करसोग/मंडी: इसमें कार्यकर्ताओं ने वीरभद्र सिंह राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते रहने का आग्रह किया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 6 बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह का राजनीति से सन्यास लेना मंजूर नहीं है. ऐसे में वीरभद्र सिंह राजनीति में सक्रिय रहें और 2 साल बाद होने वाला विधानसभा चुनाव भी उनके के नेतृत्व में लड़ा जाए. इसके लिए करसोग ब्लॉक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ध्वनिमत से इस बारे में प्रस्ताव पारित किया है.
कांग्रेस पार्टी को वीरभद्र सिंह के अनुभव की आगे भी जरूरत रहेगी
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए करसोग कांग्रेस प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस सचिव देवेंद्र शर्मा ने कहा कि वीरभद्र सिंह कांग्रेस पार्टी के सर्वमान्य व पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जो छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को उनके अनुभव की आगे भी जरूरत रहेगी. आने वाले चुनाव भी वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में लड़े जाएंगे और कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाएगी.
पंचायतराज चुनाव में रही कमियों को दूर करने के के दिए निर्देश
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस पार्टी को अभी से एकजुट होकर ईमानदारी से काम करने के भी निर्देश दिए गए. कार्यकर्ताओं को पंचायतराज चुनाव में रही कमियों को दूर कर फील्ड में जाने के निर्देश दिए गए, ताकि भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके.
प्रभारी ने भाजपा सरकार को विकास के मुद्दे पर घेरा
प्रभारी ने भाजपा सरकार को विकास के मुद्दे पर भी घेरा. भाजपा सरकार को सत्ता में आए 3 साल हो गए है. इस अवधि में प्रदेश में विकास की गति पूरी तरह से थम गई है. नए कार्य शुरू होना तो दूर पूर्व कांग्रेस सरकार में आरम्भ किए कार्य भी अधर में लटके हैं. ऐसे में आम आदमी काफी परेशान है. इसको देखते हुए भाजपा सरकार की नाकामियों को भी लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए.
करसोग कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र शर्मा के बताया कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की बैठक में वीरभद्र सिंह को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है, जिसमें ध्वनिमत से पास किया गया कि वीरभद्र सिंह सक्रिय राजनीति में बने रहे. वे सबसे वरिष्ठ नेता है. जिनके नेतृत्व में हिमाचल ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है.