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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं मिलने से गुस्साई भीड़ ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी, आंदोलन की दी चेतावनी

लोगों का कहना है कि यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड तो लगा दिया हैं पर सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं मिल रहा है. स्थिति ये है कि यहां ड्यूटी पर तैनात लेब टेक्निकल व लिपिक भी करसोग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

भीड़ ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
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Published : Jun 13, 2019, 5:55 PM IST

करसोग: पांगणा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न होने से लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. गुरूवार को भी जब मरीज इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां डॉक्टर नहीं था. इस पर लोग भड़क गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.

सरकार के लाख दावों के बीच समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर की कमी दूर नहीं हुई है. जिससे अब लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा पनपने लगा है. ऐसा ही वाक्या गुरूवार को करसोग उपमंडल के पांगणा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला. यहां मरीजों ने डॉक्टर न होने पर प्रशासन के प्रति नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी की.

सामुदायिक केंद्र में इलाज के लिए पहुंचे लोगों का कहना था कि पांगणा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमात्र डॉक्टर के सहारे चल रहा है, लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर को बार-बार ड्यूटी पर करसोग भेजा जाता है. इससे प्रशासन खुले आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. लोगों को स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने पर ही डॉक्टर न होने की सूचना मिलती है. जिस कारण क्षेत्र की गरीब जनता की इलाज के लिए इधर- उधर भटकना पड़ रहा है. इससे खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लोगों का कहना है कि यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड तो लगा दिया हैं पर सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं मिल रहा है. स्थिति ये है कि यहां ड्यूटी पर तैनात लेब टेक्निकल व लिपिक भी करसोग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में उप-तहसील पांगणा के स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है. यहां हर रोज दूर दराज के क्षेत्रों से लोग इलाज करवाने आते हैं पर नियमित चिकित्स्क व स्टॉफ ना होने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.

भीड़ ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

पदमा गुप्ता कहना है कि स्थानीय लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए अपनी बहुमूल्य जमीन दान दी है, लेकिन इसके बावजूद भी स्टॉफ की कमी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. लोगों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही यहां पर नियमित चिकित्सक व स्टाफ की तैनाती नहीं कि गई तो पूरे क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी.

बीएमओ करसोग राकेश प्रताप का कहना है कि मामला ध्यान में आते ही तुरंत प्रभाव से डॉक्टर को पांगणा सामुदायिक केंद्र भेज दिया गया था. उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पूरे प्रयास किये जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- राजधानी के चौपाल शिमला मार्ग पर नाले में लुढ़की कार, एक की मौके पर मौत

करसोग: पांगणा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न होने से लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. गुरूवार को भी जब मरीज इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां डॉक्टर नहीं था. इस पर लोग भड़क गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.

सरकार के लाख दावों के बीच समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर की कमी दूर नहीं हुई है. जिससे अब लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा पनपने लगा है. ऐसा ही वाक्या गुरूवार को करसोग उपमंडल के पांगणा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला. यहां मरीजों ने डॉक्टर न होने पर प्रशासन के प्रति नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी की.

सामुदायिक केंद्र में इलाज के लिए पहुंचे लोगों का कहना था कि पांगणा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमात्र डॉक्टर के सहारे चल रहा है, लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर को बार-बार ड्यूटी पर करसोग भेजा जाता है. इससे प्रशासन खुले आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. लोगों को स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने पर ही डॉक्टर न होने की सूचना मिलती है. जिस कारण क्षेत्र की गरीब जनता की इलाज के लिए इधर- उधर भटकना पड़ रहा है. इससे खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लोगों का कहना है कि यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड तो लगा दिया हैं पर सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं मिल रहा है. स्थिति ये है कि यहां ड्यूटी पर तैनात लेब टेक्निकल व लिपिक भी करसोग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में उप-तहसील पांगणा के स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है. यहां हर रोज दूर दराज के क्षेत्रों से लोग इलाज करवाने आते हैं पर नियमित चिकित्स्क व स्टॉफ ना होने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.

भीड़ ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

पदमा गुप्ता कहना है कि स्थानीय लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए अपनी बहुमूल्य जमीन दान दी है, लेकिन इसके बावजूद भी स्टॉफ की कमी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. लोगों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही यहां पर नियमित चिकित्सक व स्टाफ की तैनाती नहीं कि गई तो पूरे क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी.

बीएमओ करसोग राकेश प्रताप का कहना है कि मामला ध्यान में आते ही तुरंत प्रभाव से डॉक्टर को पांगणा सामुदायिक केंद्र भेज दिया गया था. उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पूरे प्रयास किये जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- राजधानी के चौपाल शिमला मार्ग पर नाले में लुढ़की कार, एक की मौके पर मौत


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Date: Thu, Jun 13, 2019, 4:59 PM
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यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं था डॉक्टर, गुसाई भीड़ ने प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी।
पांगणा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न होने से लोगों को ईलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। वीरवार को भी जब मरीज इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां डॉक्टर नहीं था। इस पर लोग भड़क गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं बीएमओ करसोग का कहना है कि सूचना मिलने पर तुरन्त डॉक्टर की पांगणा स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया था।
करसोग
सरकार के लाख दावों के बीच समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर की कमी दूर नहीं हुई है। जिससे अब  लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा पनपने लगा है। ऐसा ही वाक्या वीरवार को करसोग उपमंडल के पांगणा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में देखने को मिला। यहां मरीजों ने डॉक्टर न होने पर प्रशासन के प्रति नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी की। सामुदायिक केंद्र में ईलाज के लिए पहुंचे लोगों कस कहना था कि पांगणा का  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमात्र डॉक्टर के सहारे चल रहा है, लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर को बार बार  ड्यूटी पर करसोग भेजा जाता है। इससे प्रशासन खुले आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। लोगों को स्वास्थ्य केंद्र में पहुँचने पर ही डॉक्टर न होने की सूचना मिलती है। जिस कारण क्षेत्र की गरीब जनता की ईलाज के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। इससे खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे अधिक दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।  स्वास्थ्य केंद्र में भारी परेशान
लोगों का कहना है कि  यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड तो लगा दिया हैं पर सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं मिल रहा है। स्थिति ये है कि यहां ड्यूटी पर तैनात लेब टेक्निकल व लिपिक भी करसोग में अपनी सेवाएं  दे रहे हैं। ऐसे में उप तहसील पांगणा के स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है।  यहां हर रोज दूर दराज के क्षेत्रों से  लोग इलाज करवाने आते हैं पर नियमित चिकित्स्क व स्टॉफ ना होने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं l पदमा गुप्ता कहना है कि स्थानीय लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए अपनी बहुमूल्य जमीन दान दी है, लेकिन इसके बावजूद भी स्टॉफ की कमी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं l लोगों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही यहां पर नियमित चिकित्सक व स्टाफ की तैनाती नहीं कि गई तो पूरे क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी। वहीं बीएमओ करसोग राकेश प्रताप का कहना है कि मामला ध्यान में आते ही तुरंत प्रभाव से डॉक्टर को पांगणा सामुदायिक केंद्र भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। 
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