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प्याज की कीमत ने निकाले आंसू, लोग पाव में पूछ रहे भाव

दुकानों में प्याज लागत घटने के बाद अब रिटेल व्यापारी कम प्याज खरीद रहे हैं. इस कारण आम ग्राहक रिटेल व्यापारियों से जरूरत के मुताबिक ही प्याज खरीद कर लेकर जा रहे हैं.

onion high price in karsog
करसोग में प्याज के दाम
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Published : Dec 4, 2019, 7:36 PM IST

करसोग: हर रोज बढ़ रही कीमतों से लोग प्याज का भाव अब पाव में पूछ रहे हैं. इसका असर रिटेल बाजार समेत थोक की मंडियों पर पड़ रहा है. दुकानों में लागत घटने के बाद अब रिटेल व्यापारी कम प्याज खरीद रहे हैं. इस कारण आम ग्राहक रिटेल व्यापारियों से जरूरत के मुताबिक ही प्याज खरीद कर लेकर जा रहे हैं.

बुधवार को करसोग बाजार में प्याज का रिटेल रेट 80 रुपये तक रहा. ऐसे में प्याज की कीमतों ने एक बार फिर सभी को रूला दिया है. काफी समय बीत जाने के बावजूद भी प्याज की कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे.

व्यापारियों की मानें तो चंडीगढ़ मंडी में थोक भाव ही अब 90 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. ऐसे में प्याज की कीमत कम होने के अभी कोई आसार नहीं है.

प्याज स्टोर नहीं किया है, बेमौसमी बरसात से हुआ खराब
कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमत कम होने के आसार नहीं है. लोगों की आम धारणा है कि प्याज को स्टोर किया गया है, जबकि कीमतें बढ़ने का कारण महाराष्ट्र समेत गुजरात और कर्नाटक में हुई बेमौसमी बरसात है, जहां ज्यादा बारिश से किसानों का प्याज खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो गया.

इस कारण मंडियों में डिमांड के मुताबिक प्याज नहीं पहुंच रहा है. आढ़तियों का ये भी तर्क है कि अफगानिस्तान के प्याज से कीमतों में जरूर कमी आ सकती थी, लेकिन ये प्याज साइज में मोटा और बेरंग होता है. इसलिए इसे देश की मंडियों में पसंद नहीं किया जाता.

'1 किलो की जगह 250 ग्राम खरीद रहे प्याज'
करसोग के कारोबारी भगतराम शर्मा का कहना है कि कीमतें बढ़ने से प्याज की लागत घट गई है. उनका कहना है कि जो लोग 1 किलो प्याज खरीदते थे वे अब 250 ग्राम प्याज ही लेकर जा रहे हैं. ग्राहक यशवंत ठाकुर का कहना है कि प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं.

करसोग की बात करें तो यहां हालात खराब हैं. यहां ज्यादातर गरीब जनता रहती है. सरकार को प्याज के रेट कम करने चाहिए. उन्होंने कहा कि अब प्याज के पीछे दंपतियों में झगड़े हो रहे हैं.
रिंकू का कहना है कि प्याज के रेट अधिक हैं. आम आदमी इसे नहीं खरीद सकता है. सरकार को चाहिए कि इसकी कीमतों पर लगाम लगाई जाए.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: सुंदरनगर में डिजिटल वित्तीय साक्षरता जागरूक कार्यक्रम का आयोजन, RBI चीफ शिमला भी हुए शामिल

करसोग: हर रोज बढ़ रही कीमतों से लोग प्याज का भाव अब पाव में पूछ रहे हैं. इसका असर रिटेल बाजार समेत थोक की मंडियों पर पड़ रहा है. दुकानों में लागत घटने के बाद अब रिटेल व्यापारी कम प्याज खरीद रहे हैं. इस कारण आम ग्राहक रिटेल व्यापारियों से जरूरत के मुताबिक ही प्याज खरीद कर लेकर जा रहे हैं.

बुधवार को करसोग बाजार में प्याज का रिटेल रेट 80 रुपये तक रहा. ऐसे में प्याज की कीमतों ने एक बार फिर सभी को रूला दिया है. काफी समय बीत जाने के बावजूद भी प्याज की कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे.

व्यापारियों की मानें तो चंडीगढ़ मंडी में थोक भाव ही अब 90 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. ऐसे में प्याज की कीमत कम होने के अभी कोई आसार नहीं है.

प्याज स्टोर नहीं किया है, बेमौसमी बरसात से हुआ खराब
कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमत कम होने के आसार नहीं है. लोगों की आम धारणा है कि प्याज को स्टोर किया गया है, जबकि कीमतें बढ़ने का कारण महाराष्ट्र समेत गुजरात और कर्नाटक में हुई बेमौसमी बरसात है, जहां ज्यादा बारिश से किसानों का प्याज खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो गया.

इस कारण मंडियों में डिमांड के मुताबिक प्याज नहीं पहुंच रहा है. आढ़तियों का ये भी तर्क है कि अफगानिस्तान के प्याज से कीमतों में जरूर कमी आ सकती थी, लेकिन ये प्याज साइज में मोटा और बेरंग होता है. इसलिए इसे देश की मंडियों में पसंद नहीं किया जाता.

