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ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम के संशोधन पर फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने किया विरोध, सरकार से उठाई ये मांग - संशोधन को वापस लेने की मांग

मुख्यमंत्री के गृह जिला में केंद्र सरकार के द्वारा ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम में किए गए संशोधन पर कड़ा विरोध जताया है. साथ ही केंद्र सरकार से इस संशोधन को वापस लेने की मांग भी की है.

pharmacist association protested against the amendment
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Published : Nov 10, 2019, 2:21 PM IST

मंडीः हिमाचल प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम में किए गए संशोधन पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है. सरकार से इस संशोधन को वापस लेने की मांग भी उठाई है.

एसोसिएशन के प्रधान चमन ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम 1940 नियम 1945 की अनुसूचि के शेडयूल के में संशोधन किया है. इसके तहत अब डॉक्टर द्वारा पर्ची पर लिखी गई दवाई को आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नर्स और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भी दे सकेंगे.

वीडियो.

हालांकि नियमाअनुसार डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची की दवाई सिर्फ फार्मासिस्ट ही दे सकते हैं. अगर कोई दूसरा दवाई देता है तो इसे दंडनीय अपराध माना जाता है. इनका कहना है कि इस संशोधन से न सिर्फ फार्मासिस्ट वर्ग के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ केंद्र सरकार बहुत बड़ा खिलवाड़ करने जा रही है. इस मामले में केंद्र सरकार से इस संशोधन को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की है.

मंडीः हिमाचल प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम में किए गए संशोधन पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है. सरकार से इस संशोधन को वापस लेने की मांग भी उठाई है.

एसोसिएशन के प्रधान चमन ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक अधिनियम 1940 नियम 1945 की अनुसूचि के शेडयूल के में संशोधन किया है. इसके तहत अब डॉक्टर द्वारा पर्ची पर लिखी गई दवाई को आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नर्स और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर भी दे सकेंगे.

वीडियो.

हालांकि नियमाअनुसार डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची की दवाई सिर्फ फार्मासिस्ट ही दे सकते हैं. अगर कोई दूसरा दवाई देता है तो इसे दंडनीय अपराध माना जाता है. इनका कहना है कि इस संशोधन से न सिर्फ फार्मासिस्ट वर्ग के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ केंद्र सरकार बहुत बड़ा खिलवाड़ करने जा रही है. इस मामले में केंद्र सरकार से इस संशोधन को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की है.

Intro:मंडी। हिमाचल प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा ड्रग एंड काॅस्मेटिक अधिनियम में किए गए संशोधन पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है और सरकार से इस संशोधन को वापिस लेने की मांग उठाई है। Body:एसोसिएशन के प्रधान चमन ठाकुर, महासचिव मनोज शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान विपिन शर्मा और मीडिया प्रभारी कृष्ण कुमार ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि केंद्र सरकार ने ड्रग एंड काॅस्मेटिक अधिनियम 1940 नियम 1945 की अनुसूचि के शैडयूल के में संशोधन किया है। इसके तहत अब डाॅक्टर द्वारा पर्ची पर लिखी गई दवाई को आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नर्स और कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर भी दे सकेंगे। जबकि नियम के तहत डाॅक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची की दवाई सिर्फ फार्मासिस्ट ही दे सकते हैं। यदि कोई दूसरा दवाई देता है तो इसे दंडनीय अपराध माना जाता है। इनका कहना है कि इस संशोधन से न सिर्फ फार्मासिस्ट वर्ग के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ केंद्र सरकार बहुत बड़ा खिलवाड़ करने जा रही है। इन्होंने केंद्र सरकार से इस संशोधन को तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की मांग उठाई है।
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