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हिमाचल भवन-सदन में ठहरने पर किसी को भी नहीं मिलेगी रियायत, सबको चुकाना होगा 1200 किराया - himachal bhawan room tariff

हिमाचल भवन और हिमाचल सदन दिल्ली के साथ हिमाचल भवन चंडीगढ़ में अब सभी के लिए कमरों का किराया 1200 रुपये तय कर दिया गया है. इस संबंध में राज्य सरकार की तरफ से शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal bhavan room rent) (himachal sadan delhi room rent) (himachal bhawan room tariff).

Himachal bhavan room rent
हिमाचल भवन-सदन में ठहरने पर किसी को भी नहीं मिलेगी रियायत
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Published : Jun 2, 2023, 5:38 PM IST

शिमला: हिमाचल सदन व भवन दिल्ली व हिमाचल भवन चंडीगढ़ में रहने के लिए किसी को भी रियायत नहीं मिलेगी. सभी को यहां ठहरने के लिए 1200 रुपए का रेंट कमरों का चुकाना होगा. सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत अब हिमाचल भवन व सदन में अब सभी के लिए कमरों का रेंट 1200 रुपये ही रहेगा.

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार हिमाचल की खराब आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कड़े फैसले ले रही है. इसके तहत सरकार रियायतों को कम कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने हिमाचल भवन व सदन दिल्ली के साथ ही हिमाचल भवन चंडीगढ़ में अब सभी के लिए कमरों का रेंट 1200 रुपये तय कर दिया है. इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. इस तरह अब प्रदेश के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को हिमाचल सदन व भवन दिल्ली व हिमाचल भवन चंडीगढ़ को एक कमरे का 1,200 रुपए का रेंट देना होगा.

Himachal bhavan room rent
नोटिफिकेशन की कॉपी.

सत्ता में आते ही माननीयों के लिए बढ़ा दिया था कमरे का किराया: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधायकों, सांसदों, निगमों-बोर्डों के अध्यक्षों-उपाध्यक्षों के लिए हिमाचल सदन और भवन दिल्ली और हिमाचल भवन चंडीगढ़ का रेंट 1200 रुपए करने का फैसला किया था, तब यह माना जा रहा है कि सरकार का यह कदम वीआईपी सिस्टम को खत्म करने का है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस विधायकों के साथ पहली बैठक में यह फैसला लिया था और कहा था कि उनके विधायक भी वीआईपी कल्चर को खत्म करना चाहते हैं और इसको देखते हुए सरकार ने सभी विधायकों और मंत्रियों आदि के लिए रेंट 1200 रुपए करने का फैसला किया है. लेकिन अब सरकार ने सभी के लिए एक समान किराया तय कर दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि यह आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लिए गए फैसलों में से एक है.

अधिकारियों और कर्मचारियों को भी चुकाने होंगे 1200 रुपए: हिमाचल सदन दिल्ली और हिमाचल भवन दिल्ली व चंडीगढ़ में अब ठहरने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी 1200 रुपए चुकाने होंगे. पहले इनके लिए 500 रुपए कमरे का रेंट तय था. इस तरह अधिकारिक डयूटी के दौरान भी कर्मचारियों और अधिकारियों को इन कमरों का 1200 रुपए का रेंट चुकाना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, एमपी, बोर्ड के अध्यक्षों- उपाध्यक्षों सहित सेवानिवृत कर्मचारी-अधिकारियों के लिए भी यही रेंट तय किया किया गया है. इसके अलावा इनके परिवार(पति-पत्नी, बेटा-बेटी) के लिए भी 1,200 रुपये ही रेंट देना पड़ेगा. हिमाचल में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को भी अधिकारिक डयूटी के दौरान इतना ही रेंट देना पड़ेगा. इनके अलावा राष्ट्रीय समाचार पत्रों के संपादकों और हिमाचल सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए भी 1200 रुपए का रेंट रहेगा. हिमाचली भी इसी रेंट पर यहां कमरा ले सकते हैं, हालांकि गैर हिमाचलियों के लिए यहां रेंट 2000 रुपए कमरे का रहेगा.