'1 किलो की जगह 250 ग्राम खरीद रहे प्याज'
करसोग के कारोबारी भगतराम शर्मा का कहना है कि कीमतें बढ़ने से प्याज की लागत घट गई है. उनका कहना है कि जो लोग 1 किलो प्याज खरीदते थे वे अब 250 ग्राम प्याज ही लेकर जा रहे हैं. ग्राहक यशवंत ठाकुर का कहना है कि प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं.

करसोग की बात करें तो यहां हालात खराब हैं. यहां ज्यादातर गरीब जनता रहती है. सरकार को प्याज के रेट कम करने चाहिए. उन्होंने कहा कि अब प्याज के पीछे दंपतियों में झगड़े हो रहे हैं.
रिंकू का कहना है कि प्याज के रेट अधिक हैं. आम आदमी इसे नहीं खरीद सकता है. सरकार को चाहिए कि इसकी कीमतों पर लगाम लगाई जाए.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: सुंदरनगर में डिजिटल वित्तीय साक्षरता जागरूक कार्यक्रम का आयोजन, RBI चीफ शिमला भी हुए शामिल

Intro:हर रोज बढ़ रही कीमतों से लोग प्याज का भाव अब पाव में पूछ रहे है। जिसका असर रिटेल बाजार सहित थोक की मंडियों में पड़ रहा है। दुकानों में लागत घटने के बाद अब रिटेल व्यापारी कम प्याज खरीद रहे हैं, जिस कारण आम ग्राहक रिटेल व्यापारियों से जरूरत के मुताबिक ही प्याज खरीद कर लेकर जा रहे हैं. आज की बात करें तो करसोग बाजार में प्याज का रिटेल रेट 80 रुपये तक रहाBody:अब प्याज की कीमत ने निकले आंसू, यहां लोग पाव में पूछ रहे हैं भाव
करसोग
काटते समय आंसू निकालने वाले प्याज की लगातार बढ़ती कीमत से भी अब लोगों की आंखें भर गई है भाव में आई तेजी का असर अब रसोई पर दिखने लगा है। हर रोज बढ़ रही कीमतों से लोग प्याज का भाव अब पाव में पूछ रहे है। जिसका असर रिटेल बाजार सहित थोक की मंडियों में पड़ रहा है। दुकानों में लागत घटने के बाद अब रिटेल व्यापारी कम प्याज खरीद रहे हैं, जिस कारण आम ग्राहक रिटेल व्यापारियों से जरूरत के मुताबिक ही प्याज खरीद कर लेकर जा रहे हैं. आज की बात करें तो करसोग बाजार में प्याज का रिटेल रेट 80 रुपये तक रहा। ऐसे में प्याज की कीमतों ने एक बार फिर सभी को रूला दिया है। लंबा अरसा हो गया लेकिन अभी प्याज की कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे। व्यापारियों की माने तो चंडीगढ़ मंडी में थोक भाव ही अब 90 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं, ऐसे में प्याज की कीमत कम होने के अभी कोई आसार नहीं है।

प्याज स्टोर नहीं किया है, बे मौसमी बरसात से हुआ खराब:
कारोबारियों की माने तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमत कम होने के आसार नहीं है। लोगों की आम धारणा ही कि प्याज को स्टोर किया गया है, जबकि कीमतें बढ़ने का कारण महाराष्ट्र सहित गुजरात और कर्नाटक में हुई बे मौसमी बरसात है। जहां अधिक बारिश से किसानों का प्याज खेतों में ही सड़ कर बर्बाद हो गया। जिस कारण मंडियों में डिमांड के मुताबिक प्याज नहीं पहुंच रहा है। स्थिति ये है कि नासिक का कारोबारी अब प्याज खरीदने दिल्ली बैठ गया है। आढ़तियों का ये भी तर्क है कि अफगानिस्तान के प्याज से कीमतों में जरूर कमी आ सकती थी, लेकिन ये प्याज साइज में मोटा और बेरंग होता है। इसलिए ऐसे देश की मंडियों में पसन्द नहीं किया जाता।

किलो की जगह 250 ग्राम खरीद रहे प्याज: भगतराम
करसोग के कारोबारी भगतराम शर्मा का कहना है कि कीमतें बढ़ने से प्याज की लागत घट गई है। उनका कहना है कि जो लोग 1 किलो प्याज खरीदते थे वे अब 250 ग्राम प्याज ही लेकर जा रहे हैं। ग्राहक यशवंत ठाकुर का कहना है कि प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। करसोग की बात करे तो यहां हालात खराब है। यहां अधिकतर गरीब जनता रहती है। सरकार को चाहिए कि इसके रेट कम किए जाए। उन्होंने कहा कि अब प्याज के पीछे दंपतियों में झगड़े हो रहे हैं। रिंकू का कहना है कि प्याज के रेट अधिक हैं। आम आदमी इसे नहीं खरीद सकता है। सरकार को चाहिए कि इसकी कीमतों पर लगाम लगाई जाए।Conclusion:करसोग के कारोबारी भगतराम शर्मा का कहना है कि कीमतें बढ़ने से प्याज की लागत घट गई है। उनका कहना है कि जो लोग 1 किलो प्याज खरीदते थे वे अब 250 ग्राम प्याज ही लेकर जा रहे हैं। ग्राहक यशवंत ठाकुर का कहना है कि प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। करसोग की बात करे तो यहां हालात खराब है। यहां अधिकतर गरीब जनता रहती है। सरकार को चाहिए कि इसके रेट कम किए जाए। उन्होंने कहा कि अब प्याज के पीछे दंपतियों में झगड़े हो रहे हैं
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