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सरकाघाट में मनाई गई रविदास जयंती, झंडा रस्म निभाने के लिए उत्साहित दिखे श्रद्धालु

सरकाघाट क्षेत्र के विभिन्न रविदास मंदिरों में संत रविदास जयंती श्रद्धा के साथ मनाई गई. इस मौके पर रविदास मंदिर कमेटी बाड़नी के प्रधान लक्ष्मण दास ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी सभी संगत ने एकजुट होकर रविदास की भव्य कथा का आयोजन करवाया. झंडा रस्म को निभाने को लोगों में बहुत उत्साह दिखाता है. ऐसे में विभिन्न स्थानों पर झंडा रस्म निभाने के लिए बहुत से लोग पहुंचे और इस रस्म को निभाया.

Ravidas Jayanti celebrated in Sarkaghat
Ravidas Jayanti celebrated in Sarkaghat
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Published : Feb 27, 2021, 8:31 PM IST

सरकाघाट/मंडीः सरकाघाट क्षेत्र के विभिन्न रविदास मंदिरों में संत रविदास जयंती बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाई गई. क्षेत्र के सबसे प्राचीन मंदिर बलद्वाड़ा स्थित बाड़नी में हर साल की तरह इस साल भी सात दिनों तक रविदास कथा का आयोजन किया गया और 27 फरवरी को लंगर का आयोजन किया गया.

सरकाघाट क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर

बता दें कि यह मंदिर सरकाघाट क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर है. यहां से ही सबसे पहले रविदास जयंती बनाने की शुरूवात हुई थी. इस मौके पर रविदास मंदिर कमेटी बाड़नी के प्रधान लक्ष्मण दास ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी सभी संगत ने एकजुट होकर रविदास की भव्य कथा का आयोजन करवाया. सात दिन तक उनकी गाथा का गुणगान किया गया और जयंती पर झंडा रस्म निभाई गई और लंगर आयोजित किया गया. जिसमें हजारों लोगों ने प्रशाद ग्रहण किया. इस मौके पर कथा वाचक नंदलाल, पूर्व एसएचओ श्यामलाल, मनसा राम आदि मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: शिमला में मनाई गई गुरु रविदास की 644 वीं जयंती, मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दी बधाई

अन्य स्थानो पर भी रही रविदास जयंती की धूम

उधर, क्षेत्र की खुडला पंचायत में भी रविदास जयंती पर कार्यक्रम का आयो‌जन किया गया. इसके अलावा नबाही पंचायत में भी रविदास जयंति धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर रविदास मंदिरों में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ी दिखाई दी.

झंडा रस्म का उत्साह

बता दें कि झंडा रस्म को निभाने को लोगों में बहुत उत्साह दिखाता है. ऐसे में विभिन्न स्थानों पर झंडा रस्म निभाने के लिए बहुत से लोग पहुंचे और इस रस्म को निभाया. दिनभर संत रविदास की शिक्षाओं और उनके दोहों का संगीत चलता रहा.

ये भी पढ़ें: Weather: प्रदेश में मौसम ने बदली करवट, चोटियों पर बर्फबारी और कुछेक निचले क्षेत्रों में बारिश

सरकाघाट/मंडीः सरकाघाट क्षेत्र के विभिन्न रविदास मंदिरों में संत रविदास जयंती बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाई गई. क्षेत्र के सबसे प्राचीन मंदिर बलद्वाड़ा स्थित बाड़नी में हर साल की तरह इस साल भी सात दिनों तक रविदास कथा का आयोजन किया गया और 27 फरवरी को लंगर का आयोजन किया गया.

सरकाघाट क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर

बता दें कि यह मंदिर सरकाघाट क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर है. यहां से ही सबसे पहले रविदास जयंती बनाने की शुरूवात हुई थी. इस मौके पर रविदास मंदिर कमेटी बाड़नी के प्रधान लक्ष्मण दास ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी सभी संगत ने एकजुट होकर रविदास की भव्य कथा का आयोजन करवाया. सात दिन तक उनकी गाथा का गुणगान किया गया और जयंती पर झंडा रस्म निभाई गई और लंगर आयोजित किया गया. जिसमें हजारों लोगों ने प्रशाद ग्रहण किया. इस मौके पर कथा वाचक नंदलाल, पूर्व एसएचओ श्यामलाल, मनसा राम आदि मौजूद रहे.

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अन्य स्थानो पर भी रही रविदास जयंती की धूम

उधर, क्षेत्र की खुडला पंचायत में भी रविदास जयंती पर कार्यक्रम का आयो‌जन किया गया. इसके अलावा नबाही पंचायत में भी रविदास जयंति धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर रविदास मंदिरों में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ी दिखाई दी.

झंडा रस्म का उत्साह

बता दें कि झंडा रस्म को निभाने को लोगों में बहुत उत्साह दिखाता है. ऐसे में विभिन्न स्थानों पर झंडा रस्म निभाने के लिए बहुत से लोग पहुंचे और इस रस्म को निभाया. दिनभर संत रविदास की शिक्षाओं और उनके दोहों का संगीत चलता रहा.

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