करसोग: छात्रों की कम संख्या वाले स्कूलों को सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया है, लेकिन जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या अच्छी खासी हैं, उसकी सुध नहीं ली जा रही है. इस तरह की लापरवाही का एक मामला उपमंडल करसोग की साथ लगती ग्राम पंचायत भंथल की प्राथमिक पाठशाला नेहरा में देखने को मिल रहा है. यहां करीब दो साल पहले स्कूल भवन के पीछे की दीवार गिर गई थी, लेकिन शिक्षा विभाग अभी तक रिटेनिंग वॉल नहीं लगा पाया है.
ऐसे में अभिभावकों को स्कूल भवन के धंसने का खतरा सता रहा है. जिस कारण अभिभावक बारिश के दिनों में नौनिहालों को स्कूल भेजने में डरते हैं. मामले को कई बार उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया जा चुका है, जिस पर अभी तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं हुई है.
60 नौनिहाल शिक्षा कर रहे ग्रहण: प्राथमिक पाठशाला नेहरा में 60 नौनिहाल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल भवन में कुल तीन कमरे हैं. जिसमें एक स्टाफ रूम है, वहीं दो कमरों में नौनिहालों को बैठने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में बच्चों की संख्या अधिक होने की वजह से कक्षा स्कूल के बरामदे में भी लगानी पड़ती है. जिससे ठंड के दिनों में छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसी स्कूल भवन के पीछे की दीवार दो साल पहले गिर गई थीं. यहां बच्चों की सुरक्षा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिस कारण यहां पर हमेशा अनहोनी होने का अंदेशा बना रहता है.
![boundary wall of nehra school broken](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18617963_th1.png)
एसएमसी प्रधान आशा कुमारी ने कहा प्राथमिक पाठशाला नेहरा में स्कूल भवन के पीछे की दीवार करीब दो साल पहले गिर गई थी. इस बारे में प्रशासन सहित शिक्षा विभाग को प्रस्ताव दिए जा चुके हैं. जिसको लेकर शिक्षा विभाग ने स्कूल में आकर निरीक्षण भी किया था, लेकिन इसके बाद भी सुरक्षा दीवार लगाने को लेकर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं हुई है. स्कूल में बच्चों की अधिक संख्या होने की वजह से कमरों की भी कमी है.
प्रारंभिक खंड शिक्षा अधिकारी कर्मदास का कहना है कि जैसे ही बजट का प्रावधान होगा, शीघ्र ही सुरक्षा दीवार लगा दी जाएगी. स्कूल में छात्रों के बैठने के लिए भी कमरों की कमी है. इसको लेकर भी विभाग को पहले ही सूचित किया जा चुका है.
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