करसोग: हर रोज बढ़ रही कीमतों से लोग प्याज का भाव अब पाव में पूछ रहे हैं. इसका असर रिटेल बाजार समेत थोक की मंडियों पर पड़ रहा है. दुकानों में लागत घटने के बाद अब रिटेल व्यापारी कम प्याज खरीद रहे हैं. इस कारण आम ग्राहक रिटेल व्यापारियों से जरूरत के मुताबिक ही प्याज खरीद कर लेकर जा रहे हैं.
बुधवार को करसोग बाजार में प्याज का रिटेल रेट 80 रुपये तक रहा. ऐसे में प्याज की कीमतों ने एक बार फिर सभी को रूला दिया है. काफी समय बीत जाने के बावजूद भी प्याज की कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे.
व्यापारियों की मानें तो चंडीगढ़ मंडी में थोक भाव ही अब 90 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. ऐसे में प्याज की कीमत कम होने के अभी कोई आसार नहीं है.
प्याज स्टोर नहीं किया है, बेमौसमी बरसात से हुआ खराब
कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमत कम होने के आसार नहीं है. लोगों की आम धारणा है कि प्याज को स्टोर किया गया है, जबकि कीमतें बढ़ने का कारण महाराष्ट्र समेत गुजरात और कर्नाटक में हुई बेमौसमी बरसात है, जहां ज्यादा बारिश से किसानों का प्याज खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो गया.
इस कारण मंडियों में डिमांड के मुताबिक प्याज नहीं पहुंच रहा है. आढ़तियों का ये भी तर्क है कि अफगानिस्तान के प्याज से कीमतों में जरूर कमी आ सकती थी, लेकिन ये प्याज साइज में मोटा और बेरंग होता है. इसलिए इसे देश की मंडियों में पसंद नहीं किया जाता.
'1 किलो की जगह 250 ग्राम खरीद रहे प्याज'
करसोग के कारोबारी भगतराम शर्मा का कहना है कि कीमतें बढ़ने से प्याज की लागत घट गई है. उनका कहना है कि जो लोग 1 किलो प्याज खरीदते थे वे अब 250 ग्राम प्याज ही लेकर जा रहे हैं. ग्राहक यशवंत ठाकुर का कहना है कि प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं.
करसोग की बात करें तो यहां हालात खराब हैं. यहां ज्यादातर गरीब जनता रहती है. सरकार को प्याज के रेट कम करने चाहिए. उन्होंने कहा कि अब प्याज के पीछे दंपतियों में झगड़े हो रहे हैं.
रिंकू का कहना है कि प्याज के रेट अधिक हैं. आम आदमी इसे नहीं खरीद सकता है. सरकार को चाहिए कि इसकी कीमतों पर लगाम लगाई जाए.