करसोग: हिमाचल में वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के दावों की पोल सरकार के अपने ही विभाग ने खोल दी है. करसोग के सबसे अधिक धान की पैदावार करने वाले कैरगी और जगौती गांव में सिचाई के लिए अलग-अलग खड्डों से जिन दो नहरों के निर्माण किया गया था, उसकी कई बार आईपीएच विभाग को शिकायत करने पर भी चार सालों से रिपेयर नहीं हुई.
अब इन नहरों का पानी खेतों में पहुंचने के बजाए पीडब्ल्यूडी की साथ लगती करसोग लालग सड़क में बेकार बहकर बर्बाद हो रहा है, जिस कारण पीडब्ल्यूडी ने दो साल पहले ही की गई टारिंग जगह-जगह पर उखड़ने से सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है.
दोनों ही गांव के करीब 150 किसानों ने कई बार आईपीएच विभाग से लिखित और मौखिक रूप से मामला उठाया है, लेकिन विभाग पर इसका कोई भी असर नहीं हुआ. नतीजन इन दोनों की गांव में 600 बीघा भूमि पर की जाने वाली धान की खेती का एरिया अब पर्याप्त सिंचाई सुविधा न होने से सिमट कर सिर्फ 100 बीघा रह गया है.
कम पैदावार होने से किसानों को हर साल लाखों का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं, बेकार बह रहे पानी के कारण जो टारिंग उखड़ गई है वह नुकसान अलग से हुआ है. खून पसीने की कमाई को इस तरह बर्बाद होता देखकर किसान दोनों ही विभागों के उच्चाधिकारियों से स्थिति का जायजा लेने की भी लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन दोनों ही सरकारी विभागों ने मौके पर जाना जरूरी नहीं समझा.आखिर में सिस्टम के आगे थके हारे किसानों ने एसडीएम से मौके पर आने की गुहार लगाई. किसानो ने एसडीएम को एक शिकायत पत्र सौंपा, जिसमें 91 लोगों के हस्ताक्षर मौजूद हैं.
55 लाख आए नहर रिपेयर को वो भी नहीं किया खर्च:
किसानों की आय बढ़े इसके लिए कमांड एरिया डेवलपमेंट (सीएडी) से भी आईपीएच विभाग नहरों की रिपेयर के लिए करीब 55 लाख की राशि प्राप्त हुई है, लेकिन धान की फसल अब कटाई के लिए तैयार है. विभाग से अभी तक नहर की रिपेयर का 10 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया है. बावजूद इसके नहरों की रिपेयर का काम छोटे-छोटे टुकड़ों में कई ठेकेदारों को बांटा गया है, जिसका जिक्र ग्रामीणों ने एसडीएम से की गई लिखित शिकायत में भी किया है.
आईपीएच विभाग एसडीओ बीएस ठाकुर का कहना है कि गांव के लोगों ने ही फसल का कार्य पूरा न होने तक काम करने की मांग की थी, जिसके बाद रिपेयर के कार्य को रोका गया था. उस समय तक रिपेयर का 10 फीसदी काम पूरा हो चुका था. एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है कि गांव के लोगों ने लिखित तौर पर शिकायत की है. इस बारे में तुरंत प्रभाव से संबंधित विभाग के अधिकारियों को मौके का निरीक्षण कर कार्य पूरा करने के आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि वे खुद भी मौके पर जाकर मामले को देखेंगे.