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चरस तस्कर को मिली 10 साल की सजा, 2016 में बरामद की गई थी करीब एक किलो चरस

चरस तस्करी का अभियोग साबित होने पर मंडी जिला अदालत ने एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है. आरोपी द्वारा जुर्माना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर उसे छह माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी.

sentenced Charas smuggler to 10 years imprisonment
sentenced Charas smuggler to 10 years imprisonment
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Published : Dec 28, 2019, 5:14 AM IST

मंडीः जिला एवं सत्र न्यायधीश आरके शर्मा की विशेष अदालत ने बलबीर सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है. अभियोजन पक्ष के अनुसार 16 फरवरी 2016 को बल्ह पुलिस थाना का एक दल मुख्य आरक्षी धर्मेन्द्र कुमार की अगुवाई में नागचला के पास नाकाबंदी पर तैनात था.

इस दौरान मंडी की ओर से आ रही हरियाणा रोडवेज की बस को जांच के लिए रोका गया. बस की चेकिंग के दौरान एक यात्री पुलिस दल को देखकर घबरा गया. पुलिस ने संदेह के आधार पर उक्त यात्री को बैग सहित बस से उतारा और उसके बैग की तलाशी ली.

तलाशी के दौरान आरोपी के कैरी बैग में से एक किलो 18 ग्राम चरस बरामद हुई. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने 10 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग को साबित किया.

वीडियो.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर चरस तस्करी का अभियोग साबित हुआ है. सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है जिसके चलते नरम रूख अपनाया जाए, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी को कड़ी सजा की दलील दी गई.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से व्यवसायिक मात्रा में चरस बरामद हुई है. जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है.

पढ़ेंः किन्नौर में पोषण अभियान के तहत लोगों किया जा रहा जागरूक, स्वच्छता का भी पढ़ाया जा रहा है पाठ

मंडीः जिला एवं सत्र न्यायधीश आरके शर्मा की विशेष अदालत ने बलबीर सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है. अभियोजन पक्ष के अनुसार 16 फरवरी 2016 को बल्ह पुलिस थाना का एक दल मुख्य आरक्षी धर्मेन्द्र कुमार की अगुवाई में नागचला के पास नाकाबंदी पर तैनात था.

इस दौरान मंडी की ओर से आ रही हरियाणा रोडवेज की बस को जांच के लिए रोका गया. बस की चेकिंग के दौरान एक यात्री पुलिस दल को देखकर घबरा गया. पुलिस ने संदेह के आधार पर उक्त यात्री को बैग सहित बस से उतारा और उसके बैग की तलाशी ली.

तलाशी के दौरान आरोपी के कैरी बैग में से एक किलो 18 ग्राम चरस बरामद हुई. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने 10 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग को साबित किया.

वीडियो.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर चरस तस्करी का अभियोग साबित हुआ है. सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है जिसके चलते नरम रूख अपनाया जाए, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी को कड़ी सजा की दलील दी गई.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से व्यवसायिक मात्रा में चरस बरामद हुई है. जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है.

पढ़ेंः किन्नौर में पोषण अभियान के तहत लोगों किया जा रहा जागरूक, स्वच्छता का भी पढ़ाया जा रहा है पाठ

Intro:मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी द्वारा जुर्माना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर उसे छह माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। Body:जिला एवं सत्र न्यायधीश आर के शर्मा की विशेष अदालत (एक) ने पधर तहसील के द्रुण (रोपा) गांव निवासी बलबीर सिंह पुत्र फतेह सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 16 फरवरी 2016 को बल्ह पुलिस थाना का एक दल मुख्य आरक्षी धर्मेन्द्र कुमार की अगुवाई में नागचला के पास नाकाबंदी पर तैनात था। इस दौरान मंडी की ओर से आ रही हरियाणा रोडवेज की बस को चेकिंग के लिए रोका गया। बस की चेकिंग के दौरान सीट नंबर 35 पर बैठा यात्री पुलिस दल को देखकर घबरा गया। पुलिस ने संदेह के आधार पर उक्त यात्री को उसकी गोद के नीचे रखे बैग सहित बस से उतारा और उसके बैग की तलाशी ली। तलाशी के दौरान आरोपी के कैरी बैग में से एक किलो 18 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने 10 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर चरस तस्करी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है जिसके चलते नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी को कड़ी सजा की दलील दी गई। Conclusion:अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से व्यवसायिक मात्रा में चरस बरामद हुई है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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