सुंदरनगर: हिमाचल सरकार बाहरी राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को अपने घर तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल में फंसे प्रवासी मजदूर भी अपने घर जाने की मांग कर रहे हैं.
इसी के चलते जिला मंडी में रहने वाले सैकड़ों मजदूर बुधवार को एसडीएम कार्यालय सुंदरनगर पहुंच गए और यहां पर घर जाने की मांग करने लगे. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसडीएम राहुल चौहान, राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नोडल अधिकारी डीएफओ सुकेत सुभाष चंद पराशर और थाना प्रभारी कमलकांत टीम सहित आनन फानन में जवाहर पार्क पहुंचे और मजदूरों की समस्या सुनी.
इस संबंध में एसडीएम राहुल चौहान ने कहा कि बिहार राज्य से बात की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. बिहार सरकार की ओर से कहने पर ही इनको भेजने के लिए प्रबंध किए जा सकेंगे. एसडीएम ने मजदूरों को अपनी सरकार से इस मामले में कार्रवाई करने का भी सुझाव दिया है.
इस अवसर पर मौजूद नोडल अधिकारी डीएफओ सुकेत सुभाष चंद पराशर ने कहा कि बिहार वापिस जाने वाले मजदूर दिए गए फॉरमेट में अपनी संबंधित जानकारी उनके पास जमा करवाएं. उन्होंने कहा कि आगामी आदेशों के अनुसार ही मजदूरों की घर वापसी संभव होगी.
घर वापसी को लेकर भटक रहे प्रवासी मजदूर
जिला मंडी के सुंदरनगर क्षेत्र में फंसे प्रवासी मजदूर अपनी घर वापसी को लेकर भटक रहे हैं. अपने घर जाने को लेकर कभी पंचायत और कभी अधिकारियों से मांग कर चुके है. प्रवासी मजदूर अब गांव जाने के लिए परेशान हो गये हैं और पैदल ही घर वापसी की चेतावनी देने लगे है.
डीनक क्षेत्र के दायरे में करीब 400 प्रवासी मजदूर हैं. इन्होंने पंचायत और कई अधिकारियों से कई दिन से बिहार जाने की मांग की है, लेकिन इतने दिनों के बाद भी इन्हें कोई सही रास्ता नहीं मिल पाया है.
गौर हो कि बिहार के दो हजार प्रवासी मजदूर क्षेत्र के डीनक, राजगढ़, टिक्करी बैहना, सहित डढोह और भडयाल में काम करते हैं. इन मजदूरों को लॉक डाउन के चलते बीते दो महीनों से ही काम नहीं मिल रहा है. इसके चलते ये मजदूर अब घर जानेकी मांग कर रहे हैं.
सुंदरनगर के डीनक में मोहम्मद सहाबुदीन, जियाबुल हक, जागीर हुसैन, अबुतालीम, मौहम्मद मुसलिन और हरीश कुमार सहित अन्य मजदूरों ने कहा कि हम सभी लोग बिहार राज्य के किशनगंज जिला के विभिन्न गांवों से ताल्लुक रखते है. काम के लिए मंडी जिला में आए थे, लेकिन लॉक डाउन के कारण यहां काफी दिनों से फंस हुए हैं.
प्रवासी मजदूरों ने कहा कि बिहार के जिला किशन गंज से ही करीब दो हजार लोग यहां है, जो वापस जाने के लिए मांग कर रहे हैं. कई राज्य के लोगों को वापिस भेजा गया है, लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.
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