सरकार ने हिमाचल सदन और भवन के प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं कि यहां पर किसी ओर से नाम से बुकिंग करने वालों को ठहरने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. जिसके नाम कमरा बुक होगा, केवल वे लोग ही वहां ठहर सकेंगे. उधर, सरकार के इस फैसले कर्मचारियों में अंदर खाते नाराजगी है. कर्मचारी हालांकि खुलकर बोल नहीं रहे, लेकिन अंदर खाते वे सरकार के इस फैसले को सही नहीं मान रहे. कर्मचारियों की मानें तो यह रेंट वीआईपी के लिए ठीक है, लेकिन आम कर्मचारी इतना रेंट चुकाने में असमर्थ हैं.

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शिमला: हिमाचल सदन व भवन दिल्ली व हिमाचल भवन चंडीगढ़ में रहने के लिए किसी को भी रियायत नहीं मिलेगी. सभी को यहां ठहरने के लिए 1200 रुपए का रेंट कमरों का चुकाना होगा. सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत अब हिमाचल भवन व सदन में अब सभी के लिए कमरों का रेंट 1200 रुपये ही रहेगा.

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार हिमाचल की खराब आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कड़े फैसले ले रही है. इसके तहत सरकार रियायतों को कम कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने हिमाचल भवन व सदन दिल्ली के साथ ही हिमाचल भवन चंडीगढ़ में अब सभी के लिए कमरों का रेंट 1200 रुपये तय कर दिया है. इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. इस तरह अब प्रदेश के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को हिमाचल सदन व भवन दिल्ली व हिमाचल भवन चंडीगढ़ को एक कमरे का 1,200 रुपए का रेंट देना होगा.

Himachal bhavan room rent
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सत्ता में आते ही माननीयों के लिए बढ़ा दिया था कमरे का किराया: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधायकों, सांसदों, निगमों-बोर्डों के अध्यक्षों-उपाध्यक्षों के लिए हिमाचल सदन और भवन दिल्ली और हिमाचल भवन चंडीगढ़ का रेंट 1200 रुपए करने का फैसला किया था, तब यह माना जा रहा है कि सरकार का यह कदम वीआईपी सिस्टम को खत्म करने का है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस विधायकों के साथ पहली बैठक में यह फैसला लिया था और कहा था कि उनके विधायक भी वीआईपी कल्चर को खत्म करना चाहते हैं और इसको देखते हुए सरकार ने सभी विधायकों और मंत्रियों आदि के लिए रेंट 1200 रुपए करने का फैसला किया है. लेकिन अब सरकार ने सभी के लिए एक समान किराया तय कर दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि यह आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लिए गए फैसलों में से एक है.

अधिकारियों और कर्मचारियों को भी चुकाने होंगे 1200 रुपए: हिमाचल सदन दिल्ली और हिमाचल भवन दिल्ली व चंडीगढ़ में अब ठहरने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी 1200 रुपए चुकाने होंगे. पहले इनके लिए 500 रुपए कमरे का रेंट तय था. इस तरह अधिकारिक डयूटी के दौरान भी कर्मचारियों और अधिकारियों को इन कमरों का 1200 रुपए का रेंट चुकाना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, एमपी, बोर्ड के अध्यक्षों- उपाध्यक्षों सहित सेवानिवृत कर्मचारी-अधिकारियों के लिए भी यही रेंट तय किया किया गया है. इसके अलावा इनके परिवार(पति-पत्नी, बेटा-बेटी) के लिए भी 1,200 रुपये ही रेंट देना पड़ेगा. हिमाचल में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को भी अधिकारिक डयूटी के दौरान इतना ही रेंट देना पड़ेगा. इनके अलावा राष्ट्रीय समाचार पत्रों के संपादकों और हिमाचल सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए भी 1200 रुपए का रेंट रहेगा. हिमाचली भी इसी रेंट पर यहां कमरा ले सकते हैं, हालांकि गैर हिमाचलियों के लिए यहां रेंट 2000 रुपए कमरे का रहेगा.

सरकार ने हिमाचल सदन और भवन के प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं कि यहां पर किसी ओर से नाम से बुकिंग करने वालों को ठहरने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. जिसके नाम कमरा बुक होगा, केवल वे लोग ही वहां ठहर सकेंगे. उधर, सरकार के इस फैसले कर्मचारियों में अंदर खाते नाराजगी है. कर्मचारी हालांकि खुलकर बोल नहीं रहे, लेकिन अंदर खाते वे सरकार के इस फैसले को सही नहीं मान रहे. कर्मचारियों की मानें तो यह रेंट वीआईपी के लिए ठीक है, लेकिन आम कर्मचारी इतना रेंट चुकाने में असमर्थ हैं.

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