करसोगः प्रदेश सरकार के पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर वन विभाग की लापरवाही से पानी फिर रहा है. सरकार वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए हर साल पौधारोपण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन सरकार का अपना ही वन विभाग जंगलों को बचाने में नाकाम साबित हो रहा है. मंड़ी के करसोग उप मंडल के पटिंछा में वीरवार को चीड़ का जंगल आग की भेंट चढ़ गया.
मौके पर नजर नहीं आया फील्ड स्टाफ
तेज उठती आग की लपटों ने कुछ घंटों में ही जंगल को अपनी चपेट में ले लिया. आग से कई वनस्पति भी जलकर नष्ट हो गई. यही नहीं, जंगलों में छोटे-छोटे पेड़ आग लगने की वजह से राख हो गए. साथ लगते तीन-चार घरों को भी लोगों ने बड़ी मुश्किल से बचाया. साथ लगते शोझा इलाके में ही वन रक्षक का सरकारी आवास भी है, लेकिन हैरानी की बात है कि कई घंटों तक जल रहे जंगल को बचाने के लिए फील्ड स्टाफ मौके पर नजर नहीं आया.
सर्दियों के मौसम भी लग रही आग
करसोग में आए दिन हरे-भरे जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं. हालात यह हैं कि अब सर्दियों के मौसम भी जंगलों में आग लग रही है. गर्मियों में तो हालात और भी भयंकर हो जाते हैं. यहां हर साल जंगलों की आग की वजह से नुकसान होता है. इसका एक बड़ा कारण मानवीय चूक होने के साथ वन विभाग की भी लापरवाही है. जंगल दिन और रात आग में जल रहे होते हैं, लेकिन कर्मचारियों को इसकी खबर तक भी होती.
फील्ड कर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश
रेंज ऑफिसर गोपाल चौहान का कहना है कि फील्ड स्टाफ को स्पॉट पर पहुंचने के लिए कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि फील्ड कर्मियों को सतर्क रहने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में जंगलों को आग लगने से बचाया जा सके.
ये भी पढ़ेंः आज बिलासपुर पहुंचेंगे जेपी नड्डा, अपने पिता का जानेंगे हालचाल