब में मधुर शहनाई की गूंज से छोटी काशी में माहौल देवमय हो गया. राजदेवता समेत प्रमुख देवताओं ने जलेब में शिरकत की.

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शिवरात्रि में निकली दूसरी जलेब

आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद जलेब में शिरकत की. माधोराय की दूसरी जलेब की अगुवाई रियासतकालीन देवताओं में गुरू और चेले के रूप में विख्यात देव छमाहूं और देव छाजनु ने की. मंडी सराज के इन देवताओं में देव छमांहू को शेषनाग का रूप माना जाता है, जबकि देव छांजणू को महाभारतकालीन घटोत्कछ का स्वरूप माना जाता है.

शिवरात्रि में निकली दूसरी जलेब

दोनों देवताओं की अगुवाई में मंडी रियासतकालीन शिवरात्रि की जलेब निकाली जाती है. शुक्रवार को माधोराय के मंदिर से निकली जलेब में ढोल-नगाड़ों की ताल पर नाचते गाते देवलू भी शामिल हुए. वहीं छमाहूं और छाजणूं के बाद इसके छमाहू नागू बग्गी, मार्कंडेय सरौल, घटोत्कच्छ, देव विष्णु मतलोड़ा सराज, देव बायला, देव जमलू, देवी अंबिका डाहर, देव शैटी नाग डाहर, देव बिट्ठू नायारण थाची, बड़ादेयो हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव घड़ौनी, देव पेखर का गहरी, देवी महामाया, ब्रहमदेव तुंगासी, देव चुंजवाला, देवी अंबिका नाऊ माधोराय की पालकी के ठीक आगे चल रही थी.

वहीं शुकदेव ऋषि थटा, शुकदेव ऋषि सारटी, देव झाथी वीर, देव गणपति, देव सरीहटू, देव टूंडीं वीर और देव शेष नाग माधोराय की जलेब में शामिल हुए. राज देवता माधोराय की जलेब की परंपरा रियासत काल से चली आ रही है, जिसमें पुलिस के घुड़सवार, पुलिस, होमगार्डस के जवान, पुलिस बैंड के अलावा विभिन्न झांकियां भी जलेब के शामिल रही.



देव आस्था के महाकुंभ में शान से निकली माधोराय की दूसरी जलेब
मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने राजदेवता की पूजा बाद जलेब में की शिरकत


मंडी।
 देव आस्था के महाकुंभ में अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में राजदेवता माधोराय की दूसरी जलेब शुक्रवार को शाही अन्दाज में निकली।  जलेब में मधुर शहनाई की गूंज से छोटी काशी में माहौल देवमय हो गया। राजदेवता समेत प्रमुख देवताओं ने जलेब में शिरकत की। 
आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद जलेब में शिरकत की। माधोराय की दूसरी जलेब की अगुवाई रियासतकालीन देवताओं में गुरू और चेले के रूप में विख्यात देव छमाहंू और देव छाजनु ने की। मंडी सराज के इन देवताओं में देव छमांहू को शेषनाग का रूप माना जाता है। जबकि देव छांजणू को महाभारतकालीन घटोत्कछ का स्वरूप माना जाता है। दोनों देवताओं की अगुवाई में मंडी रियासतकालीन शिवरात्रि की जलेब निकाली जाती है। शुक्रवार को माधोराय के मंदिर से निकली जलेब में ढोल-नगाड़ों की ताल पर नाचते गाते देवलू भी शामिल हुए। वहीं छमाहूं और छाजणूं के बाद इसके छमाहू नागू बग्गी, मार्कंडेय सरौल, घटोत्कच्छ , देव विष्णु मतलोड़ा सराज, देव बायला, देव जमलू, देवी अंबिका डाहर , देव शैटी नाग डाहर, देव बिट्ठू नायारण थाची, बड़ादेयो हुरंग नारायण, देव पशाकोट, देव घड़ौनी, देव पेखर का गहरी, देवी महामाया,ब्रहमदेव तुंगासी, देव चुंजवाला, देवी अंबिका नाऊ माधोराय की पालकी के ठीक आगे चल रही थी। जबकि शुकदेव ऋषि थटा , शुकदेव ऋषि सारटी, देव झाथी वीर ,देव गणपति , देव सरीहटू , देव टूंडंी वीर और देव शेष नाग माधोराय की जलेब में शामिल हुए।  राज देवता माधोराय की जलेब की परंपरा रियासत काल से चली आ रही है। जिसमें पुलिस के घुड़सवार , पुलिस, होमगार्डस के जवान, पुलिस बैंड के अलावा विभिन्न झांकियां भी जलेब के शामिल रही। 

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