मंडी: विशेष न्यायाधीश मंडी जिला (पॉक्सो) की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष कठोर कारावास व 1 लाख जमाने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा ना करने की सूरत में दोषी को 2 वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी. जानकारी के अनुसार एक साल पहले 6 जून 2022 को बल्ह क्षेत्र की एक पाठशाला में चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम पहुंची हुई थी.
स्कूल से ले जा रहा था जबरदस्ती: इस दौरान नशे की हालत में आरोपी स्कूल पहुंचा और पीड़िता को अपने साथ जबरदस्ती ले जाने लगा. पीड़िता ने जब जाने से मना किया तो आरोपी ने स्कूल अध्यापिका को नाबालिग का त्यागपत्र देने और उसका किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलवाने की बात कही. अध्यापिका और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने नाबालिग से बात की तो उसने आरोपी के साथ जाने से इंकार कर दिया.
नाबालिग ने बताई आपबीती: नाबालिग ने अध्यापिका व चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम को बताया कि आरोपी उसके साथ गलत काम करता है. बीती रात को भी आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया है. जिस पर पीड़िता और चाइल्ड हेल्पलाइन की शिकायत के आधार पर दोषी के खिलाफ बल्ह थाना में मामला दर्ज किया गया. मामले की छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी बल्ह द्वारा आरोपी के खिलाफ चालान अदालत में दायर किया गया.
पॉक्सो एक्ट के तहत सजा: उक्त मामले में अभियोजन पक्ष में अदालत में 19 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए. न्यायालय के समक्ष मुकदमे की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजन चानन सिंह, नितिन शर्मा व नवीना राही द्वारा की गई. अदालत ने गंभीर लैंगिक उत्पीड़न के आरोपी को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का दोष सिद्ध होने पर पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत 20 वर्ष कठोर कारावास व 1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई.
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