जोगिंदरनगर/मंडीः जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि आने वाले समय में जोगिंदर नगर शहर व आस-पास के गांवों के लिए जल्द ही एक नई पेयजल योजना बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस योजना का प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के माध्यम से जल्द ही शिलान्यास करवाया जाएगा. महेन्द्र सिंह ठाकुर आज जोगिंदर नगर विश्राम गृह में उपस्थित जन समूह को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर जोगिंदर नगर के विधायक प्रकाश राणा भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे.
162 करोड़ रूपये की विभिन्न पेयजल व सिंचाई योजनाओं पर हो रहा कार्य
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्याकाल के दौरान अकेले जोगिंदर नगर विधान सभा क्षेत्र के लिए लगभग 162 करोड़ रूपये की विभिन्न पेयजल व सिंचाई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. जिसमें लडभड़ोल क्षेत्र के लिए 35 करोड़, बसाही-लांगणा के लिए 33 करोड़, ब्यूंह के लिए 10 करोड़ की पेयजल योजनाएं, चौंतड़ा क्षेत्र के लिए 44 करोड़ तथा लडभड़ोल क्षेत्र के लिए लगभग 42 करोड़ रूपये की सिंचाई योजनाएं शामिल हैं.
गुम्मा क्षेत्र के लिए अलग से निर्मित की जाएगी पानी की स्कीम
इसके अतिरिक्त गुम्मा क्षेत्र के लिए अलग से पानी की स्कीम निर्मित की जाएगी. उन्होंने कहा कि जोगिंदर नगर विस क्षेत्र के प्रत्येक इलाके की पेयजल समस्या के समाधान के लिए जलशक्ति विभाग के माध्यम से लगातार कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पीने के पानी की समस्या पूरे प्रदेश भर में है तथा जलवायु परिवर्तन के कारण ये समस्या लंबे समय तक चल सकती है. ऐसे में पूरे प्रदेश में पेयजल समस्या के संपूर्ण समाधान के लिए प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार लगातार प्रयासरत है.
करोड़ों रूपयों की विभिन्न स्कीमों पर हो रहा काम
उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार के बनने से पहले तीन वर्षों तक प्रदेश में एक भी पानी की पाईप नहीं खरीदी गई. लेकिन प्रदेश की जयराम सरकार ने पेयजल पाईपों की समस्या को न केवल हल किया बल्कि आज प्रदेश में पर्याप्त पेयजल की पाईपें उपलब्ध हैं तथा करोड़ों रूपयों की विभिन्न स्कीमों पर कार्य किया जा रहा है.
जल जीवन मिशन में हिमाचल प्रदेश पूरे देश भर में अव्वल
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में हिमाचल प्रदेश पूरे देश भर में अव्वल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की समस्या के समाधान के लिए कई बड़े प्रोजेक्टस प्रदेश को स्वीकृत हुए हैं. जिनमें एशियन विकास बैंक के माध्यम से एक हजार करोड़ रूपये, नव विकास बैंक (ब्रिक्स) के माध्यम से 900 करोड़, एएफडी (फ्रांस बैंक) के माध्यम से प्रदेश में सीवरेज के लिए 500 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत हुई है.
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