मंडी: स्वास्थ्य विभाग में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत विभिन्न सेवाओं में कार्यरत लगभग 2 हजार कर्मचारी (NHM Employees in himachal) अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 22 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. इनका आरोप है कि उनका सरकार जमकर शोषण कर रही है, जबकि उनकी सेवाएं कोरोना काल से लेकर आम दिनों तक बेहद उपयोगी व सराहनीय रही हैं. कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को 25 जनवरी तक अल्टीमेटम दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार यदि 25 जनवरी तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 2 फरवरी को 1 दिन की सरकार की सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे.
राज्य स्वास्थ्य समिति (नेशनल हेल्थ मिशन) अनुबंध कर्मचारी संघ जिला मंडी के महामंत्री नवनीत गुलेरिया ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पिछले 20-22 वर्षों कार्य कर रहे लगभग 2000 कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की स्थाई नीति या रोगुलर पे स्केल (demand for regular pay scale) लागू करने का अल्टीमेटम दिया गया है, जिसमें 25 जनवरी तक का समय दिया गया है. अगर प्रदेश सरकार तय सीमा तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो कर्मचारी 2 फरवरी को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे. उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी के इस निर्णय की जानकारी और इसकी प्रतिलिपि प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दे दी गई है.
नवनीत गुलेरिया ने बताया कि सरकार को भेजे गए इस अल्टीमेटम में बताया गया है कि वर्ष 1997 से लेकर आज तक अनुबंध कर्मचारियों (contract workers in himachal) के लिए कोई नीति नहीं बना पाई है. न्यूनतम वेतन पर सेवाएं देने पर वर्ष 2016 में कैबिनेट स्तर पर रेगुलर पे स्केल की नोटिफिकेशन जारी हुई थी, जिसे मात्र मेडिकल कॉलेज में ही कुछ एक कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है. चिंता की बात यह है कि इन्हें आज तक इससे वंचित रखा गया है.
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नवनीत गुलेरिया ने कहा कि आज तक किसी भी बजट में कर्मचारियों के लिए राज्य फंड मुहैया करवाने में सरकार विफल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में जेसीसी की मीटिंग (JCC meeting in Himachal) को हुए दो महीने हो चुके हैं और जो प्रपोजल विभाग ने बनाया था वो अभी तक सरकार भारत सरकार को भेजने में भी नाकाम रही है. जेसीसी की मीटिंग के बाद भी इस फाइल के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. जब राज्य में इन कर्मचारियों के लिए कोई एचआर पॉलिसी नहीं है तो इन कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र 58 वर्ष की नोटिफिकेशन कैसे की गई.