मंडी/करसोग: करसोग में 17 और 18 अगस्त को हुई भारी बारिश के बाद अभी तक जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी है. हालांकि, करसोग से रामपुर मुख्य मार्ग को बुधवार दोपहर बाद वाहनों को आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है, लेकिन नांज और सोमाकोठी क्षेत्र अभी भी करसोग से कटा हुआ है.
मलबा न हटाये जाने से करसोग से दोनों क्षेत्रों लिए अभी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में एचआरटीसी की बसें आधे रास्ते से ही वापस लौटाई जा रही हैं करसोग से सोमकोठी चलने वाली बस अभी खडारगली तक ही जा रही है. इसी तरह से करसोग से नांज जाने वाली बस भी कोटलु तक ही चलाई जा रही है. चार दिन बाद भी सड़क न खुलने से नांज और सोमकोठी के लोगों में पीडब्ल्यूडी विभाग के खिलाफ भारी रोष है.
लोगों का कहना है कि सोमकोठी व नांज आदि क्षेत्रों में सड़कें खोलने के लिए अभी तक जेसीबी नहीं भेजी गई है. सोमाकोठी क्षेत्र के लोगों को बस पकड़ने के लिए सुबह पैदल चलकर खडारगली तक आना पड़ रहा है. इससे महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बरसात के इन दिनों में स्कूल और महाविद्यालय के लिए छात्र पैदल सफर कर मुश्किल से करसोग पहुंच रहे हैं.
ये भी पढ़ें-प्रदेश में पटवारियों के 1195 पद भरेगी सरकार, अधिसूचना जारी
सोमकोठी के लोगों का कहना है कि कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन लोगों को धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा.
दो दिनों में 1.86 करोड़ का नुकसान
भारी बारिश ने दो ही दिनों में सड़कों को 1.86 करोड़ के जख्म दिए हैं, जिन्हें भरने के लिए अभी काफी वक्त लग सकता है. पीडब्ल्यूडी विभाग ने फाइनल रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी है. अब सरकार से पैसा मिलने के बाद ही सड़कों को दरुस्त किया जा सकेगा. दो दिनों की बरसात से करसोग में तीन मुख्य मार्गों समेत 29 सड़कें अवरुद्ध हो गई थी.
करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन के अधिशाषी अभियंता मानसिंह का कहना है कि इन दोनों सड़कों को भी जल्द खोला जाएगा. इसके लिए जेसीबी भेज दी गई है.
ये भी पढ़ें-खंडहर से जंगल बन गया कटोच गढ़ किला, न पर्यटन विकसित और न ही स्थानीय लोगों को मिला रोजगार