मंडी: हिमाचल प्रदेश में सरकार के पंचायती राज विभाग ने प्रदेश में हो रहे मनरेगा के कार्यों के लिए अब ऑनलाइन हाजिरी साइट पर जाकर लगाने के निर्देश पंचायत प्रतिनिधियों को जारी किए हैं. जिसका पंचायत प्रतिनिधियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. इसी विरोध के चलते शनिवार को पंचायती राज महासंघ सदर ब्लॉक ने एक मांग पत्र हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज विभाग को उपायुक्त के माध्यम से भेजा. (Panchayat representative against online attendance)
उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी के माध्यम से भेजे गए मांग पत्र में एनएमएमएस के तहत सभी मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी के फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग उठाई गई है. संघ का मानना है कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति अलग हैं और यहां पर मोबाइल में सिग्नल की दिक्कत रहती है. ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी पंचायत की हर साइट पर जाकर भेजना मुनासिब नहीं होगा.
साथ ही कुछ ऐसे भी पंचायत प्रतिनिधि हैं जिनके पास स्मार्ट फोन तक नहीं हैं. ऐसे में प्रदेश की पंचायतों में मनरेगा के तहत जारी सभी कार्य प्रभावित होंगे. पंचायती राज महासंघ के सदर ब्लॉक अध्यश शुभम शर्मा ने कहा कि यह फैसला धरातल पर किसी प्रकार का विचार विमर्श लेकर नहीं किया गया है, बल्कि यह एक प्रकार का थोपा गया फैसला है. जिसके कारण विकास कार्यों को पूरा करने में परेशानी आ सकती है.
वहीं, रेहन पंचायत प्रधान सुनीता कश्यप का कहना है कि वह इस निर्णय के बिल्कुल खिलाफ हैं और सरकार से इस प्रकार के आदेशों को तुरंत वापिस लेने की मांग उठाई गई है. बता दें कि मनरेगा में कई प्रकार की धांधलियां हाजरियों में की जाती है जो कि इस नए सिस्टम से दूर हो सकती हैं, लेकिन इसका पंचायत प्रतिनिधी विरोध कर रहे हैं.(Online attendance in Mandi) (Mandi Panchayat representative)
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