मंडी: जिला प्रशासन को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड (गोल्ड) से नवाजा गया है. जिला प्रशासन को आईआईटी मंडी के सहयोग से विकसित किए गए 'भूस्खलन निगरानी एवं प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली (Landslide Monitoring and Early Warning System) के लिए यह अवार्ड मिला है.
जिला प्रशासन ने प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड मिलने पर मंडी जिला की जनता को बधाई दी है और आईआईटी मंडी की पूरी टीम व सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के सहयोग की सराहना करते हुए आभार जताया है. वहीं, एडीएम श्रवण मांटा ने कहा कि भूस्खलन निगरानी एवं प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली लगाने से जिला में कई बहुमूल्य जीवन की रक्षा हुई है. जिला प्रशासन आगे भी आधुनिक तकनीकी के उपयोग को बढ़ावा देकर जनसेवा में तत्परता से काम करता रहेगा.
एडीएम श्रवण मांटा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कोटरूपी में वर्ष 2017 में हुए भयंकर भूस्खलन के उपरांत जिला प्रशासन इस बारे में सोच रहा था कि कोई ऐसी प्रणाली विकसित की जाए जिसके प्रयोग से सम्भावित क्षेत्रों में भूस्खलन हेतु प्रारम्भिक चेतावनी जारी की जा सके.
आईआईटी मंडी ने असरदार और किफायती प्रणाली विकसित की है
जिला प्रशासन के सहयोग से आईआईटी मंडी ने ऐसी असरदार और किफायती प्रणाली विकसित की है जो किसी भी भूस्खलन की संभावना को पहले ही भांप लेती है और यदि ऐसी कोई आशंका हो तो तुरंत इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से जिला प्रशासन व अन्य अधिकारियों को मिल जाती है और साथ ही ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हूटर तुरंत बजने लगता है.
वर्तमान में ऐसे 10 यंत्र लगे हैं
एडीएम ने बताया कि वर्तमान में ऐसे 10 यंत्र कोटरूपी, गुम्मा, हणोगी, थलौट व डयोड इत्यादि स्थानों पर लगाए गऐ हैं, जहां भू-स्खलन की सम्भावना अत्याधिक है. ये प्रणाली सम्भावित भूस्खलन का पता लगाने में बहुत की कारगर साबित हुई है और जिला प्रशासन अन्य सम्भावित खतरे वाले स्थानों पर इसे लगाने पर विचार कर रहा है.
बता दें कि स्कॉच अवार्ड के लिए पूरे भारतवर्ष से 1100 से अधिक सरकारी व निजि प्रतिभागियों ने भाग लिया था और 22 दिसंबर को दिनभर चली छंटनी प्रक्रिया के उपरान्त जिला प्रशासन मंडी को बचाव एवं सुरक्षा श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है.