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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज का सिविल कोर्ट बहाल, हाई कोर्ट ने जारी की अधिसूचना - civil court restored after High Court notification

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज में एक बार फिर सिविल कोर्ट बहाल कर दिया गया है. जिसकी उच्च न्यायालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है. इससे पहले उच्च न्यायालय द्वारा थुनाग कोर्ट को रेगुलर कोर्ट से सर्किट कोर्ट में बदल दिया था. लेकिन बार एसोसिएशन थुनाग के कड़े विरोध के बाद एक बार फिर सिविल कोर्ट को बहाल कर दिया गया. (Saraj civil court restored after High Court notification)

Saraj civil court restored after High Court notification
बार एसोसिएशन थुनाग
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Published : Apr 4, 2023, 2:58 PM IST

बार एसोसिएशन थुनाग ने उच्च न्यायालय का जताया आभार

सराज: पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज का सिविल कोर्ट एक बार फिर बहाल कर दिया गया है. उच्च न्यायालय ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 23 मार्च को जारी न्यायिक अधिकारियों के तबादले के आदेशों में आंशिक फेरबदल करते हुए थुनाग कोर्ट का रेगुलर स्टेटस बहाल रखा है. सोमवार देर शाम को जारी नई अधिसूचना के अनुसार थुनाग कोर्ट में कार्यरत न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक गुप्ता के तबादले के आदेश उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं.

बता दें की 23 मार्च को जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रतीक गुप्ता का तबादला कोर्ट नंबर चार शिमला के लिए किया गया था. प्रतीक गुप्ता के स्थान पर डलहौजी कोर्ट में तैनात सिविल जज सुमित ठाकुर को भेजा गया था. दूसरे दिन 24 मार्च को हाईकोर्ट ने तबादले के आदेशों में बदलाव करते हुए थुनाग कोर्ट का अतिरिक्त दायित्व सिविल जज गोहर को दे दिया था और साथ ही महीने में एक सप्ताह यहां सर्किट कोर्ट लगाने के आदेश दिए थे.

रंग लाया बार एसोसिएशन थुनाग के वकीलों का संघर्ष: गौरतलब है कि थुनाग कोर्ट को रेगुलर कोर्ट से सर्किट कोर्ट किए जाने पर बार एसोसिएशन थुनाग ने कड़ा ऐतराज जताया था. थुनाग कोर्ट को पहले की भांति रेगुलर कोर्ट रखने के लिए बार एसोसिएशन थुनाग ने पिछले सप्ताह से काम काज बंद कर रखा था और उच्च न्यायालय के इस आदेश का विरोध किया था. बार एसोसिएशन के सदस्यों ने न्यायालय की इस अधिसूचना का विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किया और पिछले एक सप्ताह से बार एसोसिएशन ने कोर्ट की कार्यवाही से अनुपस्थित रहकर आंदोलन किया.थुनाग सिविल कोर्ट को दोबारा रेगुलर कोर्ट बनाने के लिए जब प्रस्ताव से भी कुछ नहीं बना था तो बार एसोसिएशन थुनाग ने सोमवार को कोर्ट परिसर के बाहर सांकेतिक धरना दिया.

गोहर बार एसोसिएशन का रहा पूरा समर्थन: बार एसोसिएशन थुनाग की इस मुहिम को बार एसोसिएशन गोहर का भी भरपूर समर्थन रहा. गोहर में भी बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर हाईकोर्ट भेजा और विरोध प्रदर्शन के रुप में चार दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. सर्किट कोर्ट की नोटिफिकेशन रद्द होने पर संघर्षरत बार एसोसिएशन ने राहत की सांस ली है. एसोसिएशन के सदस्य हेमसिंह ठाकुर ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सराज जैसे दुर्गम क्षेत्र में कोर्ट होना अनिवार्य है, ताकि लोगों को घर द्वार पर न्याय मिल सके.

