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सड़क सुरक्षा सप्‍ताह में दिया जाएगा जीवन रक्षा का संदेश, बच्‍चे निकालेंगे रैली

सड़क सुरक्षा सप्‍ताह में दिया जाएगा जीवन रक्षा का संदेश, बच्‍चे निकालेंगे रैली

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Published : Feb 2, 2019, 10:40 PM IST

मंडी: जिला में 30वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 4 से 10 फरवरी तक मनाया जाएगा. इसे लेकर मंडी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने तैयारियों की समीक्षा बैठक ली.
डीसी ऋग्‍वेद ने बताया कि 4 फरवरी को मंडी के सेरी मंच से एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड के बच्चों सहित पुलिस विभाग के सहयोग से रैली आयोजित की जाएगी. जिसके द्वारा सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा का संदेश देते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा.

सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक
सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक

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5 फरवरी को विभिन्न स्कूलों व शिक्षण संस्थानों में सड़क सुरक्षा पर आधारित चित्रकला, नारा लेखन आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी. 6 फरवरी को जिला के विभिन्न स्कूलों व शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों और प्रतिनिधियों के लिए प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशानुसार मोटर वाहन अधिनियम-1999 पर आधारित जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा.
सात फरवरी को मंडी बस अड्डा के अतिरिक्त उप-मंडल स्तर पर ट्रक, बस, टैक्सी आदि वाहन चालकों के लिए उनकी आंखों की निशुल्क जांच की जाएगी. 8 फरवरी को विशेष वाहन निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा.
सप्ताहभर चलने वाले कार्यक्रमों के अतिरिक्त पुलिस, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग आदि द्वारा मोरथ के अनुसार सुनिश्चित की गई गतिविधियों को कार्यान्वित किया जाएगा.
बैठक में उपमंडलाधिकारी (ना.) करसोग अपूर्व देवगन, सदर डॉ. मदन कुमार, गोहर अनिल भारद्वाज, आदेशक गृह रक्षा वाहिनी संजीव लखनपाल, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कृष्ण चन्द, उप-पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कर्ण गुलेरिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानन्द चौहान, क्षेत्रीय प्रबन्धक गोपाल शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

मंडी: जिला में 30वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 4 से 10 फरवरी तक मनाया जाएगा. इसे लेकर मंडी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने तैयारियों की समीक्षा बैठक ली.
डीसी ऋग्‍वेद ने बताया कि 4 फरवरी को मंडी के सेरी मंच से एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड के बच्चों सहित पुलिस विभाग के सहयोग से रैली आयोजित की जाएगी. जिसके द्वारा सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा का संदेश देते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा.

सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक
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5 फरवरी को विभिन्न स्कूलों व शिक्षण संस्थानों में सड़क सुरक्षा पर आधारित चित्रकला, नारा लेखन आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी. 6 फरवरी को जिला के विभिन्न स्कूलों व शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों और प्रतिनिधियों के लिए प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशानुसार मोटर वाहन अधिनियम-1999 पर आधारित जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा.
सात फरवरी को मंडी बस अड्डा के अतिरिक्त उप-मंडल स्तर पर ट्रक, बस, टैक्सी आदि वाहन चालकों के लिए उनकी आंखों की निशुल्क जांच की जाएगी. 8 फरवरी को विशेष वाहन निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा.
सप्ताहभर चलने वाले कार्यक्रमों के अतिरिक्त पुलिस, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग आदि द्वारा मोरथ के अनुसार सुनिश्चित की गई गतिविधियों को कार्यान्वित किया जाएगा.
बैठक में उपमंडलाधिकारी (ना.) करसोग अपूर्व देवगन, सदर डॉ. मदन कुमार, गोहर अनिल भारद्वाज, आदेशक गृह रक्षा वाहिनी संजीव लखनपाल, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कृष्ण चन्द, उप-पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कर्ण गुलेरिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानन्द चौहान, क्षेत्रीय प्रबन्धक गोपाल शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

---------- Forwarded message ---------
From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Sat, Feb 2, 2019, 4:46 PM
Subject: बन्दरो के आतंक से परेशान बच्चे व स्कूल अध्यापक
To: <hpdesk@etvbharat.com>, <rajneeshkumar@etvbharat.com>





टोबा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में बंदरों ने मचा रखा उत्पात
-स्कूल बैग से खाना निकालकर पेड़ों पर चढ़ जाते हैं बंदर

बिलासपुर

 विद्यार्थियों की शिक्षा में उत्पाती बंदर खलल डाल रहे हैं। पिछले लंबे समय से विद्यार्थियों का जीना मुहाल कर रखा है। विडंबना यह है कि स्कूल के शुभारंभ पर बंदर प्रवेश कर जाते हैं और स्कूल बैग से खाना निकालकर रफूचक्कर हो जाते हैं जिससे विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टोबा में खुलेआम बंदरों को घूमते हुए देखकर ऐसा लगता है कि स्कूल में बच्चों के साथ बंदर भी शिक्षा ग्रहण करने हैं। अक्सर देखा गया है कि प्रात: स्कूल खुलते ही बंदर परिसर में  में पहुंचकर अपनी उछल कूद शुरू कर देते हैं। कई बार तो बंदर कक्षाओं में घुसकर स्कूल के रिकॉर्ड बच्चों की कॉपियों-किताबें उठाकर पेड़ों पर जा बैठते हैं। यही नहीं कई बार स्कूल के दफ्तर में रखे रिकॉर्ड को भी उठाकर ले जाते थे। बंदर बच्चों के बैग में से खाना व अध्यापकों के टिफन  उठाकर भी  पेड़ों पर चढ़ जाते हैं। स्कूल का स्टाफ  व बच्चों के अभिभावक हमेशा इसी बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि कहीं  हमारे बच्चे को बंदर  काट न लें।
अब तो स्थिति यह हो गई है कि अभिभावक  बच्चों को स्कूल भेजने  से कतराने लगे हैं। स्कूल खुलते ही बंदरों के झूंड स्कूल के गेट पर इक_ा हो जाते हैं, जिसके कारण बच्चों का और अध्यापकों का स्कूल में प्रवेश करना  मुश्किल हो जाता है। स्थानीय दुकानदारों की मानें तो एक महीना पहले उनकी दुकान के आगे एक महिला को बंदरों काट लिया था, जिसका इलाज स्थानीय पीएचसी टोबा में किया गया। बंदरों के कारण स्थानीय किसान व दुकानदार  भी परेशान हैं। बंदर किसानों की फसलों को उजाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, वहीं दुकानदारों का सामान भी बंदर पलक झपकते ही उठाकर नौ दो ग्यारह हो जाते हैं।
उधर, स्कूल के प्रधानाचार्य सुदर्शन कुमार शर्मा के अलावा स्थानीय निवासी द्वारका दास, नरेश कुमार, कुलदीप व रामदास चौधरी सहित अन्यों ने वन विभाग के आला अधिकारियों और जिला प्रशासन से समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस प्रयास करने की गुहार लगाई है ताकि परेशानी से राहत मिल सके।
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