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अब होगा IIT मंडी के गोलमाल का भंडाफोड़, MHRD ने विजिलेंस ऑफिसर से 30 दिन में मांगा जबाव

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Published : Aug 11, 2019, 2:12 PM IST

आईआईटी मंडी में हुए गोलमाल का भंडाफोड़ होने वाला है. एमएचआरडी ने आईआईटी मंडी के सीवीओ यानी सेंटर विजिलेंस ऑफिसर से पूरे दस्तावेजों के साथ जबाव मांगा है.

IIT मंडी

मंडी: लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद अब आईआईटी मंडी में हुए गोलमाल का भंडाफोड़ होने वाला है. मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा द्वारा तीसरी बार सदन में मामला उठाने के बाद अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है.

बता दें कि आईआईटी मंडी में भाई-भतीजावाद चरम पर है. इसका खुलासा यहीं के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने किया था. वहीं, मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 29 जुलाई 2019 को संसद में तीसरी बार ये मामला उठाया. उसके बाद केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्रालय जागा और कार्रवाई की तरफ कदम आगे बढ़ाए. इससे पहले भी सांसद महोदय 31 जुलाई और 9 अगस्त 2018 को इस मामले को संसद में उठा चुके थे, लेकिन मंत्रालय ने आश्वासन के सिवाय और कुछ नहीं किया.

आईआईटी मंडी पर चहेतों को लाभ पहुंचाने का सबसे बड़ा आरोप है. यहां नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई हैं. आईआईटी ने नियमों के विपरित एक निजी स्कूल को संचालित करने के लिए अपनी करोड़ों की ईमारत दे रखी है. जबकि आईआईटी परिसर में सिर्फ केंद्रीय विद्यालय ही संचालित किया जा सकता है. इन सभी का खुलासा संस्थान के ही पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने मई 2018 में किया था.

वीडियो.

ये भी पढ़ें-विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा में जाने की खबरों का किया खंडन, कहा- हम कांग्रेस में हैं और रहेंगे

मीडिया में ये खुलासा करने के बाद उन्हें आईआईटी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया. सुजीत ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री तक को इसकी शिकायतें भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक की सुजीत स्वामी ने मंडी में धरना प्रदर्शन शुरू किया और विरोध स्वरूप अपने बाल तक मुंडवा लिए, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

वीडियो.

अब जाकर एमएचआरडी ने इन शिकायतों पर कार्रवाई शुरू की है. आईआईटी मंडी के सीवीओ यानी सेंटर विजिलेंस ऑफिसर से पूरे दस्तावेजों के साथ जबाव मांगा है. सुजीत स्वामी ने कार्रवाई शुरू करवाने के लिए मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा का आभार जताया है. सुजीत स्वामी ने उम्मीद जताई है कि एमएचआरडी पूरे मामले की सही और निष्पक्ष ढंग से जांच करके दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाही अमल में लाएगी.

बता दें कि इस मामले को लेकर सुजीत स्वामी समेत अन्य लोगों ने हिमाचल हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की है. वहीं, हाईकोर्ट ने भी आईआईटी मंडी से चार हफ्ते के अंदर जबाव दायर करने का आदेश दिया है. कहा जा सकता है कि आईआईटी मंडी पर अब चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है. यहां जो भी गोलमाल हुआ है उसके पटाक्षेप का समय आ गया है.

ये भी पढ़ें- संजौली महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे गायक विक्की चौहान, युवाओं को दिया खास संदेश

मंडी: लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद अब आईआईटी मंडी में हुए गोलमाल का भंडाफोड़ होने वाला है. मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा द्वारा तीसरी बार सदन में मामला उठाने के बाद अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है.

बता दें कि आईआईटी मंडी में भाई-भतीजावाद चरम पर है. इसका खुलासा यहीं के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने किया था. वहीं, मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 29 जुलाई 2019 को संसद में तीसरी बार ये मामला उठाया. उसके बाद केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्रालय जागा और कार्रवाई की तरफ कदम आगे बढ़ाए. इससे पहले भी सांसद महोदय 31 जुलाई और 9 अगस्त 2018 को इस मामले को संसद में उठा चुके थे, लेकिन मंत्रालय ने आश्वासन के सिवाय और कुछ नहीं किया.