उच्च न्यायालय का जताया आभार: अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर ने कहा कि उच्च न्यायालय ने थुनाग कोर्ट को फिर से सिविल कोर्ट का दर्जा दे दिया है और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक गुप्ता के तबादला आदेश भी रद्द कर उनकी तैनाती यथावत रखी है. इसके लिए बार एसोसिएशन ने माननीय उच्च न्यायालय का आभार प्रकट किया है. ललित ठाकुर, कुलदीप सिंह, नरेश कुमार, नारायण सिंह, नरेंद्र रेड्डी, मुरारी लाल, महेंद्र, हुकुम सिंह, दिव्यांशु ठाकुर और मोनिका ने कहा कि हम इसके लिए माननीय उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा में पेश हुई CAG रिपोर्ट में खुलासा- शहरी निकायों में नहीं हो रहीं जरूरी बैठकें

बार एसोसिएशन थुनाग ने उच्च न्यायालय का जताया आभार

सराज: पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सराज का सिविल कोर्ट एक बार फिर बहाल कर दिया गया है. उच्च न्यायालय ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 23 मार्च को जारी न्यायिक अधिकारियों के तबादले के आदेशों में आंशिक फेरबदल करते हुए थुनाग कोर्ट का रेगुलर स्टेटस बहाल रखा है. सोमवार देर शाम को जारी नई अधिसूचना के अनुसार थुनाग कोर्ट में कार्यरत न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक गुप्ता के तबादले के आदेश उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं.

बता दें की 23 मार्च को जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रतीक गुप्ता का तबादला कोर्ट नंबर चार शिमला के लिए किया गया था. प्रतीक गुप्ता के स्थान पर डलहौजी कोर्ट में तैनात सिविल जज सुमित ठाकुर को भेजा गया था. दूसरे दिन 24 मार्च को हाईकोर्ट ने तबादले के आदेशों में बदलाव करते हुए थुनाग कोर्ट का अतिरिक्त दायित्व सिविल जज गोहर को दे दिया था और साथ ही महीने में एक सप्ताह यहां सर्किट कोर्ट लगाने के आदेश दिए थे.

रंग लाया बार एसोसिएशन थुनाग के वकीलों का संघर्ष: गौरतलब है कि थुनाग कोर्ट को रेगुलर कोर्ट से सर्किट कोर्ट किए जाने पर बार एसोसिएशन थुनाग ने कड़ा ऐतराज जताया था. थुनाग कोर्ट को पहले की भांति रेगुलर कोर्ट रखने के लिए बार एसोसिएशन थुनाग ने पिछले सप्ताह से काम काज बंद कर रखा था और उच्च न्यायालय के इस आदेश का विरोध किया था. बार एसोसिएशन के सदस्यों ने न्यायालय की इस अधिसूचना का विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किया और पिछले एक सप्ताह से बार एसोसिएशन ने कोर्ट की कार्यवाही से अनुपस्थित रहकर आंदोलन किया.थुनाग सिविल कोर्ट को दोबारा रेगुलर कोर्ट बनाने के लिए जब प्रस्ताव से भी कुछ नहीं बना था तो बार एसोसिएशन थुनाग ने सोमवार को कोर्ट परिसर के बाहर सांकेतिक धरना दिया.

गोहर बार एसोसिएशन का रहा पूरा समर्थन: बार एसोसिएशन थुनाग की इस मुहिम को बार एसोसिएशन गोहर का भी भरपूर समर्थन रहा. गोहर में भी बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर हाईकोर्ट भेजा और विरोध प्रदर्शन के रुप में चार दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. सर्किट कोर्ट की नोटिफिकेशन रद्द होने पर संघर्षरत बार एसोसिएशन ने राहत की सांस ली है. एसोसिएशन के सदस्य हेमसिंह ठाकुर ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सराज जैसे दुर्गम क्षेत्र में कोर्ट होना अनिवार्य है, ताकि लोगों को घर द्वार पर न्याय मिल सके.

उच्च न्यायालय का जताया आभार: अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर ने कहा कि उच्च न्यायालय ने थुनाग कोर्ट को फिर से सिविल कोर्ट का दर्जा दे दिया है और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रतीक गुप्ता के तबादला आदेश भी रद्द कर उनकी तैनाती यथावत रखी है. इसके लिए बार एसोसिएशन ने माननीय उच्च न्यायालय का आभार प्रकट किया है. ललित ठाकुर, कुलदीप सिंह, नरेश कुमार, नारायण सिंह, नरेंद्र रेड्डी, मुरारी लाल, महेंद्र, हुकुम सिंह, दिव्यांशु ठाकुर और मोनिका ने कहा कि हम इसके लिए माननीय उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त करते हैं.

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