मंडी: आईआईटी मंडी में सामने आए भ्रष्टाचार व घोटालों की जांच मानव संसाधन मंत्रालय स्वयं करें. लोकसभा में शून्यकाल के दौरान आईआईटी कमांद मंडी का मामला उठाते हुए सांसद रामस्वरुप शर्मा ने यह शब्द कहे. उन्होंने कहा कि आईआईटी कमांद मंडी में केंद्रीय विद्यालय खोलने का विशेष प्रावधान है, लेकिन 10 वर्ष बीत जाने पर भी केंद्रीय विद्यालय नहीं खोला गया.
सांसद रामस्वरुप शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भवन का निर्माण करने के उपरांत भी निदेशक आईआईटी ने यह भवन(माईंड ट्री संस्था) को स्कूल चलाने के लिए ठेके पर दे रखा है जो कि अनुचित है और केंद्र सरकार के निर्देशों व व्यवस्थाओं का खुला उल्लंघन है. आईआईटी मंडी में व्याप्त घोटालों की जांच के लिए संसद में मांग की थी, लेकिन मानव विकास संसाधन मंत्रालय के उच्च अधिकारियों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के कहने पर भी कोई समिति गठित नहीं की. मंत्रालय के अधिकारियों का आंखें मूंदकर बैठना भी कई सवाल खड़े करता है.
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आईआईटी संस्थान के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सैंट्रल विजिलेंस कमीशन दिल्ली में भी शिकायतें की गई और सभी शिकायतों को मंत्रालय के पास कार्रवाही के लिए भेज दिया गया, लेकिन मजे की बात यह है कि वहां से हर बार शिकायतों को आईआईटी मंडी के आरोपित अधिकारियों के पास भेज दिया जाता है जिस कारण यहां पर भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से मांग की कि आईआईटी मंडी में हुए भ्रष्टाचार व घोटालों की जांच करने के लिए विशेष समिति का गठन किया जाए जो अनियमितताओं की जांच कर सरकार को सौंपे ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके.
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