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एक कदम स्वरोजगार की ओर, मंडी में चीड़ की पत्तियों से ग्रामीण महिलाओं ने बनाए उत्पाद, कमा रहीं आजीविका

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Published : Apr 23, 2023, 12:47 PM IST

मंडी जिला में ग्रामीण महिलाओं ने स्वरोजगार की दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं. जाईका परियोजना के तहत वन मंडल मंडी में विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है. इन समूहों में ग्रामीण महिलाएं चीड़ की पत्तियों से बेहद सुंदर उत्पाद बना रही हैं. जिससे उन्हें रोजगार और वनों का संरक्षण दोनों काम ही एक साथ हो रहे हैं.

Rural women made products from pine needle leaves in Mandi
मंडी में चीड़ की पत्तियों से ग्रामीण महिलाओं ने बनाए उत्पाद
मंडी में चीड़ की पत्तियों से ग्रामीण महिलाओं ने बनाए उत्पाद.

मंडी: हिमाचल प्रदेश में 15 अप्रैल से फायर सीजन शुरू होते ही जंगलों की आग का खतरा भी बढ़ गया है. जंगलों में आग का मुख्य कारण ज्यादातर मामलों में चीड़ की पत्तियां ही मानी जाती हैं. मंडी जिला में इन्हीं चीड़ की पत्तियों का ग्रामीण महिलाओं द्वारा बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि जंगलों को भी सुरक्षित रखा जा सके और महिलाओं के लिए भी स्वरोजगार के अवसर पैदा हो सकें. जाईका परियोजना के अंतर्गत वन मंडल मंडी में विभिन्न कमेटियों का गठन करके ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बेहतरीन प्रयास किया गया है.

बता दें कि इस परियोजना के तहत ग्रामीण महिलाएं जंगलों में गिरी चीड़ की पत्तियों को एकत्रित करके या तो उनके उत्पाद बनाती हैं या फिर उन्हें बेच देती हैं. इन ग्रामीण महिलाओं द्वारा चीड़ की पत्तियों के इतने सुंदर उत्पाद बनाए जा रहे हैं जिन्हें देखकर कोई यह कह ही नहीं सकता कि इन्हें चीड़ की पत्तियों से बनाया गया होगा. ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे इन उत्पादों में प्रमुख रूप से छोटी टोकरियां, फ्लावर पॉट, चपाती बॉक्स, पैन स्टैंड, कोस्टर सेट और फ्रूट ट्रे इत्यादि शामिल हैं.

Rural women made products from pine needle leaves in Mandi
मंडी में चीड़ की पत्तियों से ग्रामीण महिलाओं ने बनाए बेहद सुंदर उत्पाद.

स्थानीय महिलाओं रजनी ठाकुर, द्रौमती देवी और रीना देवी ने बताया कि वह सब अपने घर के कार्य निपटाने के बाद जंगलों से चीड़ की पत्तियों को एकत्रित करके लाती हैं और उन्हें फिर धोकर साफ करके उनके उत्पाद बनाती हैं. हालांकि उत्पाद बनाने के के बाद जो चीड़ की पत्तियां बच जाती हैं, उन्हें महिलाएं पास के उद्योगों को 3 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेच देती हैं. बता दें कि चीड़ की पत्तियों से ब्रेकेट्स बनाने के कुछ उद्योग मंडी के क्षेत्र में स्थापित हैं जो इनकी खरीद करते हैं. चीड़ की पत्तियों को बेचने से भी महिलाओं को काफी ज्यादा आमदनी प्राप्त हो रही है.

Rural women made products from pine needle leaves in Mandi
मंडी में चीड़ की पत्तियों से उत्पाद बनाती हुई ग्रामीण महिलाएं.

जाईका परियोजना वन मंडल मंडी के एसएमएस जितेन शर्मा ने बताया कि मंडी के पूरे मंडल में स्वंय सहायता समूहों की 28 कमेटियां गठित की गई हैं. इसेसे ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को रोजगार का अवसर भी मिल रहा है और लोग स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं तो वहीं, वनों का संरक्षण भी हो रहा है. वहीं, वन मंडल मंडी के उप अरण्यपाल वासु डोगर ने बताया कि जाईका परियोजना के तहत जो कार्य चले हैं उससे जंगलों से चीड़ की पत्तियों का स्टॉक कम हो रहा है. स्टॉक कम होने से जंगलों में आग लगने का खतरा भी कम हो रहा है जिससे जंगल काफी हद तक सुरक्षित हो रहे हैं.

