धर्मपुर/मंडी: हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की स्कीम के तहत मनरेगा व अन्य निर्माण मजदूरों को बोर्ड से पेंशन का प्रावधान किया गया है. इसके चलते धर्मपुर विकास खंड के पात्र दर्जनों मजदूरों को बोर्ड से पेंशन जारी हो गई है.
इन लोगों की पेंशन को मिली स्वीकृति
हिमाचल प्रदेश मनरेगा व निर्माण मजदूर फेडरेशन के राज्य महासचिव व पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनके संगठन के माध्यम से पंजीकृत हुए दो दर्जन मजदूरों को पेंशन स्वीकृत हो गई है. इनमें रोसो गांव की कांता देवी, साधोट की रूमा देवी और अति देवी, बाहरू गांव की नीरा, सरला और रंजना, बीडी गांव की कमला देवी, लग्यार की निर्मला देवी, लोअर थाना की रूमा देवी और काली दास, ढबरैल की इंदिरा देवी, फनेहल की कौलां देवी, चम्यार की रोशनी देवी, कोट की कमला देवी, टिहरा की व्यासा देवी और व्यशा, कोट की कृष्णि देवी, रशाहड़ी की जुगनी देवी, भेड़ि की अत्री देवी, खजुरटी की बिमला देवी, गदोहल की बिमला देवी, हियूंन की माया देवी, करनोहल की सुमित्रा देवी, स्याठी की दमोदरी देवी, भड्डू की सीता देवी, डरवाड़ की माया देवी और सरला देवी और सरी स्नोर की मीरा देवी आदि शामिल हैं.
ये लोग बन सकते हैं बोर्ड के सदस्य
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बोर्ड की योजना के अनुसार कोई भी मनरेगा और निर्माण मजदूर 18 से 60 वर्ष तक की आयु में बोर्ड का सदस्य बन सकता है और जो मजदूर 60 वर्ष की आयु पूरी करने से कम से कम तीन साल पहले बोर्ड का सदस्य बना हुआ हो तो वह पेंशन का हकदार बन जाता है.
मजदूरों को मिलने वाले लाभों को रुकवाने का आरोप
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी यूनियन ने धर्मपुर में दस हजार से ज्यादा मजदूरों को बोर्ड का सदस्य बनाया है, लेकिन अब यहां के स्थानीय विधायक व वर्तमान सरकार के वरिष्ठ मंत्री मजदूरों को पंजीकृत करने व उन्हें मिल रहे लाभों को रुकवाना चाहते हैं. इसके कारण उन्होंने एक महीने पहले मंडी लेबर ऑफिस के पूरे स्टाफ को ही ट्रांसफर करवा दिया है, जिसके कारण वर्तमान में मजदूरों को मिलने वाले लाभों का काम रुक गया है. भूपेंद्र सिंह ने सरकार को चेतावनी दी है कि मजदूरों के पंजीकरण व उन्हें निर्धारित लाभ जल्दी बहाल न होने पर मजदूर शिमला में विधानसभा के बाहर 17 मार्च को प्रदर्शन करेंगे.
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