मंडीः मंगलवार को मंडी रियासत के राजा अशोक पाल सेन का राजमहल परिसर स्थित भवानी निवास पर निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार बुधवार को ब्यास नदी किनारे पंचबख्तर मंदिर परिसर में होगा. वह अपने पीछे एक बेटा ओमेश्वर सिंह और बेटी सिद्धेश्वरी छोड़ गए हैं.
![मंडी रियासत के राजा अशोक पाल सेन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-mnd-06-raja-ashok-pal-img-hp10010_16022021214431_1602f_1613492071_44.jpg)
बुधवार को आधा दिन बंद रहेंगे बाजार
अशोक पाल सेन कुल्लू के राजा और पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के बहनोई थे. उनकी पत्नी किरण कुमारी का कई साल पहले ही निधन हो गया था. निधन के वक्त उनका बेटा ओमेश्वर दिल्ली में था जो देर शाम मंडी पहुंच गए हैं. मंडी व्यापार मंडल ने अशोक पाल सेन के निधन पर शोक जताते हुए बुधवार को आधा दिन के लिए बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके अलावा अंतिम संस्कार के मौके पर राज परिवारों से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हो सकती हैं.
ओमेश्वर सिंह को घोषित किया जाएगा अगला राजा
बंगाल मूल के राजपूत सेन शासकों की वंशावली वाले मंडी राज परिवार के अशोक पाल सेन का जन्म मंडी रियासत में राजा जोगिंदर सिंह के घर 5 अगस्त 1931 को हुआ था. राजा अशोक पाल ने अपनी शिक्षा लाहौर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरा की. अशोक पाल सेन को वर्ष जून 1986 में उस समय राजा की गद्दी मिली थी जब उनके पिता मंडी के राजा जोगिंदर सेन का निधन हो गया था. हालांकि अब सरकारी तौर पर राजाओं के शासन खत्म हो गए हैं. मगर राज परिवारों की अंदरूनी व्यवस्था को देखते हुए ओमेश्वर सिंह को तिथि तय करके अगला राजा घोषित किया जाएगा.
![वीरभद्र सिंह के साथ राजा अशोक पाल सेन(फाइल)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-mnd-06-raja-ashok-pal-img-hp10010_16022021214431_1602f_1613492071_91.jpeg)
सुबह 10 बजे चलेगी अंतिम यात्रा
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार बुधवार को सुबह 10 बजे उनकी अंतिम यात्रा भवानी निवास से निकलेगी. वह दो साल से टांगों में दिक्कत के चलते चल फिर नहीं पा रहे थे, व्हील चेयर पर ही रहते थे. उनकी बेटी सिद्धेश्वरी उनके साथ रहती थीं. राज परिवार के अनुसार मंडी जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया है कि प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार राजा का निधन होने की सूरत में उनका अंतिम संस्कार ब्यास नदी किनारे पंचबख्तर मंदिर के पास किया जाता है. इसी परंपरा का निवर्हन करते हुए अशोक पाल सेन का अंतिम संस्कार भी वहीं किया जाना चाहिए.
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