ये भी पढे़ं: उड़ान मेले में खरीदारों की उमड़ रही भीड़, आकर्षण का केंद्र बने ये उत्पाद

मंडी में चीड़ की पत्तियों से ग्रामीण महिलाओं ने बनाए उत्पाद.

मंडी: हिमाचल प्रदेश में 15 अप्रैल से फायर सीजन शुरू होते ही जंगलों की आग का खतरा भी बढ़ गया है. जंगलों में आग का मुख्य कारण ज्यादातर मामलों में चीड़ की पत्तियां ही मानी जाती हैं. मंडी जिला में इन्हीं चीड़ की पत्तियों का ग्रामीण महिलाओं द्वारा बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि जंगलों को भी सुरक्षित रखा जा सके और महिलाओं के लिए भी स्वरोजगार के अवसर पैदा हो सकें. जाईका परियोजना के अंतर्गत वन मंडल मंडी में विभिन्न कमेटियों का गठन करके ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बेहतरीन प्रयास किया गया है.

बता दें कि इस परियोजना के तहत ग्रामीण महिलाएं जंगलों में गिरी चीड़ की पत्तियों को एकत्रित करके या तो उनके उत्पाद बनाती हैं या फिर उन्हें बेच देती हैं. इन ग्रामीण महिलाओं द्वारा चीड़ की पत्तियों के इतने सुंदर उत्पाद बनाए जा रहे हैं जिन्हें देखकर कोई यह कह ही नहीं सकता कि इन्हें चीड़ की पत्तियों से बनाया गया होगा. ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे इन उत्पादों में प्रमुख रूप से छोटी टोकरियां, फ्लावर पॉट, चपाती बॉक्स, पैन स्टैंड, कोस्टर सेट और फ्रूट ट्रे इत्यादि शामिल हैं.

Rural women made products from pine needle leaves in Mandi
मंडी में चीड़ की पत्तियों से ग्रामीण महिलाओं ने बनाए बेहद सुंदर उत्पाद.

स्थानीय महिलाओं रजनी ठाकुर, द्रौमती देवी और रीना देवी ने बताया कि वह सब अपने घर के कार्य निपटाने के बाद जंगलों से चीड़ की पत्तियों को एकत्रित करके लाती हैं और उन्हें फिर धोकर साफ करके उनके उत्पाद बनाती हैं. हालांकि उत्पाद बनाने के के बाद जो चीड़ की पत्तियां बच जाती हैं, उन्हें महिलाएं पास के उद्योगों को 3 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेच देती हैं. बता दें कि चीड़ की पत्तियों से ब्रेकेट्स बनाने के कुछ उद्योग मंडी के क्षेत्र में स्थापित हैं जो इनकी खरीद करते हैं. चीड़ की पत्तियों को बेचने से भी महिलाओं को काफी ज्यादा आमदनी प्राप्त हो रही है.

Rural women made products from pine needle leaves in Mandi
मंडी में चीड़ की पत्तियों से उत्पाद बनाती हुई ग्रामीण महिलाएं.

जाईका परियोजना वन मंडल मंडी के एसएमएस जितेन शर्मा ने बताया कि मंडी के पूरे मंडल में स्वंय सहायता समूहों की 28 कमेटियां गठित की गई हैं. इसेसे ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को रोजगार का अवसर भी मिल रहा है और लोग स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं तो वहीं, वनों का संरक्षण भी हो रहा है. वहीं, वन मंडल मंडी के उप अरण्यपाल वासु डोगर ने बताया कि जाईका परियोजना के तहत जो कार्य चले हैं उससे जंगलों से चीड़ की पत्तियों का स्टॉक कम हो रहा है. स्टॉक कम होने से जंगलों में आग लगने का खतरा भी कम हो रहा है जिससे जंगल काफी हद तक सुरक्षित हो रहे हैं.

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