मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 1001 कन्याओं व नौ प्रमुख देवियों का पूजन कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जाएगा. इसी के साथ महोत्सव में पहली बार चौहारघाटी के देवताओं का देव खेल होगा, जबकि सिराज क्षेत्र के देवता चोला नाटी में भाग लेंगे.
सर्व देवता कमेटी के जनरल हाऊस में इन निर्णयों पर सहमति जताई गई. अब इन मुद्दों को लेकर डीसी के साथ चर्चा की जाएगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा. सर्व देवता कमेटी के प्रधान शिवपाल ने बताया कि देव परंपराओं के तहत ही काम किया जाएगा. सभी ने सहमति जताई है कि नए देवताओं का पंजीकरण न किया जाए.
निर्धारित मापदंडों के तहत आने वाले व प्राचीन देवताओं का ही पंजीकरण किया जाए. बैठक में मेले के दौरान मिठाई की जगह काजू, बादाम देने, देवनाटी को अपनी वेशभूषा में आने पर सभी ने सहमति जताई है. उन्होंने मेला कमेटी से मांग की है कि लकड़ी का कोटा बार-बार मांगने की बजाए एक बार में ही दिया जाए. प्राचीन देवताओं को दस हजार रुपये और पंजीकृत देवता को 5 हजार रुपये बढ़ोतरी करने की मांग भी की गई.
बैठक में प्रदेश सरकार से मांग की गई कि सरकारी भूमि पर बने मंदिर व सराय को देवता के नाम पर किया जाए. कारदारों ने मांग रखी कि देवी-देवताओं की सराय व अन्य निर्माण की राशि सीधे कारदारों को दी जाए. इस मौके पर समिति के लोगों ने शिवरात्रि महोत्सव को और बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव दिए.