मंडी: नेरचौक मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को पिछले चार माह से स्टाइपेंड नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर हो गए हैं. मेडिकल कॉलेज में विभिन्न विभागों के लगभग 25 जूनियर रेजिडेंट चिकित्सक सोमवार से हड़ताल पर हैं. चिकित्सकों का कहना है कि जब तक हमे स्टाइपेंड नहीं मिलता, हम अपनी सेवाएं नहीं देंगे और कॉलेज के प्रशासनिक भवन के बाहर हड़ताल पर बैठे रहेंगे.
डॉ. आदित्य शर्मा ने बताया कि सितंबर माह से लेकर अभी तक हमे जो निर्धारित स्टाइपेंड है, वो नहीं मिला है. जिससे हमें खर्चा निकालना मुश्किल हो गया है. पहले ही लाखों रुपए एमबीबीएस करने के लिए खर्च हो चुका है. अब स्टाइपेंड नहीं मिलने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अपनी समस्या के समाधान के लिए कई बार कॉलेज प्रबंधन से मिल चुके हैं. लिखित में भी कई बार दिया, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. चिकित्सकों का कहना है कि जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों को मिलने वाला स्टाइपेंड प्रदेश के सभी कॉलेज में समतल पर दिया जा रहा है. एक श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज ही है, जहां नहीं मिल रहा है.
चिकित्सकों ने कहा जब भी कॉलेज प्रबंधन से स्टाइपेंड की मांग की जाती है तो एक ही उत्तर मिलता है कि फंड समाप्त है. इसके लिए सरकार व स्वास्थ्य सचिव को लिखा गया है. हर बार आश्वासन के बाद कुछ नहीं हो रहा है. इसलिए अब सभी ने एकजुट होकर फैसला लिया है कि जब तक स्टाइपेंड नहीं मिलता हम काम पर नहीं जाएंगे. जूनियर रेजिडेंट दिन रात एक कर मरीजों को सेवा करने में लगे रहते हैं, लेकिन उसके बावजूद हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है. हम राज्य सरकार और स्वास्थ्य सचिव से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द स्टाइपेंड दिया जाए. ताकि हमें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. साथ ही अस्पताल आने वाले मरीज को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
वहीं, जब इस हड़ताल के बारे में प्राचार्य श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक डॉ. डीके वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन चिकित्सकों का पिछले चार महीनों से स्टाइपेंड नहीं मिला है, जिसको लेकर इन्होंने लिखित शिकायत भी दिया है. उनकी समस्या के समाधान के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है. जल्द ही स्टाइपेंड मिल जायेगा.
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