मंडी: नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश द्वारा आगामी पंचायती राज चुनाव में नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों की ड्यूटी ना लगाने बारे राज्यपाल हिमाचल प्रदेश, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश, मुख्य चुनाव आयुक्त हिमाचल प्रदेश को पत्र लिखा है.
महासंघ का कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते इस महामारी का खौफ हर कहीं देखने को मिल रहा है. सरकार अपने कर्मचारियों को ना तो कोई सुरक्षा दे रही है ना ही कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रावधान किया है, यदि इस महामारी के कारण किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके परिवार के लिए कोई सहायता सरकार की तरफ से नहीं दी जा रही है.
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि सरकार ने आश्वासन दिया था कि नई पेंशन में आने वाले कर्मचारियों की पेंशन के लिए जल्द कमेटी का गठन किया जाएगा और केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना जिसमें मृत्यु और अपंगता पर पुरानी पेंशन का प्रावधान है को हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
नई पेंशन में आने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी ना लगाई जाए
प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि संघ ने अपनी बैठक में निर्णय लेने के बाद इस संबंध में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मुख्य चुनाव आयुक्त हिमाचल प्रदेश को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया है कि जब तक कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना जिसमें मृत्यु और अपंगता पर पुरानी पेंशन का जो प्रावधान है उसको हिमाचल प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा तब तक चुनावों में नई पेंशन में आने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी ना लगाई जाए.
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि यदि चुनावों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी है तो चुनावों से पहले इस अधिसूचना को हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाए, ताकि कोरोना काल में हरेक कर्मचारी आश्वस्त हो यदि उसे कुछ होता है तो उसके परिवार को कम से कम आर्थिक रूप से कोई परेशानी नहीं होगी और यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो यह कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा.
अधिसूचना अभी तक जारी नहीं
महासंघ का कहना है कि मुख्यमंत्री ने स्वंय 14 दिसंबर 2018 को कर्मचारियों की रैली स्थल में पहुंचकर घोषणा की थी कि जल्द ही यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाएगा, लेकिन 2 वर्ष से अधिक समय होने के पश्चात भी यह अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है.