आईआईटी मंडी पर चहेतों को लाभ पहुंचाने का सबसे बड़ा आरोप है. यहां नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई हैं. आईआईटी ने नियमों के विपरित एक निजी स्कूल को संचालित करने के लिए अपनी करोड़ों की ईमारत दे रखी है. जबकि आईआईटी परिसर में सिर्फ केंद्रीय विद्यालय ही संचालित किया जा सकता है. इन सभी का खुलासा संस्थान के ही पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने मई 2018 में किया था.

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मीडिया में ये खुलासा करने के बाद उन्हें आईआईटी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया. सुजीत ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री तक को इसकी शिकायतें भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक की सुजीत स्वामी ने मंडी में धरना प्रदर्शन शुरू किया और विरोध स्वरूप अपने बाल तक मुंडवा लिए, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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अब जाकर एमएचआरडी ने इन शिकायतों पर कार्रवाई शुरू की है. आईआईटी मंडी के सीवीओ यानी सेंटर विजिलेंस ऑफिसर से पूरे दस्तावेजों के साथ जबाव मांगा है. सुजीत स्वामी ने कार्रवाई शुरू करवाने के लिए मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा का आभार जताया है. सुजीत स्वामी ने उम्मीद जताई है कि एमएचआरडी पूरे मामले की सही और निष्पक्ष ढंग से जांच करके दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाही अमल में लाएगी.

बता दें कि इस मामले को लेकर सुजीत स्वामी समेत अन्य लोगों ने हिमाचल हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की है. वहीं, हाईकोर्ट ने भी आईआईटी मंडी से चार हफ्ते के अंदर जबाव दायर करने का आदेश दिया है. कहा जा सकता है कि आईआईटी मंडी पर अब चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है. यहां जो भी गोलमाल हुआ है उसके पटाक्षेप का समय आ गया है.

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Intro:मंडी। लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद अब आईआईटी मंडी में हुए गोलमाल का भंडाफोड़ होने वाला है। मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा द्वारा तीसरी बार सदन में मामला उठाने के बाद अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कार्रवाही करना शुरू कर दिया है। बता दें कि आईआईटी मंडी में भाई-भतीजावाद चरम पर है और इसका खुलासा यहीं के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने किया था।

Body:मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने बीती 29 जुलाई 2019 को संसद में तीसरी बार यह मामला उठाया। उसके बाद केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्रालय जागा और कार्रवाही की तरफ कदम आगे बढ़ाए। बता दें कि इससे पहले भी सांसद महोदय 31 जुलाई और 9 अगस्त 2018 को इस मामले को संसद में उठा चुके थे लेकिन मंत्रालय ने आश्वासन के सिवाय और कुछ नहीं किया।
आईआईटी मंडी पर चहेतों को लाभ पहुंचाने का सबसे बड़ा आरोप है। यहां नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई हैं। वहीं आईआईटी ने नियमों के विपरित एक निजी स्कूल को संचालित करने के लिए अपनी करोड़ों की ईमारत दे रखी है। जबकि आईआईटी परिसर में सिर्फ केंद्रीय विद्यालय ही संचालित किया जा सकता है। इन सभी का खुलासा संस्थान के ही पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने मई 2018 में किया था। मीडिया में यह खुलासा करने के बाद उन्हें आईआईटी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया। सुजीत ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री तक को इसकी शिकायतें भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक की सुजीत स्वामी ने मंडी में धरना प्रदर्शन शुरू किया और विरोध स्वरूप अपने बाल तक मुंडवा लिए, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जाकर एमएचआरडी ने इन शिकायतों पर कार्रवाई शुरू की है और आईआईटी मंडी के सीवीओ यानी सेंटर विजिलेंस ऑफिसर से पूरे दस्तावेजों के साथ जबाव मांगा है। सुजीत स्वामी ने कार्रवाई शुरू करवाने के लिए मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा का आभार जताया है। सुजीत स्वामी ने उम्मीद जताई है कि एमएचआरडी पूरे मामले की सही और निष्पक्ष ढंग से जांच करके दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाही अम्ल में लाएगी।

बाइट - राम स्वरूप शर्मा, सांसद, मंडी संसदीय क्षेत्र
बाइट - सुजीत स्वामी, पूर्व कर्मचारी, आईआईटी मंडी

Conclusion:बता दें कि इस मामले को लेकर सुजीत स्वामी सहित अन्य लोगों ने हिमाचल हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की है और हाईकोर्ट ने भी आईआईटी मंडी से चार सप्ताह के भीतर जबाव दायर करने का आदेश दिया है। कहा जा सकता है कि आईआईटी मंडी पर अब चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है और यहां जो भी गोलमाल हुआ है उसके पटाक्षेप का समय आ गया है।
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