मंडी: मंडी से कुल्लू तक चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे और निर्माणाधीन किरतपुर-मनाली फोरलेन को दशहरे से पहले बहाल करने की जो बात कही गई थी, वो अब पूरी होती हुई नजर नहीं आ रही है. पंडोह डैम के पास धंस चुके हाइवे को बहाल करना एनएचएआई के टेड़ी खीर साबित हो रहा है. गौरतलब है कि 6 दिन पहले यहां जमीन पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई थी. जिसके चलते निर्माणाधीन रोप-वे को भी खतरा पैदा हो गया था.
इन कारणों से हाईवे बहाली में हो रही देरी: जिसके बाद डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने मौके पर जाकर एनएचएआई और रोप-वे बनाने वाली कंपनी को इसे बचाने का रास्ता सुझाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद एनएचएआई के निर्देशों पर सड़क मरम्मत में बदलाव किए गए हैं. वहीं, यहां पर सड़क बहाली के लिए पिछले पांच दिनों से रुके हुए काम को भी वीरवार से फिर शुरू कर दिया गया है. इन्हीं सब वजहों से इस कार्य में देरी हो रही है और एनएचएआई ने जो लक्ष्य तय किया है वो पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
दशहरे से पहले हाईवे बहाल करने की कोशिश: नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी ने बताया कि पंडोह डैम के पास पांच दिनों बाद हाईवे की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया. यहां जमीन पर पड़ रही दरारों को देखने के लिए रोप-वे कंपनी और एनआईटी की एक टीम आई थी. जिसके बाद हाईवे के डिजाइन में बदलाव किया गया है. जिस तरह से काम बार-बार बाधित हो रहा है, उसको देखकर ऐसा लग रहा है दशहरे से पहले हाईवे को पूरी तरह से बहाल करने में दिक्कत पेश आ सकती हैं, लेकिन हम पूरी तरह से दिन-रात इस कार्य में जुटे हुए हैं और दशहरा से पहले हाईवे बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है.
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